बिहार पुलिस के एडीजी के द्वारा किसानों को हत्यारा बताए जाने पर सियासत गर्मा गई है

बिहार पुलिस के एडीजी के द्वारा किसानों को हत्यारा बताए जाने पर सियासत गर्मा गई है

किसानों को काम नहीं रहता तो मई-जून में ज्यादा मर्डर- एडीजी कुंदन कृष्णन

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बिहार के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) कुंदन कृष्णन को अपनी आंखों की जांच कराने की नसीहत दी है। किसानों को हत्यारा बताने वाले एडीजी के बयान पर पलटवार करते हुए पीके ने कहा कि यह ऐसे अफसर और सरकार की मानसिकता को दिखाता है। हत्या की जिम्मेदारी लेने और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की बजाय किसानों पर दोषारोपण किया जा रहा है।

प्रशांत किशोर ने गुरुवार को बांका जिले के अमरपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान दावा किया कि आने वाले दिनों में बिहार में कानून व्यवस्था और बिगड़ेगी। उन्होंने कहा कि पूरा प्रशासन शराब और बालू से कमाई करने में लगा है। मंत्री ट्रांसफर- पोस्टिंग से उगाही कर रहे हैँ। सरकार का मुखिया ही अचेतन अवस्था में है, तो हालात बिगड़ेंगे।

पटना शूटआउट पर बोलते हुए पीके ने कहा कि पारस अस्पताल का वीडियो देख लें, पैंट-शर्ट पहनकर अपराधी बंदूक निकालकर मर्डर करते हुए दिख रहे हैं। एडीजी कुंदन कृष्णन को अगर ये किसान नजर आते हैं, तो उन्हें अपनी आंखों की जांच करवाने की जरूरत है।

बता दें कि पटना के पारस अस्पताल में पैरोल पर इलाज करा रहे गैंगस्टर चंदन मिश्रा की गुरुवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसके बाद एडीजी ने कहा कि किसानों को अप्रैल से जून तक काम नहीं रहता, इसलिए उस महीने ज्यादा मर्डर होते हैं.

पटना के पारस अस्पताल में घुसकर इलाजरत गैंगस्टर चंदन मिश्रा की हत्या के बाद एडीजी कुंदन कृष्णन का एक बयान आया है जो हैरत में डालने वाला है। अपराध के सवाल को उन्होंने किसानों से जोड़ दिया है। बिहार में बढ़ते क्राइम ग्राफ पर उन्होंने कहा है कि अप्रैल, मई, जून में किसानों के पास काम नहीं होता उस समय ज्यादा मर्डर होते हैं। चार जुलाई को गोपाल खेमका हत्या कांड के बाद पटना में एक के बाद एक मर्डर से बिहार पुलिस की नींद उड़ी है। एडीजी के बयान पर सियासत शुरू हो गई है। राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा है कि उनका यह बयान बिहार के आम आवाम को निराश करने वाला है।

कुंदन कृष्णन ने कहा है कि राज्य में हाल के दिनों हत्या कांडों को अंजाम दिया गया है। वर्षों से मई और जून में ज्यादा हत्याएं होती आई हैं। अप्रैल, मई और जून में जबतक बरसात नहीं होती है तबतक यह सिलसिला जारी रहता है क्योंकि ज्यादातर किसानों को कोई काम नहीं रहता। बरसात होने के बाद कृषक समाज के लोग लोग व्यस्त हो जाते हैं तो घटनाएं कम हो जाती हैं। उन्होंने कहा है कि चुनावी साल में हो रही हत्या की घटनाएं ज्यादा चर्चा में हैं

एडीजी ने कहा कि पैसों के लिए युवा पीढ़ी सुपारी किलिंग में फंस रही है। तो उन पर काबू करने के लिए नए सेल का गठन किया गया है। यह सेल राज्य के सभी जिलों से कॉन्ट्रैक्ट किलर का इन्फॉर्मेशन इकट्ठा कर रहा है। डाटाबेस बनाकर काम किया जाएगा और कॉन्ट्रैक्ट किलरों से निपटा जाएगा। सुपारी सेल में किलर का फोटो, नाम, पता समेत तमाम जानकारी एकत्र करके रखी जाएगी और उनपर गहराई से काम किया जाएगा।

एडीजी के बयान पर राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा है कि कुंदन कृष्णन अपनी नहीं बल्कि सरकार द्वारा जो लिखकर दिया गया है उसे पढ़ते नजर आए। राज्य के किसानों के अपराधी बताया जा रहा है। यह बात बहुत शर्मनाक है। डीजीपी को इस पर संज्ञान लेना चाहिए।

 

 

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