
प्रबोधिनी (देवउठनी) एकादशी 1 नवंबर को श्रद्धा व आस्था के साथ मनाई जायेगी।
श्रीनारद मीडिया, दारौंदा, सिवान (बिहार)।
सिवान जिला सहित दारौंदा प्रखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों में 1 नवंबर शनिवार को प्रबोधिनी एकादशी (देवउठनी एकादशी) का व्रत श्रद्धा एवं आस्था के साथ मनाया जाएगा।
कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को प्रबोधिनी एकादशी कहा जाता है, जिसे देवउठनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु चार माह के योगनिद्रा से जाग्रत होते हैं, जिससे शुभ कार्यों की पुनः शुरुआत होती है।

शनिवार को भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना कर तुलसी विवाह, दीपदान और कथा श्रवण करेंगे। तुलसी के पौधे को साक्षी मानकर भगवान विष्णु और तुलसी का विवाह कराया जाएगा।
इस दिन सुथनी और गन्ने यानि ईख प्रसाद के रूप में भगवान को चढ़ाते हैं, उसके बाद इसे परिवार के सदस्यों में वितरण कर ग्रहण करते हैं।
शास्त्रों के अनुसार इस दिन से विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे मांगलिक कार्यों की शुरुआत की जाती है।
पंडितों के अनुसार, इस दिन प्रातःकाल स्नान-ध्यान कर व्रत रखना और भगवान विष्णु की पूजा करने से पापों का नाश होता है एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है तथा धन धान्य में वृद्धि होती हैं।


