बंगाल में चुनाव बाद हिंसा में मारे गये लोगों को मिलेगा दो लाख का मुआवजा-ममता बनर्जी.
बंगाल के 21.79 लाख किसानों मिलेंगे 18-18 हजार रुपये-ममता बनर्जी.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज ऐलान किया कि बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा में मारे गये लोगों को बिना भेदभाव के दो-दो लाख रुपये का मुआवजा दिया जायेगा.
ममता बनर्जी ने कहा कि इलेक्शन कमीशन के अनुसार चुनाव बाद हुई हिंसा में 16 लोग मारे गये जिनमें से आधे टीएमसी के और आधे भाजपा के थे, एक व्यक्ति संयुक्त मोरचा का था.
ममता बनर्जी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि भाजपा के लोग पूरे प्रदेश में घूम रहे थे और लोगों को उकसा रहे थे. वे अपनी हार को स्वीकार करना ही नहीं चाह रहे थे.
नयी सरकार का गठन हुए 24 घंटे भी नहीं हुए और वे लेटर भेजने लगे अपने नेताओं को बुला लिया. दरअसल वे जनादेश को स्वीकार करना ही नहीं चाहते. मैं उनसे यह आग्रह करती हूं कि वे जनादेश को स्वीकार करें.
गौरतलब है कि बंगाल में चुनाव बाद जमकर हिंसा हुई. भाजपा का आरोप है कि टीएमसी के गुंडों ने भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं को पीटा. पांच मई को ममता बनर्जी ने नये मुख्यमंत्री की शपथ ली.
शपथ के बाद उन्होंने प्रदेश में कोरोना के खिलाफ जंग की शुरुआत की और कई तरह की पांबदियां लगायीं जिनमें से एक लोकल ट्रेन का परिचालन बंद करना भी था.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर कहा है कि 21.79 लाख किसानों को 18-18 हजार रुपये दें. ममता ने कहा है कि आपने बंगाल यात्रा के दौरान बार-बार कहा है कि किसानों को पीएम किसान योजना का बकाया 18-18 हजार रुपया देंगे. कृपया संबद्ध मंत्रालय को इस बारे में निर्देशित करें.
ममता बनर्जी की ओर से 6 मई, 2021 को प्रधानमंत्री को संबोधित एक चिट्ठी को न्यूज एजेंसी ने ट्वीट किया है. इसमें ममता बनर्जी ने लिखा है कि उन्होंने केंद्रीय कृषि मंत्री को 31 दिसंबर 2020 को चिट्ठी लिखकर पीएम-किसान (प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि) का लाभ बंगाल के सभी किसानों को देने का आग्रह किया था. इस संबंध में कई बार चिट्ठी लिखी गयी, लेकिन उस पर कृषि विभाग ने फैसला नहीं लिया.
ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार के नियम के मुताबिक 5 महीने पहले ही राज्य सरकार ने स्टेट नोडल एजेंसी और स्टेट नोडल ऑफिसर की नियुक्ति कर दी. साथ ही दो बैंक अकाउंट (स्टेट नेशनल अकाउंट और एडमिनिस्ट्रेटिव अकाउंट) भी खोले गये. कृषि मंत्रालय को इसका पूरा विवरण उपलब्ध कराया गया.
ममता बनर्जी ने कहा कि जिन 21.79 लाख किसानों ने पीएम किसान योजना के लिए अपना नाम पंजीकृत करवाया है, उनमें से 14.91 लाख लोगों के नाम पोर्टल पर 5 नवंबर 2020 को ही अपलोड कर दिये गये. इन नामों का वेरिफिकेशन हो चुका है और 9.84 लाख डाटा पीएफएमएस के लिए तैयार हैं.
ममता बनर्जी ने इसके साथ ही अपनी सरकार की ओर से चलायी जा रही कृषक बंधु स्कीम की तारीफ भी की है. कहा है कि दिसंबर, 2018 में बंगाल सरकार ने इस योजा की घोषणा की थी और इसके तहत 57.67 लाख किसानों को अब तक 1,498 करोड़ रुपये का वितरण योग्य किसानों के बीच किया जा चुका है.
ममता बनर्जी ने आगे लिखा है कि 242 करोड़ रुपये ऐसे परिवारों को दिये गये हैं, जहां 60 साल से कम उम्र में किसान की मौत हो गयी. ये आंकड़े फरवरी, 2021 तक के हैं. ममता बनर्जी ने लिखा है कि उनकी सरकार की योजना का लाभ राज्य के सभी किसानों को मिल रहा है. दूसरी तरफ, केंद्र की पीएम-किसान योजना का लाभ सभी लोगों को नहीं मिल रहा.
ममता ने कहा है कि बटाईदारों को, पेंशन पाने वालों को, नौकरीपेशा, रिटायर्ड कामगारों, इनकम टैक्स देने वालों को केंद्र की योजना से वंचित कर दिया गया है. दूसरी तरफ, बंगाल सरकार की कृषक बंधु योजना में 60 साल से कम उम्र में किसानों के निधन पर उनके लिए 2 लाख रुपये की सहायता देने का प्रावधान किया गया है.
शपथ लेते ही मुश्किल में ममता बनर्जी! चुनाव के बाद हिंसा की जांच के लिए केंद्र की टीम बंगाल पहुंची
ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि वह कृषि मंत्रालय से कहें कि वह 21.79 लाख किसानों का पूरा डाटा जारी करे. साथ ही उनके हिस्से का 18-18 हजार रुपये का फंड भी जारी करे. ज्ञात हो कि पीएम मोदी ने चुनाव से पहले कहा था कि भाजपा की सरकार बंगाल में बनी, तो यहां के किसानों के खातों में तीन साल का बकाया 18 हजार रुपये भी भेज दिया जायेगा.
बंगाल चुनाव 2021 में भाजपा की हुई है हार
बंगाल चुनाव 2021 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बुरी तरह से पराजित हुई है. 200 से ज्यादा सीटें जीतकर सरकार बनाने का दावा करने वाली भाजपा महज 77 सीटें ही जीत पायी. हालांकि, यह भी उसकी बहुत बड़ी जीत है. 2016 में उसने सिर्फ 3 सीटें जीतीं थीं. वहं, तृणमूल कांग्रेस ने सबसे बड़ी जीत दर्ज करते हुए 213 सीटों के साथ सत्ता में वापसी की.
यही वजह है कि शपथ लेने के साथ ही बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र की सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. भाजपा हार पर मंथन भी शुरू नहीं कर पायी है और ममता बनर्जी ने अपने एजेंडा पर काम करना शुरू कर दिया है.
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