केंद्रीय मंत्रियों को भी कोविड 19 निगेटिव रिपोर्ट के बिना बंगाल में नहीं मिलेगी एंट्री-ममता

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पश्चिम बंगाल में गृह मंत्रालय की 4 सदस्यीय टीम,गवर्नर से  ने मांगी रिपोर्ट.

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

 

पश्चिम बंगाल में तीसरी बार सत्ता संभालने के बाद सख्त पाबंदियों का ऐलान करने वालीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अब नया फरमान जारी किया है। उन्होंने कहा है कि केंद्रीय मंत्रियों को भी कोविड-19 निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट के बिना राज्य में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। राज्य सरकार ने बुधवार को गाइडलाइंस जारी करते हुए कहा था कि विमान, लंबी दूरी की ट्रेनों और बसों से राज्य में आने वाले लोगों को कोरोना निगेटिव रिपोर्ट भी दिखानी होगी।

बनर्जी ने कहा, ”मंत्रियों सहित कोई भी राज्य के बाहर से आता है तो उसके पास टेस्ट रिपोर्ट होनी चाहिए। यह खासकर बाहरी लोगों पर लागू होता है। हम उन लोगों की रिपोर्ट भी जांचेंगे जो विशेष विमान से आ रहे हैं। कानून में भेदभाव नहीं हो सकता है। यदि कोई यात्री रिपोर्ट के साथ नहीं आता है तो हम उसकी जांच करेंगे और पॉजिटिव पाए जाने पर क्वारंटाइन सेंटर या होटल में भेजेंगे, जिसका खर्च वह स्वंय उठाएगा।”

ममता बनर्जी ने केंद्रीय मंत्रियों को लेकर यह फरमान ऐसे समय पर जारी किया है जब राज्य में चुनावी नतीजों के बाद हो रही हिंसा के बाद दिल्ली से बीजेपी के बड़े नेताओं और मंत्रियों का राज्य में आने का सिलसिला शुरू हो गया है। गुरुवार को केंद्रीय टीम भी हिंसा की जांच के लिए पहुंची है तो राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम भी अगले कुछ दिनों में हिंसा की जांच को लेकर आ सकती है। दो दिन की यात्रा के बाद बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा लौटे हैं तो अब केंद्रीय मंत्री वी. मुरलीधरन यहां मौजूद हैं, जिनके काफिले पर पश्चिमी मिदनापुर में हमला हुआ है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने चार सदस्यों की एक टीम का गठन किया है जो पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद हुए हिंसा मामलों की जांच करेगी। साथ ही यह टीम राज्य में ऐसी हिंसक घटनाओं के तह तक जाएगी। इसके अलावा राज्य के हालात पर वहां के गवर्नर से बिना समय गवाएं रिपोर्ट देने को कहा है।

टीम का नेतृत्व मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव कर रहे हैं। टीम अपने काम के लिए राज्य में आज सुबह पहुंच चुकी है। बुधवार को मंत्रालय की ओर से पश्चिम बंगाल सरकार को  इन हिंसा के मामलों में रिपोर्ट सौंपने व बिना समय गंवाए इसे रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा है।

मंत्रालय की ओर से चेतावनी दी गई थी कि यदि राज्य सरकार इसे रोकने में असफल रही तो गंभीर फैसला लेना होगा। मंगलवार तक राज्य के विभिन्न हिस्सों में कम से कम 6 लोगों की मौत हो गई। भाजपा ने आरोप लगाया है कि तृणमूल कांग्रेस के असामाजिक तत्वों ने इसके पार्टी वर्करों पर हमला किया और जान ले ली। वहीं पार्टी के महिला सदस्यों पर भी हमला बोला, उनके घरों को तहस-नहस कर दिया।

भाजपा ने दावा किया कि चुनाव के बाद हुए हिंसा की घटनाओं में करीब 14 BJP वर्करों की मौत हो गई और करीब 1 लाख लोग अपने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर हो गए। पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बुधवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चुप्पी इन मामलों में उनके शामिल होने के बारे में सब कह रही है। हालांकि ममता बनर्जी ने अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि ये हिंसक घटनाएं जिस क्षेत्र में हो रही वहां भाजपा प्रशासन की चुनाव में जीत हुई है।

हिंसा पर रिपोर्ट न भेजने से केंद्रीय गृह विभाग बंगाल सरकार से खफा

बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से जारी हिंसा पर अब तक रिपोर्ट न भेजे जाने से केंद्रीय गृह विभाग खफा है और राज्य सरकार को चेतावनी भरे लहजे में दूसरा पत्र जारी किया है। केंद्रीय गृह विभाग ने सूबे के मुख्य सचिव को बुधवार को एक और पत्र भेजा।

दो दिन पहले सोमवार को केंद्र की ओर से राज्य के मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय को पत्र लिखकर हिंसा की घटनाओं पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई थी। अभी तक केंद्र को रिपोर्ट नहीं मिली है। दूसरे पत्र के माध्यम से राज्य के मुख्य सचिव को चेताया गया है कि रिपोर्ट तत्काल भेजें। अगर इस पत्र के बाद यथाशीघ्र रिपोर्ट नहीं भेजी गई तो गृह विभाग द्वारा इसे अत्यंत गंभीर मानते हुए आवश्यक कार्रवाई के लिए कदम उठाया जाएगा।

केंद्रीय गृह विभाग के सूत्रों के मुताबिक बुधवार को भेजे गए पत्र में लिखा गया है कि तीन मई को ही रिपोर्ट तलब की गई थी, लेकिन रिपोर्ट अब तक नहीं मिली है। बता दें कि बंगाल के कई हिस्सों में चुनाव परिणाम आने के बाद से हिंसा का दौर जारी है। भाजपा की ओर से कहा गया है कि अब तक उसके 14 कार्यकर्ताओं की हत्या की जा चुकी है। वहीं पूरे राज्य में लगातार हमले, लूटपाट, तोड़फोड़ और आगजनी की जा रही है। भाजपा ही नहीं, इस हिंसा को लेकर प्रदेश के वामपंथी और कांग्रेसी नेताओं ने भी सवाल उठाए हैं।

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