सेवा और संकल्प का भाव जीवन में उतारें -रामाशीष
* मौलिक चिंतन का संरक्षण हम सभीं का दायित्व
श्रीनारद मीडिया, डॉ विजय कुमार पाण्डेय, सीवान (बिहार):
सीवान नगर के विजयहाता महावीरी सरस्वती विद्या मंदिर में ‘गुरुदक्षिणा महोत्सव’ पर आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रज्ञा प्रवाह के क्षेत्रीय संयोजक रामाशीष ने कहा कि मनुष्य को अपना जीवन सेवा और संकल्प के भाव के साथ जीना चाहिए।क्योंकि हमारा देश भारत प्रचंड उपासना का संदेश हमें प्राचीन काल से देता रहा है।
उन्होंने अपने सम्बोधन में आगे कहा कि मौलिक चिंतन का संरक्षण हम सभी का दायित्व है। राष्ट्र का चिंतन हमारी जीवन पद्धति में शामिल हो ऐसा प्रयास हम सभी को करना चाहिए । हमे अपनी ख़ुशी के क्षण अपने भीतर तलाशना चाहिए । इससे सेवा औऱ संकल्प का भाव जागृत होता है ।
मीडिया में आये दिन चलने वाले टीवी डिबेट के संदर्भ में अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि अनौचित्य पूर्ण, संदर्भ से परे असामयिक विषयों पर चर्चा स्वस्थ वातावरण के निर्माण में उपयोगी नही है।उन्होंने कहा कि हिन्दू इस देश का प्राण है।देश को विघटित करनेवाली शक्तियां तेजी से बढ़ रही है।हमें हिंदुत्व एवम हिन्दू जीवन दर्शन को अपने जीवन में आत्मसात कर राष्ट्र के लिए अपना समर्पण हर हाल में सुनिश्चित करना चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध शल्य चिकित्सक,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संघ चालक डॉ विनय कुमार सिंह ने किया।कार्यक्रम में विद्यालय के प्राचार्य ,प्रोफेसर, शिक्षक, ,चिकित्सक तथा सैकड़ों की तादाद में बुद्धिजीवी एवम गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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