भिखारी ठाकुर के 135वें जयंती समारोह में भोजपुरिया प्रदेश बनाने की उठी मांग

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*भोजपुरिया संगठनों से एक मंच पर आने का आह्वान, भोजपुरी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करें सरकार –  युगल किशोर दूबे

*भिखारी ठाकुर के नाटकों में आम आदमी की पीड़ा का चित्रण

श्रीनारद मीडिया, सीवान(बिहार):

सीवान शहर के निराला नगर स्थित माध्यमिक शिक्षक भवन के सभागार में भोजपुरी विकास मंडल के तत्वावधान में भोजपुरी भाषा के शेक्सपीयर भिखारी ठाकुर के जयंती समारोह का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता युगल किशोर दूबे ने की। मौके पर वक्ताओं ने कहा कि भिखारी ठाकुर जनमानस के साहित्यकार थे।

गायक भिखारी ठाकुर द्वारा समाज की संवेदनशील समस्याओं को अपने नाटक तथा काव्य ग्रंथों में उद्धृत कर जनमानस की पीड़ा को दर्शाने का सराहनीय कार्य किया है।समारोह को संबोधित करते हुए भोजपुरिया विद्वानों ने भोजपुरी भाषा के विकास में स्व भिखारी ठाकुर के योगदान की सराहना की.

पत्रकार डॉ मधु ने सारण के तत्कालीन सांसद स्व नारायण बाबू द्वारा हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाए जाने की संसद में की गई मांग का उल्लेख करते हुए कहा कि आज स्व नारायण बाबू जैसे व्यक्ति की आवश्यकता है, जो भोजपुरी भाषा को महिमामंडित करने के लिए संविधान की आठवीं सूची में शामिल कराने के लिए संसद में मांग करें. उन्होंने कहा कि इसके लिए हम सभी लोगों को एक मंच पर आकर भोजपुरी भाषा के उत्थान के लिए संघर्ष करना होगा.

 

मौके पर डॉ जाहिद सिवानी “ पेश करता है दिल वफा का पयाम आज की बजम है उन्हीं के नाम उम्र जिसकी कटी ड्रामों में उस कलाकार को हमारा सलाम ”. शिक्षक नेता उपेंद्र प्रसाद यादव प्रधान ने भिखारी ठाकुर के बिदेशिया, गोबरघिचोड़ आदि नाटकों का उल्लेख कर अपनी भोजपुरी भाषा की रचनाओं को प्रस्तुत कर भोजपुरी भाषा को आम जनमानस की भाषा करार दिया.उन्होंने भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने का आह्वान करते हुए कहा कि जनगणना में मातृभाषा भोजपुरी को दर्ज कराने की आवश्यकता है। इससे भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने में बल मिलेगा.

डॉ जाहिद सीवानी ने अपने संबोधन में कहा कि भोजपुरी भाषा को सबसे अधिक खतरा भोजपुरी भाषियों से है। उन्होंने कहा कि भोजपुरी भाषा के नाम पर तमाम संगठन अलग-अलग रूप से कार्यक्रम का संचालन में सहयोग कर रहे हैं, उन्हें भोजपुरी भाषा को महिमामंडित करने के लिए एक मंच पर आना होगा। एक मंच पर आए बिना भोजपुरी भाषा का विकास नहीं हो सकता है।

समारोह को पूर्व प्राचार्य ब्रजदेव सिंह यादव,शायर डॉ असगर अली,शायर अधिवक्ता रवींद्र सिंह, मो मलीह खान, अखिलेश्वर दीक्षित बामदेव प्रसाद, आरती अलोक श्रीवास्तव,साहेब सिंह विजेता,अली इमाम, जयप्रकाश, मुन्ना मिश्र,अमन वर्मा,शशिभूषण यादव,प्रो इंद्रजीत चौधरी,शत्रुघ्न कुशवाहा, रमेश उपाध्याय, मुरलीधर मिश्र,रामनरेश सिंह, डॉ श्यामशंकर प्रसाद, प्रो बसन्त, असी अहमद,सुरेशचंद्र पांडे त्यागी व बसावन गुप्ता आदि ने संबोधित किया.।

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