जनरल बिपिन रावत:कठिन परिस्थितियों से लड़ने वाले जांबाज योद्धा.

जनरल बिपिन रावत:कठिन परिस्थितियों से लड़ने वाले जांबाज योद्धा.

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

आतंकियों को घर में घुसकर मारने वाली सर्जिकल स्ट्राइक के चाणक्य, माँ भारती के जांबाज वीर सपूत, अदम्य साहस की साक्षात प्रतिमूर्ति, देश पर अपना सर्वस्व कुर्बान करने के लिए हर वक्त तत्पर रहने वाले एक महान योद्धा और देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के पद को सुशोभित करने वाले वीर जनरल बिपिन रावत के असमय निधन ने प्रत्येक देशभक्त भारतीय को झकझोर कर रख दिया।

देश के प्रथम सीडीएस की पत्नी व 11 अन्य सहयोगी स्टाफ की हेलीकॉप्टर क्रैश में मृत्यु की खबर आने से देश में शोक की लहर व्याप्त है। जनरल बिपिन रावत उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में 16 मार्च 1958 को सैन्य पृष्ठभूमि वाले परिवार में लक्ष्मण सिंह रावत के घर पैदा हुए थे, उनका परिवार कई पीढ़ियों से सेना में शामिल होकर लगातार देश सेवा कर रहा था। जनरल बिपिन रावत, सेंट एडवर्ड स्कूल, शिमला और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकसला के एक बहुत ही होनहार छात्र थे।

उनको दिसंबर 1978 को भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से 11वें गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटालियन में नियुक्त किया गया था। उनकी नियुक्ति के समय बड़े संयोग की बात यह रही की इस बटालियन में ही उनके पिता लक्ष्मण सिंह रावत ने अपनी सैन्य सेवाएं दी थी और बाद में वह सेना के लेफ्टिनेंट जनरल के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उनको बहादुरी पारिवारिक विरासत में मिली थी, जिस विरासत की रक्षा के लिए वह हर वक्त तत्पर रहते थे।

देश के अंदुरुनी हिस्सों व दुर्गम सीमाओं पर कठिन परिस्थितियों में सफल रणनीति बनाकर काम करने के लिए मशहूर जनरल बिपिन रावत को देश के विभिन्न भागों में नासूर बन गये आतंकवाद के सफाया का बहुत लंबा अनुभव प्राप्त था, उन्होंने पूर्वोत्तर के राज्यों में आतंकवाद के सफाये के लिए बड़े अभियान चलाये थे, वर्ष 2015 में पुर्वोत्तर में घटित एक आतंकियों के हमले की घटना के बाद म्यांमार में सीमा पार करके घुसकर आतंकियों का सफाया करना उनकी आक्रामक कार्यशैली को दर्शाता है,

जम्मू-कश्मीर के उरी में सैन्यबलों के काफिले पर आतंकियों के हमले की कयराना घटना के बाद वर्ष 2016 में एलओसी पार जाकर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक करना उनके सैन्य कार्यकाल की एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। वर्ष 2017 में डोकलाम में सड़क निर्माण को लेकर जब भारतीय और चीनी सेनाएं आमने-सामने थी और दोनों सेनाओं के बीच युद्ध जैसी स्थिति 70 से ज्यादा दिनों तक चली थी उस वक्त सेना प्रमुख जनरल रावत की अगुआई में भारतीय सेनाओं ने चीनी सेना का डटकर सामना किया था और आखिर में चीनी सेना को पीछे हटने पर मजबूर किया था। जनरल बिपिन रावत हमेशा भारत की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान से बड़ा खतरा चीन को मानते थे,

उनकी यह बात गलवान घाटी में सत्य भी हुई जब चीनी सैनिकों ने भारत के भूभाग में जबरन घुसने का दुसाहस किया था और भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब दिया था। जम्मू-कश्मीर में उन्होंने विभिन्न छोटे-बड़े अभियान चलाकर आतंकियों के सफाये का कार्य किया, वहीं राज्य में अनुच्छेद 370 हटाने के वक्त पूरी दुनिया ने उनके बेहतरीन सैन्य प्रबंधन को देखा है। वह देश के ऊंचाई वाले दुर्गम युद्ध क्षेत्रों में सैन्य अभियान चलाने के विशेषज्ञ थे, वह एलओसी व एलएसी पर बनने वाली हर तरह की हालातों और उसके चप्पे-चप्पे से वाकिफ थे, रावत को देश के अंदर आतंकवाद रोधी अभियानों में काम करने का वर्षों का एक बहुत लंबा अनुभव था।

जनरल बिपिन रावत को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए ‘परम विशिष्ठ सेवा मेडल’ दिया गया था, उन्हें उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ठ सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल, सेना मेडल, विशिष्ठ सेवा मेडल जैसे बेहद महत्वपूर्ण सम्मानों से समय-समय पर सम्मानित किया गया था, उन्हें ‘स्वॉर्ड ऑफ़ ऑनर’ से भी सम्मानित किया गया था। जनरल बिपिन रावत ने अपने बुलंद हौसलों के दम पर उत्तराखंड के पौड़ी जनपद के छोटे से सैण गांव से दिल्ली के ताकतवर सत्ता के गलियारों रायसीना हिल्स तक का सफर पूर्ण स्वाभिमान के साथ तय किया था। उनको 31 दिसंबर 2016 को सेनाध्यक्ष नियुक्त किया गया था, जनरल रावत को 30 दिसंबर 2019 को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) नियुक्त किया गया था।

इस भूमिका में जनरल रावत ने सशस्त्र बलों के तीन विंग भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना के बीच बेहतर तालमेल पर ध्यान केंद्रित करते हुए उनकी समस्याओं व आधुनिकीकरण पर विशेष ध्यान दिया, जनरल रावत को देश की सेनाओं के आधुनिकीकरण का शिल्पकार माना जाता है, वह सैन्यबलों को अत्याधुनिक हथियारों से सुसज्जित करने के लिए लगातार कार्य कर रहे थे। जनरल बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका रावत आर्मी वेलफेयर से जुड़ी हुईं थीं, वो आर्मी वुमन वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष भी थीं, बिपिन रावत अपने पीछे दो बेटी कृतिका व तारिणी को छोड़कर गए हैं, दोनों बेटियों पर अचानक से दुखों का पहाड़ टूट गया, उन्होंने मां-बाप को एक साथ खो दिया है, ईश्वर उन्हें दुख की इस घड़ी से लड़ने की शक्ति प्रदान करें।

जिस तरह से देश ने 8 दिसंबर 2021 बुद्धवार को माँ भारती की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले इस बहादुर योद्धा को एक आकस्मिक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में खो दिया, वह देश के अपूरणीय क्षति है। दिलोदिमाग झकझोर देने वाली यह दर्दनाक दुर्घटना तमिलनाडु के नीलगिरि जिले के कुन्नूर में बुधवार 8 दिसंबर 2021 को घटित हुई थी।

सूत्रों के अनुसार देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बिपिन रावत सुबह 9 बजे स्पेशल एयरक्राफ्ट से पत्नी मधुलिका रावत के साथ दिल्ली से तमिलनाडु के एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उड़ान भरते हैं, सीडीएस रावत 11:35 बजे सुलूर में वायु सेना स्टेशन पर पहुंचते हैं, यहां से एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए वेलिंगटन जाने के लिए सीडीएस बिपिन रावत व उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत कुल 14 लोग हेलिकॉप्टर में उड़ान भरते हैं, लेकिन अफसोस इसके कुछ ही देर बाद दोपहर 12:20 बजे तमिलनाडु के कुन्नूर में उनका हेलिकॉप्टर घने जंगल में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

दुर्घटना स्थल से आबादी वाला इलाका करीब होने के चलते घटना स्थल पर कुछ ही देर में स्थानीय लोग मौके पर पहुंच गए, वहां उन्होंने टुकड़े-टुकड़े में बिखरे हेलीकॉप्टर को धूं-धूंकर के जलता हुए देखा, लोगों ने इस सैन्य हेलीकॉप्टर के जलते मलबे की आग बुझाने का कार्य तत्काल शुरू कर दिया, बाद में मौके पर पहुंचे प्रशासन के द्वारा घटनास्थल से तीन लोगों को रेस्क्यू करके अस्पताल में पहुंचाया गया, लेकिन डॉक्टर दो लोगों के जीवन बचाने में नाकाम रहे।

हालांकि जांबाज योद्धा शौर्य चक्र से सम्मानित ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का पहले वेलिंगटन आर्मी हॉस्पिटल में उपचार किया गया, फिर उनको गुरुवार को बेहतर उपचार के लिए बेंगलुरु के सैन्य अस्पताल में सिफ्ट किया गया, जहां यह वीर योद्धा अस्पताल में जीवन की जंग लड़ रहा है, ईश्वर से प्रार्थना है कि वह जांबाज वरुण सिंह के प्राणों की रक्षा करें और उनको जल्द स्वस्थ करें। हालांकि बुद्धवार की शाम को ही प्रशासन ने घोषणा कर दी कि हेलीकॉप्टर में सवार 13 लोगों की दुर्घटना में मृत्यु हो गयी है, इस दुर्घटना में जांबाज सीडीएस बिपिन रावत व उनकी पत्नी मधुलिका रावत की भी मृत्यु हो गयी है।

हालांकि इस घटना में क्रैश हुए रूस के हैलीकॉप्टर Mi-17V5 मॉडल को दुनिया में बेहद सुरक्षित माना जाता है, इसका पूरी दुनिया में बेहद कठिन परिस्थितियों में सैन्य व वीवीआईपी लोगों के आवागमन के लिए उपयोग होता है। सरकार ने इस घटना की उच्च स्तरीय जांच करने के आदेश जारी कर दिये हैं, घटनास्थल पर प्रारंभिक जांचकर्ताओं हेलीकॉप्टर का ब्लैक बॉक्स मिल गया है,

सेना व वायुसेना के विशेषज्ञ घटनास्थल पर पहुंच कर गहन जांच करके दुर्घटना का कारण जाने का प्रयास कर रहे हैं। देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, रक्षामंत्री व छोटे-बड़े राजनेता से लेकर प्रत्येक देशभक्त भारतीय जनरल रावत व हादसे में मृत उनके सहयोगियों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। मैं भी वीर योद्धा जनरल बिपिन रावत व अन्य सभी मां भारती के वीर सपूतों को कोटि-कोटि नमन करते हुए अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।

Leave a Reply

error: Content is protected !!