हृदय रोग से ग्रसित बच्ची का पटना में हुआ सफल इलाज, बच्ची के पिता ने डीएम व आरबीएसके टीम के प्रति जताया आभार

हृदय रोग से ग्रसित बच्ची का पटना में हुआ सफल इलाज, बच्ची के पिता ने डीएम व आरबीएसके टीम के प्रति जताया आभार

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow

जटिल बीमारियों से ग्रसित बच्चों के लिये वरदान साबित हो रहा है राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम

आरबीएसके के माध्यम से बच्चों में होने वाले कुल 38 तरह के रोगों के इलाज का है नि:शुल्क इंतजाम

श्रीनारद मीडिया, अररिया, (बिहार):


राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम जटिल रोग से ग्रसित बच्चों के लिये वरदान साबित हो रहा है। इसकी वजह से कई परिवारों की खोयी खुशियां लौट आयी हैं। बच्चों की किलकारी से उनके आंगन फिर से गुलजार होने लगे हैं। इसमें जिले के भरगामा प्रखंड अंतर्गत धनेसरी पंचायत के टोनहा इसरेन गांव निवासी सुजीत कुमार का परिवार भी शामिल है। मेहनत मजदूरी कर किसी तरह अपने परिवार का भरण-पोषण करने वाले सुजीत को जब ये पता चला कि उनकी आठ साल की बेटी सृष्टि हृदय संबंधी गंभीर रोग से ग्रसित है तो वे हर तरफ से निराशाओं से घिर गये। मदद की आस न जाने उन्होंने कितनों के दरवाजे खटखटाये। कहीं से कोई मदद नहीं मिलता देख उन्होंने अपनी मासूम बच्ची के जरूरी इलाज के लिये जिलाधिकारी प्रशांत कुमार सीएच को लिखित आवेदन देकर मदद की गुहार लगायी।

बच्ची के इलाज में आरबीएसके की टीम ने की जरूरी मदद:
बच्ची के पिता की संवेदनाओं को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी ने तुरंत मदद का भरोसा दिलाया। बीते रविवार को जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वयक डॉ तारिक जमाल को बच्ची के इलाज के लिये सभी जरूरी इंतजाम सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया। इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए डॉ जमाल के निर्देश पर विशेषज्ञ चिकित्सकों का दल बच्ची के स्वास्थ्य जांच के लिये उनके घर पहुंचा। जहां बच्ची की हालत नाजुक जानकर आरबीएसके के आयुष चिकित्सक डॉ श्रीराम यादव की अगुआई में स्वास्थ्य अधिकारियों की टीम इलाज के लिये बच्ची को लेकर राजधानी पटना स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय हृदय रोग संस्थान के लिये रवाना हुई। जहां समुचित इलाज के बाद बीते मंगलवार को बच्ची सकुशल अपने घर लौट चुकी है। बच्ची के इलाज से संबंधित जानकारी देते हुए भरगामा में पदस्थापित आरबीएसके के चिकित्सक डॉ श्रीराम ने बताया हृदय रोग से प्रभावित आठ माह की बच्ची का ईको किया गया है। छह माह तक के लिये जरूरी दवा बच्ची के परिवार को उपलब्ध करायी गयी है। संस्थान के चिकित्सा अधिकारियों ने दोबारा छह माह बाद बच्ची को जरूरी जांच के लिये बुलाया है।

कुल 38 रोगों के नि:शुल्क इलाज का है इंतजाम:
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वयक डॉ तारिक जमाल के मुताबिक आरबीएसके के माध्यम से 0 से 18 साल के बच्चों में होने वाले कुल 38 तरह के जटिल रोगों के इलाज का नि:शुल्क इंतजाम है। इसमें चर्मरोग, दांत व आंख संबंधी रोग, टीबी, एनीमिया, हृदय संबंधी रोग, श्वसन संबंधी रोग, जन्मजात विकलांगता, बच्चे के कटे होंठ व तालू संबंधी रोग शामिल हैं। डॉ जमाल ने बताया 0 से 6 साल तक के बच्चों में रोग का पता लगाने के लिये आंगनबाड़ी स्तर पर आरबीएसके की टीम द्वारा बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। वहीं 6 से 18 साल तक के बच्चों में रोग का पता लगाने के लिये विद्यालय स्तर पर स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया जाता है। किसी बच्चे में रोग संबंधी लक्षण मिलने पर संबंधित चिकित्सा केंद्र पर उनका सुचारू इलाज सुनिश्चित कराया जाता है। गांव से संबंधित चिकित्सा केंद्र तक पहुंचने अन्यथा बेहतर इलाज के लिये किसी बड़े अस्पताल में इलाज के लिये भेजे जाने सहित उनके इलाज का तमाम खर्च सरकार वहन करती है। बच्चों को संबंधित चिकित्सा केंद्र तक पहुंचाने के लिये 102 एंबुलेंस उपयोग में लाया जाता है।

 

यह भी पढ़े

सिधवलिया की खबरें : पीट-पीटकर हुई हत्या के मामले  में  प्राथमिकी  दर्ज

गांव गांव में मनाई गई सविधान निर्माता की जयंती

40 पाउंड का केक काट उल्लास पूर्वक मनाई गई  अंबेडकर जयंती

संवत्सर 2078 के आगमन पर हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया नव वर्ष

Leave a Reply

error: Content is protected !!