सरकार शिक्षकों के बहाने शैक्षणिक व्यवस्था को ध्वस्त करने की साजिश कर रही हैं : विद्यासागर विद्यार्थी

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# माध्यमिक शिक्षक संघ ने शराबियों की सूचना देने के फरमान का विरोध किया

श्रीनारद मीडिया‚ मनोज तिवारी‚ छपरा (बिहार)


बिहार सरकार जिस तरह से आए दिन जब शिक्षकों को अपमानित करने के लिए नए-नए पत्र जारी कर हथकंडे अपना रही है, इस बात को समाज को समझने की आवश्यकता है। वह पूरी तरह शिक्षकों और समाज के बीच दूरी पैदा करने कि वह सब व्यवस्था कर रही है जिससे शैक्षणिक माहौल बनने ही न दिया जाए।इसी की एक कड़ी बिहार में बिहार सरकार द्वारा शराबियों एवं शराब माफियाओं की सूचना शिक्षकों द्वारा देने के पत्र मे किया गया। सरकार अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए शिक्षकों के मत्थे इस जिम्मेवारी को देकर अपने पुलिस महकमे की विफलता को कबूल नहीं करना चाहती है साथ ही अपनी मंशा शैक्षणिक माहौल खराब करने को पूरा करने के लिए समाज के असामाजिक चरित्र वाले लोगों को भी शिक्षकों का दुश्मन बनाना चाहती है। इसलिए हम सभी लोगों को सरकार के इस गैर शैक्षणिक रवैया की पुरजोर निंदा एवं विरोध करने की आवश्यकता है।
शिक्षक और समाज एक दूसरे के पूरक होते हैं दोनों के बीच यदि समरसता रहती है तो सामंजस्य बेहतर होने से उचित शैक्षणिक माहौल बनता है जिससे वर्तमान पीढ़ी लाभान्वित होती है जिसका दूरगामी परिणाम भविष्य में परिलक्षित होता है, परंतु सरकार इस माहौल को बनने ही नहीं देना चाहती है और दोनों को एक दूसरे के खिलाफ ध्रुव बनाकर शैक्षणिक माहौल ही बिगाड़ने पर तुली हुई है इसलिए वर्तमान समय में समाज से मैं अपील करूंगा कि वह शिक्षकों के साथ खड़े होकर सरकार का विरोध करें और ऐसे अलुल जलूल गैर शैक्षणिक कार्य शिक्षकों से लेने पर सरकार का विरोध शिक्षकों के पक्ष में किया जाए।
शिक्षक शराब माफियाओं एवं शराबियों पर अंकुश लगा पाएंगे जिस कार्य को करने में पूरे बिहार सरकार की पुलिस व्यवस्था विफल हो गई सरकार को तो सार्वजनिक जिम्मेवारी लेकर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए परंतु सरकार असामाजिक तत्वों से शिक्षकों को भिड़ा कर पूरे शैक्षणिक व्यवस्था को ही बर्बाद कर देना चाहती है सरकार का यह निर्णय हास्यास्पद है जो उसकी घोर
विफलता का परिचायक है।
समाज को इस मुद्दे पर गंभीरता से चिंतन करके शिक्षक एवं समाज के बीच उचित शैक्षणिक माहौल को बिगाड़ने वाले उन सभी राज्य सरकार के कुकृत्यों का विरोध किया जाना चाहिए। सारण बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ सरकार की इस दुर्भावनापूर्ण निर्देशन का विरोध करती है। इस मौके पर विरोध प्रकट करने वालों में चूल्हन प्रसाद ( पूर्व सचिव बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ सारण ), विद्यासागर विद्यार्थी ( परीक्षा सचिव ) सह

प्रतिनिधि माननीय केदारनाथ पांडे जी, नगेंद्र सिंह ( पूर्व अनुमंडल सचिव ), विजय ठाकुर( राष्ट्रीय महासचिव बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ), सुजीत कुमार ( सदर अनुमंडल सचिव ), विष्णु कुमार ( संयुक्त सचिव बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ सारण ), विनोद कुमार ठाकुर, पंकज कुमार, अनिल कुमार सिंह, सुनील कुमार बैठा इत्यादि लोग शामिल थे।

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