विधान परिषद चुनाव में कैसे होता है मतदान और मतगणना?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार विधान परिषद के स्थानीय निकाय कोटे की 24 सीटों के चुनाव को लेकर प्रचार का शोर शनिवार के शाम चार बजे थम गया। राज्य में विधान परिषद की इन सभी सीटों के लिए चार अप्रैल को मतदान होगा। चुनाव आयोग के निर्देश पर मतदान समाप्ति के 48 घंटे पूर्व चुनाव प्रचार रोक दिया गया। आयोग के अनुसार सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक परिषद चुनाव को लेकर मतदान होगा। जबकि मतगणना सात अप्रैल को निर्धारित है।

विधान परिषद चुनाव में वोटिंग एवं वोटों की गिनती का तरीक़ा विधान सभा चुनाव से अलग होता है। भारत में विधान सभा का चुनाव ईवीएम से होता है लेकिन विधान परिषद चुनाव बैलेट पेपर से होता है। विधान सभा चुनाव में सिर्फ एक व्यक्ति एक वोट दे सकता है लेकिन विधान परिषद चुनाव में एक वोटर सभी प्रत्याशियों को वरियता के क्रम में वोटिंग कर सकता है। अगर पांच प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं तो पाँचों को 1 से 5 के वरियता क्रम में वोट दिया जा सकता है। एक से अधिक प्रत्याशियों को वोट देने वाली व्यवस्था के कारण ही विधान परिषद चुनाव बैलेट पेपर से होता है।

विधान सभाचुनाव में सबसे अधिक वोट पाने वाला प्रत्याशी विजेता घोषित होता है चाहे उसे कुल वैध वोट का 10-20 प्रतिशत वोट ही क्यों न मिला हो।
लेकिन विधान सभा के विपरीत वही प्रत्याशी विधान परिषद चुनाव का विजेता है जो कुल वैध वोट का 50% +1 वोट प्राप्त कर लेता है अर्थात 50% से अधिक वोट पाने वाला ही  विधान परिषद चुना जाता है। यह भी ध्यान देने वाली बात है कि कोई एक वोटर दो लोगों को प्रथम वरियता का वोट नहीं दे सकता है। ऐसा करने पर वह वोट निरस्त हो जायेगा। कोई वोटर प्रथम वरियता का वोट दिये बिना भी दुसरे और तीसरे वरियता का वोट नहीं दे सकता है, वैसे वोट भी  निरस्त हो जाते हैं।

विधान परिषद चुनाव का मतगणना भी थोड़ा जटिल होता है। इतने सारे लोग चुनाव लड़ते हैं कि किसी उम्मीदवार को प्रथम बार मे ही 50% से अधिक वोट मिले और वह व्यक्ति निर्वाचित घोषित हो जाए इसकी संभावना कम ही रहती है। किसी भी प्रत्याशी को 50%+1 वोट नहीं मिलने की स्थित में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों में से ऐसे उम्मीदवार की तलाश की जाती है जिसे प्रथम वरियता का सबसे कम वोट मिला हो, उस प्रत्याशी को अब बाहर मानकर गिनती को आगे बढाई जाएगी लेकिन उस प्रत्याशी को मिले दूसरे वरियता के वोटों को उपर वाले प्रत्याशियों के मत के साथ जोड़ दिया जायेगा अर्थात सबसे कम प्रथम वरियता का मत पाने वाले प्रत्याशी के बैलेट में जिसको – जिसको द्वितीय वरियता का वोट मिला है उस उस प्रत्याशी के प्रथम वरियता के साथ उतना वोट जोड़ दिया जायेगा।

ऐसा करने से अगर किसी प्रत्याशी को 50%+1 वोट मिल जाता है तो उसे विजेता घोषित कर दिया जायेगा। फिर भी अगर कोई 50%+1 वोट नहीं पाता है तो अब बचे हुए प्रत्याशियों में से जो भी सबसे कम प्रथम वरियता वोट धारक होगा उसका द्वितीय वरियता वोट उपर के प्रत्याशियों में जुड़ जायेगा। यह क्रम तब तक चलता रहता है जब तक किसी प्रत्याशी को 50%+1 वोट नहीं मिल जाता।

इसलिए विधान परिषद चुनाव में द्वितीय वरियता के मत का भी बहुत महत्व है।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, बिहार एचआर श्रीनिवास के निर्देश पर सभी जिलों के प्रखंड मुख्यालय में बनाए गए बूथों पर तीन स्तरीय सुरक्षा घेरे में मतदान होगा। चुनाव आयोग के निर्देश पर सभी 24 निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव पर्यवेक्षकों की तैनाती की जा चुकी है। सभी चुनाव पर्यवेक्षक निर्वाचन क्षेत्र में कैंप कर रहे हैं। चुनाव को लेकर भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारियों को चुनाव पर्यवेक्षक के रुप में तैनात किया गया है। मतदान को लेकर पेट्रोलिंग मजिस्ट्रेट और माइक्रो ऑब्जर्वर भी तैनात किए गए हैं। साथ ही पीठासीन पदाधिकारियों की भी तैनाती कर दी गयी है। सुरक्षा बलों की कंपनियों के साथ-साथ जिला पुलिस बल को भी तैनात कर दिया गया है।

24 सीटों के लिए 187 उम्मीदवार चुनाव मैदान में

बिहार विधान परिषद की स्थानीय प्राधिकार कोटे की 24 सीटों के लिए 187 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इसके पूर्व 200 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किया था। इनकी जांच में तीन नामांकन पत्र अवैध पाए गए थे। नामांकन वापसी की अंतिम तिथि तक 10 उम्मीदवारों ने नामांकन वापस लिया था। मतदान को लेकर 534 बूथों का गठन किया गया है। इस चुनाव में कुल 1,34,106 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।

निर्वाचन विभाग के अनुसार चुनाव क्षेत्र पटना में 6, नालंदा में 5, गया-सह-जहानाबाद-सह-अरवल में 5, औरंगाबाद में 8, नवादा में 11, रोहतास-सह-कैमूर में 9, सारण में 8,  सीवान में 8, गोपालगंज में 6, पश्चिमी चंपारण में 7, पूर्वी चंपारण में 7, मुजफ्फरपुर में 6, वैशाली में 6, सीतामढी-सह- शिवहर में 5, दरभंगा में 13, बेगूसराय-सह-खगड़िया में 12, मधुबनी में 6, पूर्णिया-सह-अररिया-सह किशनगंज में 7, कटिहार में 8 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।

 

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