कोरोना संक्रमण के बीच जिले के सदर अस्पताल सहित सभी अस्पतालों में दी जा रही है बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ
सुरक्षा के हर मानकों का रखा जाता है ख्याल, प्रसव के बाद दी जाती आवश्यक चिकित्सकीय सलाह:
सरकार द्वारा जारी मार्गदर्शिका के अनुसार जिले में संचालित की जा रही है परिवार नियोजन सेवाएं:
श्रीनारद मीडिया‚ किशनगंज (बिहार)
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच सदर अस्पताल किशनगंज सहित जिले के 07 प्रखंडों के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में सुरक्षित संस्थागत प्रसव के साथ ही अन्य स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही हैं। साथ ही इन सभी स्थानों पर भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के द्वारा जारी मार्गदर्शिका के अनुसार परिवार नियोजन संबंधी सेवाएं संचालित की जा रही हैं। सुरक्षित संस्थागत प्रसव के लिए सदर अस्पताल सहित जिले के रेफरल अस्पताल, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्यय केंद्र पर पर्याप्त सुविधा उपलब्ध हैं। इस दौरान सुरक्षा के सभी मानकों का ख्याल रखा जाता है। इससे न सिर्फ सुरक्षित और सामान्य प्रसव को बढ़ावा मिलेगा बल्कि, मातृ-शिशु मृत्यु दर में भी कमी आएगी।
सुरक्षित प्रसव के लिए जिले में उपलब्ध हैं पर्याप्त सुविधा, प्रसव के बाद दी जाती है आवश्यक जानकारी:
जिले के सिविल सर्जन श्री नंदन ने बताया जिले के सदर अस्पताल में माह अप्रैल से माज जून तक कुल 952 सुरक्षित संस्थागत प्रसव करवाया गया। प्रसव के उपरान्त सभी प्रसूति को प्रोत्साहन राशि भी दी गयी है इसका श्रेय सभी चिकित्सक एवं नर्स को दिया जाता है। सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में सुरक्षित संस्थागत प्रसव के लिए सुरक्षा के मद्देनजर समुचित व्यवस्था उपलब्ध हैं। इसके अलावा प्रसव के बाद महिलाओं के स्वास्थ्य एवं शिशु के बेहतर शारीरिक और मानसिक विकास के लिए आवश्यक जानकारी भी दी जाती है। ताकि प्रसव के पश्चात भी माता एवं शिशु को किसी प्रकार की अनावश्यक शारीरिक पीड़ा नहीं हो और होने पर तुरंत आवश्यक उपचार करा सकें।
कोरोना संक्रमित गर्भवती महिला के सुरक्षित प्रसव के लिए सदर अस्पताल में उपलब्ध है बेहतर स्वास्थ्य सेवा:
उन्होंने बताया कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान भी प्रसव के लिए सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में गर्भवती को बेहतर स्वास्थ्य सेवा दी जा रही है। कोरोना संक्रमित गर्भवती महिला के सुरक्षित प्रसव के लिए सदर अस्पताल मुंगेर मंर कोरोना गाइड लाइन को पूरा करते हुए विशेष व्यवस्था की गई है। इस दौरान सुरक्षा के मद्देनजर हर मानकों का विशेष ख्याल रखा जा रहा है। ताकि प्रसव के दौरान किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो। इसके लिए सदर अस्पताल के लेबर रूम के पास ही अलग से एक कोविड डेडिकेटेड लेबर रूम बनाया गया है। जहां सैनिटाइजेशन के साथ ही साफ- सफाई की अच्छी व्यवस्था की गयी है। यहां सभी के लिए मास्क, फेस शील्ड, पीपीई किट, ग्लब्स, का इस्तेमाल करना अनिवार्य है।
सुरक्षित मातृत्व के लिए प्रसव पूर्व जाँच है जरूरी:
सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए बेहतर प्रसव एवं उचित स्वास्थ्य प्रबंधन जरूरी है। प्रसव पूर्व जाँच से ही गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य की सही जानकारी मिलती है। गर्भावस्था में बेहतर शिशु विकास एवं प्रसव के दौरान होने वाले रक्तस्राव के प्रबंधन के लिए महिलाओं में पर्याप्त मात्रा में खून होना आवश्यक होता है। जिसमें प्रसव पूर्व जाँच की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। एनीमिया प्रबंधन के लिए प्रसव पूर्व जाँच के प्रति महिलाओं की जागरूकता न सिर्फ एनीमिया रोकथाम में सहायक होती है बल्कि सुरक्षित मातृत्व की आधारशिला भी तैयार करती है। ऐसे में प्रसव पूर्व जांच की महत्ता और अधिक बढ़ जाती है, क्योंकि यह मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में उपलब्ध कराई जा रही है परिवार नियोजन संबंधी सेवाएं:
सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया की भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के द्वारा जारी मार्गदर्शिका के अनुसार अभी जिले भर में स्थायी गर्भनिरोधक साधन के स्थान पर अस्थाई गर्भ निरोधक साधन के रूप में पुरुष कंडोम(निरोध), दैनिक गर्भ निरोधक गोली(माला एन), साप्ताहिक गर्भ निरोधक गोली(छाया), आपातकालीन गर्भनिरोधक ( ईजी), गर्भ निरोधक किट (निश्चय) एवं गर्भ निरोधक सुई (अंतरा) एमपीए को सदर अस्पताल से लेकर स्वास्थ्य उपकेंद्र तक उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके साथ ही विभिन्न पीएचसी क्षेत्र में काम करने वाली आशा और एएनएम के माध्यम से भी योग्य दम्पतियों तक उपलब्ध करायी जा रही है।
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