क्या दशहरा मेला की उत्सुकता कम हो रही है?

क्या दशहरा मेला की उत्सुकता कम हो रही है?

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

अपना देश पर्वों, त्योहारों, उत्सवों और मेलों के लिए जाना जाता है. कभी दशहरा मेला, कभी दिवाली मेला, कभी वसंत मेला, तो कभी होली मेला. उत्तर भारत में नवरात्रि से लेकर दिवाली तक आयोजनों की बहार रहती है. सच तो यह है कि हमारे ग्रामीण समाज में मेले एक-दूसरे से मिलने, रास-रंग, जरूरत की वस्तुओं की खरीददारी और घूमने-फिरने, आनंद मनाने की जगह रहे हैं. वे स्त्रियां जो यों कभी घर से बाहर नहीं निकल सकती थीं, वे मेलों में भारी संख्या में नजर आती थीं. यही उनकी दृश्यमानता होती थी, वरना पुराने जमाने में महिलाएं बाजार में न के बराबर दिखती थीं. इसलिए महिलाओं में मेले के प्रति अति-उत्साह होता था. वे सज-संवरकर, जतन से बचाये पैसे लेकर मेलों में पहुंचती थीं.

 

Leave a Reply

error: Content is protected !!