प्रधानमंत्री जी के नाम सीवान के रहवासियों का पत्र

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

प्रधानमंत्री जी आप 20 जून दिन शुक्रवार को सीवान की धरती पर पधार रहे हैं। आपका सीवान की धरती से हार्दिक स्वागत है।

प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए आपकी यह चौथी यात्रा है। 2014 में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान आप कंधवारा के निकट आए थे। पुन: 2019 में ओरमा ग्राम के स्थल पर एवं 21 मई 2024 को आज्ञा के ऐतिहासिक खेल मैदान में आपकी जनसभा हुई थी।

इस बार बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की घोषणा से पूर्व आपकी जनसभा सीवान नगर के निकट बडहरिया विधानसभा क्षेत्र पचरुखी अंचल के जसौली पंचायत में जसौली मैदान में हो रही है। जसौली अपने बैलों के मेलों के लिए जाना जाता था लेकिन विगत कुछ वर्षों से अब बैल का मेला नहीं लगता है।
सोशल मीडिया में आपके आने की सूचना कार्यकर्ताओं की उत्साह, तैयारियां एवं घोषणा को लेकर हो रही है। जनता का कहना है कि प्रधानमंत्री ने सारण प्रमंडल में सीवान को जनसभा के लिए चुनकर एक उपकार किया है।

प्रधानमंत्री जी सीवान अपने भौगोलिक बनावट में तीन ओर से उत्तर प्रदेश से घिरा क्षेत्र है। इसके दक्षिण में सरयू नदी की अमृत धारा लाखों जनता की जीवनदायनी है। जनसंख्या घनत्व से परिपूर्ण यह जिला कृषि क्षेत्र में अग्रणी है परंतु जनसंख्या के दबाव के कारण कृषि भूमि सिमटती जा रही है। नगदी फसल का अभाव है। तीन चीनी मिल एवं एक सूता मिल अब काल कवलित हो चुके है। बाग-बगीचों का अभाव है। अब फ्रिज के आगे मिट्टी के बर्तन घड़े एवं सुराही इतिहास के पन्नों में दफन है। कमाओ-खाओ और निकल जाओ यहां की नियति है। पलायन यहां का दस्तूर बन चुका है।

गोरखपुर, लखनऊ, नोएडा, गुरुग्राम, पुणे‌, बेंगलुरु एवं देश के नगरों में आपको सीवान के लोग अपना घर बनाकर रहते हुए मिल जाएंगे। नई पीढ़ी ने सीवान को मात्र एक अपने ऐड्रेस(पता) के रूप में उपयोग कर लिया है। यही कारण है कि यहां स्थानीयता को कम एवं पलायन को अधिक महत्व दिया जाता है।
व्यक्ति की समृद्धि उसके बाहर पढ़ने कमाने एवं धन अर्जित को करने को दिया जाता है। जीवन में सब कुछ होने के बावजूद भी प्राप्त का आत्मविश्वास यहां के रहवासियों में नहीं है।

नगर से लेकर गांव सड़क, बिजली व पानी से समृद्ध हो रहे हैं परंतु ऐसा कुछ नहीं हो रहा है जिससे यह सीवान सामाजिक एवं सांस्कृतिक रूप से समृद्ध हो सके। नगर से लेकर कस्बों तक खूब निवेश हो रहा है। जनसंख्या का दबाव एवं मनीआर्डर अर्थव्यवस्था ने इसके अर्थतंत्र को संभाल रखा है।

जिले में सुदूर दक्षिण में महेंद्र नाथ मंदिर है तो पश्चिम में उत्तर प्रदेश से सटे सोहगरा धाम है वहीं पूर्व में खेवड़ा देवी मंदिर, जरती माई मंदिर, भाई-बहन मंदिर, जंगली बाबा का ऐतिहासिक मंदिर स्थित है। जिले में दो ऐसे संस्थान है जिन पर गर्व किया जा सकता है। पहला रानी लक्ष्मीबाई स्पोर्ट्स अकादमी जो शिक्षक संजय पाठक द्वारा संचालित है। वहीं मैरी कॉम अकादमी पंजवार रघुनाथपुर सीवान में स्वर्गीय घनश्याम शुक्ला जी की प्रेरणा से संचालित है।

महाशय सीवान जिला अपने पूर्वजों पर गर्व करते हुए उन्हें स्मरण करता है जिसमें ख़ुदावकश खान, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, मौलाना मजहरुल हक़, बृज किशोर बाबू, बैजनाथ प्रसाद उर्फ दाढ़ी बाबा, इतिहास विद बांके बिहारी मिश्रा, सैयद हसन असगरी, नारायण बाबू, तारा देवी, प्रभावती देवी, विद्याभूषण शुक्ल, खाकी बाबा, घनश्याम शुक्ल जैसे सरीखे पूर्वजों पर हम सभी को गर्व है।

प्रशासनिक दृष्टि से पूरा सीवान जिला 19 प्रखंड, तीन नगर परिषद, 6 नगर पंचायत, 283 पंचायत, 41 जिला परिषद एवं 1534 गांव में यह विस्तृत है।
प्रधानमंत्री जी आपके कार्यक्रमों को लेकर लोगों में बहुत उत्साह नहीं है इसका कारण स्थानीयता है। देश स्तर पर आपके काम की भूरि-
भूरि प्रशंसा होती रही है। विश्व स्तर पर आपका कार्य निश्चित तौर पर देश को आगे ले जा रहा है परन्तु बिहार सरकार के कार्यों से लोग जनमानस प्रसन्न नहीं है।

— सीवान के जिले बने 50 वर्ष से अधिक हो गए लेकिन इसका अपना गजेटियर नहीं है,
– सीवान नगर एवं विभिन्न प्रखंड से होकर गुजरने वाली जीवनदायिनी दहा नदी मृत्य होती जा रही है,
– स्थानीय सरकार की ढुलमुल नीति एवं प्रशासन की अकर्मण्यता के कारण भ्रष्टाचार अपने चरम सीमा पर है,
– बिहार की शराबबंदी ने भ्रष्टाचार के कई आयामों को जन्म दिया है,
– भू माफिया, शराब माफिया, खनन माफिया का पदाधिकारी से गठजोड़ आम जनता के जीवन में बाधाएं खड़ी कर दी हैं,
– स्थानीय समस्याओं की बोझ से व्यक्ति अच्छे राष्ट्रीय कार्यों से नजर फेर लेता है, उसका आसमान में उड़ान सही है लेकिन उसके पैर के नीचे की भूमि दरक रही है,
– प्रधानमंत्री जी बिहार में यूं तो कई समस्याएं हैं परन्तु प्रदेश में जो विक्षिप्त सरकार है वह निश्चित तौर पर अपना विश्वास जनमानस में खो रही है, कृपया ध्यान दिया जाए।

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