पाचन तंत्र पर भारी पड़ सकता है मल्टीग्रेन आटा, जाने सेवन का क्‍या है सही तरीका

मल्‍टीग्रेन अनाज

पाचन तंत्र पर भारी पड़ सकता है मल्टीग्रेन आटा, जाने सेवन का क्‍या है सही तरीका

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्‍क:

मल्टीग्रेन आटा (multigrain atta) आजकल खासा लोकप्रिय हो रहा है। डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर और वेट लॉस के लिए लोग इसे अपनी डाइट का एक हिस्सा बना रहे हैं। मल्टीग्रेन आटा को बनाने में गेहूं, ब्राउन राइस, क्विनोआ बार्ली, रागी, ओट्स, बाजरा, ज्वार, इत्यादि जैसे अनाजों का इस्तेमाल किया जाता है इसके साथ ही इसमें बीजो का भी इस्तेमाल होता है जैसे कि फ्लैक्सीड, सनफ्लावर और पंपकिन सीड्स। इनमें मौजूद सभी अनाज शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों का एक बेहतरीन स्रोत होते हैं। साथ ही यह सभी स्वास्थ्य समस्याओं में भी काफी फायदेमंद मने जाते हैं। पर क्या कई अनाजों को एक साथ खाना (What is the right way to eat Multigrain) आपकी सेहत के लिए फायदेमंद होगा? जानिए इस बारे में क्या कह रही हैं एक्सपर्ट।

परंतु क्या सभी अनाजों को एक साथ लेना हमारे शरीर के लिए उचित है? क्या हमारा पाचन क्रिया मल्टीग्रेन आते से बने पदार्थों को एक साथ पूरी तरह पचा सकता है? तो ऐसे ही कुछ सवालों का जवाब आज हम आपके लिए लाएं हैं। किसी भी प्रकार के खाद्य स्रोत को अपनी डाइट में शामिल करने से पहले उसकी पूरी जानकारी ले लेना जरूरी है। तो यदि आप मल्टीग्रेन आटे को अपनी डाइट का हिस्सा बनाने का सोच रही हैं, तो एक्सपोर्ट द्वारा मल्टीग्रेन को लेकर बताई गई इस बात को जरूर जान लें।

how to eat multigrain atta
 

पोषक तत्वों से भरपूर है हर अनाज, जानिए इनके फायदे

1. बार्ले

बार्ले में कई प्रकार के विटामिन और मिनरल पाए जाते हैं, जो हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। वहीं रिसर्चगेट द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार यह प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम, सोडियम, मैंगनीज, सेलेनियम और फोलेट का एक बेहतरीन स्रोत है।

इसमें कैल्शियम, कॉपर, मैग्नीशियम और जिंक मौजूद होते हैं। जो हड्डियों की सेहत के लिए काफी फायदेमंद माने जाते हैं। वहीं यह पाचन तंत्र के लिए भी काफी फायदेमंद है साथ ही आपको लंबे समय तक संतुष्ट रखता है और वेट लॉस में भी मदद करता है।

2. ब्राउन राइस

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा ब्राउन राइस को लेकर प्रकाशित एक डेटा के अनुसार इसमें प्रोटीन और फाइबर की पर्याप्त मात्रा मौजूद होती है। इसके साथ ही यह कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, मैंगनीज, सेलेनियम, विटामिन b1 और विटामिन बी6 का एक बेहतरीन स्रोत है।

ये सभी पोषक तत्व हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद माने जाते हैं। ब्राउन राइस का सेवन वजन को नियंत्रित रखता है और पाचन क्रिया के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। वहीं इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स डायबिटीज फ्रेंडली है, इसलिए यह ब्लड शुगर लेवल को भी मेंटेन रखता है। साथ ही साथ कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित रखता है और इसमें मौजूद कैल्शियम और मैग्नीशियम हड्डियों को मजबूती देते हैं। गठिया से पीड़ित मरीज इसका सेवन जरूर करें।

3. क्विनोआ

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा क्विनोआ को लेकर प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, विटामिन बी6, विटामिन ई, कॉपर, आयरन, मैग्नीज, मैग्नीशियम, जिंक, पोटेशियम और फास्फोरस की पर्याप्त मात्रा मौजूद होती है। इसके साथ ही एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इन्फ्लेमेटरी कंपाउंड इसकी गुणवत्ता को और ज्यादा बढ़ा देती हैं।

विटामिन और मिनरल्स से भरपूर क्विनोआ को वेट लॉस डाइट में शामिल कर सकती हैं। इसके साथ ही यह ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखता है और पाचन क्रिया के लिए भी फायदेमंद होता है।

4. बाजरा

रिसर्चगेट द्वारा बाजरा में मौजूद पोषक तत्वों को लेकर प्रकाशित एक डेटा के अनुसार बाजरा में पर्याप्त मात्रा में सोडियम, फोलेट, आयरन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, और मैग्नीशियम जैसे आवश्यक पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसके साथ ही बाजरा फास्फोरस, जिंक, राइबोफ्लेविन थायमीन, नियासिन, और विटामिन बी6 का भी एक अच्छा स्रोत है। इतना ही नहीं बाजरा में कैलरी की मात्रा बहुत कम होती है और यह फाइबर से भरपूर होता है। इसलिए आप इसे बेफिक्र होकर अपनी वेट लॉस डाइट में शामिल कर सकती हैं। साथ ही यह डायबिटीज में भी कारगर माना जाता है। वहीं नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार बाजरा में मौजूद प्रोटीन, नायसिन, विटामिन बी, आयरन और जिंक त्वचा से लेकर बाल और नाखून की सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं।

5. ज्वार

ज्वार में डाइटरी फाइबर, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट की भरपूर मात्रा मौजूद होती है जो ग्रोथ और डेवलपमेंट में आपकी मदद करती हैं। इसके साथ ही यह डायबिटीज की समस्या में फायदेमंद माने जाते हैं। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार ज्वार में कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम, आयरन और सोडियम की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है।

यह सभी पोषक तत्व हड्डियों की सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। इसके साथ ही यह इम्यूनिटी को बूस्ट करता है और आपकी सेहत को लंबे समय तक बनाए रखता है। वहीं ज्वार में विटामिंस जैसे थियामिन, नियासिन, फोलेट और राइबोफ्लेविन की अच्छी मात्रा पाई जाती हैं।

6. रागी

रागी में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और डाइटरी फाइबर की भरपूर मात्रा मौजूद होती है। इसके साथ ही यह कैलशियम, पोटैशियम का एक बेहतरीन स्रोत है। ऐसे में कैल्शियम से भरपूर रागी का सेवन बच्चों के ग्रोथ और बुजुर्गों के हड्डियों की सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है।

इसके साथ ही यह डायबिटीज में ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में मदद करता है। वहीं इसमें आयरन की भरपूर मात्रा पाई जाती है जो ब्लड सेल्स को बढ़ाने में मदद करती है और एनीमिया की स्थिति में सुधार करती है। इतना ही नहीं यह आपके शरीर को प्राकृतिक रूप से आराम पहुंचाता है। साथ ही साथ एंग्जाइटी डिप्रेशन और इनसोम्निया के लक्षणों में भी सुधार करता है।

 

पर क्या सभी अनाजों को एक साथ खाना फायदेमंद है?

हेल्थ कोच एवं न्यूट्रीशनिस्ट नेहा रंगलानी ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिये मल्टीग्रेन आटे से जुडी कुछ जरुरी बातें शेयर की हैं। साथ ही इसके सेवन से पाचन तंत्र पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में भी बताया है, तो चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।

नेहा कहती है कि “मल्टीग्रेन आटा कई प्रकार के अनाज से बना होता है जैसे की बार्ली, गेहूं, ओट्स, ब्राउन राइस, क्विनोआ, इत्यादि ऐसे में इन सभी को एक साथ लेना आपके पाचन क्रिया के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है। वहीं हम जितना सादा और साधारण खाना खाते हैं, डाइजेस्टिव सिस्टम उतने ही अच्छे से काम करता है।

जब हम मल्टीग्रेन आटा से बने पदार्थों का सेवन करते हैं, तो एक साथ पाचन क्रिया पर काफी ज्यादा भार पड़ता है और साथ ही उसे एक समय में अलग-अलग खाद्य पदार्थों को पचाने के लिए काम करना पड़ता है। इसलिए एक समय में एक ही प्रकार के अनाज का सेवन करें, ताकि पाचन क्रिया उसे पूरी तरह पचा पाए और इनमें मौजूद पोषक तत्व पूरी तरह से आपके शरीर में लग सकें।”

 

इस स्थिति में मल्टीग्रेन आटे में मौजूद अलग-अलग प्रकार के अनाज को अलग-अलग समय पर लें। ताकि आप पाचन क्रिया को प्रभावित किए बगैर इनके स्वास्थ्य लाभों का फायदा उठा सकें।

क्या है अलग-अलग अनाजों को खाने का तरीका (What is the right way to eat Multigrain)

नेहा के अनुसार मल्टीग्रेन में मौजूद अलग-अलग अनाज जैसे कि बार्ले को ब्रेकफास्ट में लें, तो ब्राउन राइस को लंच में। इसी के साथ राजगीरा को डिनर के तौर पर ले सकती हैं। वहीं दूसरे दिन कुट्टू के आटे को डिनर में और गेहूं के आटे को लंच में ले सकती हैं। इतना ही नहीं, कई बार मल्टीग्रेन आटे को बनाने में सनफ्लावर, पंपकिन और फ्लैक्सीड जैसे बीज का भी इस्तेमाल किया जाता है। तो इसे आप एक साथ फ्राई करके रख लें और स्नैक्स के तौर पर ले सकती हैं। हालांकि, कभी भी इन सभी चीजों को एक साथ न लें क्योंकि इसके कारण आपकी पाचन क्रिया प्रभावित हो सकती है।

 

  • यह भी पढ़े 

क्या दही खाने से होती है कफ और जुकाम ?  जाने दही के बारे में कुछ जरूरी जानकारी

सारण जिले के उच्च विद्यालयों में आज से जांच परीक्षा हुआ शुरु  

जदयू प्रखण्ड संगठन चुनाव की पूरी तैयारी कर ली गई है : आनन्द किशोर

मासूम बेटी को अपने साथ बांधकर मां पानी के टैंक में कूद कर किया आत्‍महत्‍या 

प्रेमी से कैसे हैवान बनता चला गया आफताब, श्रद्धा वॉल्कर के कत्ल की  पढ़े खौफनाक दास्तान 

मोहब्बत में  प्रेमी ने धोखा  देकर प्रेमिका किया कत्‍ल, शव के 20 टुकड़े कर लगाया ठिकाना

बाराबंकी की खबरें : एबीवीपी प्रांत अधिवेशन में वीरू पांडे व नाज़नीन बानो बनी प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य

छोटा परिवार सुखी परिवार” के लिए पुरुष वर्ग को आगे बढ़ने की जरूरत

Leave a Reply

error: Content is protected !!