प्राइवेट कंपनी की तरह चला रहे जेल’, कुख्यात अपराधी अमन साव का सुपरिटेंडेंट पर गंभीर आरोप
श्रीनारद मीडिया, स्टेट डेस्क:
झारखंड के मेदिनीनगर सेंट्रल जेल में कड़ी निगरानी के बीच बंद कुख्यात अपराधी अमन साव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर जेल अधीक्षक जितेन्द्र कुमार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उसका कहना है कि सुपरीटेंडेंट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह सेंट्रल जेल का संचालन कर रहे हैं और कैदियों को मिलने वाले भोजन सहित अन्य सामग्री में कटौती कर लाखों रुपये कमा रहे हैं.
अमन साव के पोस्ट के बाद जेल प्रशासन के साथ-साथ दूसरे महकमे इसकी जांच में जुट गए हैं. सोशल मीडिया पर सर्च करने के बाद पता चला कि दो दिन पहले अमन साव के अकाउंट से पोस्ट किया गया है.बता दें कि एक महीने पहले अपराधी अमन साव को सेंट्रल जेल शिफ्ट किया गया है. इससे पहले पिछले साल सितंबर-अक्टूबर के महीने में उसे दो महीने के लिए यहां लाया गया था.
अक्टूबर 2022 में अमन साव ने जेल सुपरीटेंडेंट को जान से मारने की धमकी दी थी सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट में अमन साहू के हवाले से कहा गया है कि सरकार जेल में बंद बंदियों को एक डाइट स्केल के अनुसार भोजन देती है, लेकिन सेंट्रल जेल के अधीक्षक उस डाइट स्केल का 50 प्रतिशत हिस्सा सप्लायर की मदद से बेच देते हैं. साव ने आरोप लगाया है कि जानवरों के जैसा खाना बंदियों को खाना पड़ता है. जो पैसे वाले बंदी हैं, जेल की कैंटीन से खरीदकर खाते हैं. कैंटीन भी बिना नियम कानून के जेल सुपरीटेंडेंट के इशारे पर चहेते बंदी से चलवाया जाता है.
आगे लिखा गया कि बाजार दर की तुलना में 40 प्रतिशत महंगे दाम पर सारे सामान मिलते हैं. इसके खिलाफ उच्च अधिकारियों को कोई भी बंदी आवेदन लिखता है तो उस लेटर को जेल से डिस्पैज होने नहीं दिया जाता है.सोशल मीडिया में अमन के हवाले से यह भी लिखा गया है कि पिछले साल सेंट्रल जेल में दो महीने तक रहा. उस समय जेल आईजी एवं कोर्ट को सारे मामले में जांच के लिए कई बार आवेदन लिखा, लेकिन एक भी आवेदन को पहुंचने नहीं दिया गया, उल्टा मोबाइल सुविधा मांगने और धमकी देने का आरोप लगाकर केस कर दिया गया. अमन ने यह भी बताया है कि जेल सुपरिटेंडेंट जेल से बंदियों का खाना दाल-चावल बेचकर हर महीने दस लाख रुपये कमा रहे हैं.
पुलिस ने दी सफाई
मामले में सेंट्रल जेल के अधीक्षक जीतेन्द्र कुमार पत्रकारों को बताया कि अमन साव द्वारा मोबाइल सुविधा की डिमांड की गई थी. पूरी नहीं करने के कारण आधारहिन पोस्ट कराया गया है. सारे आरोप बेबुनियाद हैं.जीतेन्द्र कुमार बोले कि कैदियों की किसी सामग्री में कटौती नहीं की जाती है. पिछली बार भी आपराधिक गतिविधियां संचालित करने के लिए मोबाइल की मांग की गई थी और नहीं दिलाने पर जान से मारने की धमकी दी गई थी.
यह भी पढ़े
गोपालगंज में प्रेमिका हीं निकली प्रेमी का कातिल
नालंदा में रुपये डबल करने वाले गिरोह के 4 सदस्य हुए गिरफ्तार
क्या होती है दो देशों की 2+2 वार्ता?
क्या है चीन का ‘कर्ज़ जाल’ की सच्चाई?
विश्व क्षय रोग रिपोर्ट 2023 के मुख्य निष्कर्ष क्या हैं?
भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति की क्या आवश्यकता है?