ड्रग इंस्पेक्टर के छिपाये 4 करोड़ तक पहुंची निगरानी की टीम

ड्रग इंस्पेक्टर के छिपाये 4 करोड़ तक पहुंची निगरानी की टीम

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की जद में आये पटना के ड्रग इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार के ठिकानों पर छापेमारी हुई तो चौंकाने वाले खुलासे हुए. इंस्पेक्टर के घर से चार करोड़ से अधिक की राशि कैश के रूप में बरामद की गयी. हालांकि इस पैसे को जब्त करना निगरानी की टीम के लिए इतना आसान नहीं रहा. ड्रग इंस्पेक्टर के घर की बनावट, कमरों की संख्या और परिवारजनों के द्वारा भ्रमित किये जाने के बाद यह जब्ती आसान हुई एक बच्चे के इशारे पर जिसने निगरानी टीम का काम आसान बना दिया.

ड्रग इंस्पेक्टर के परिवारजनों ने काफी भ्रमित किया

पटना के ड्रग इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार की बेहिसाब संपत्ति का हिसाब निकालने में अधिकारियों को काफी मशक्कत का समाना करना पड़ा. आरोपित ड्रग इंस्पेक्टर के सुल्तानगंज स्थित खान मिर्जा गली स्थित आवास पर पहुंची निगरानी की टीम को ड्रग इंस्पेक्टर के परिवारजनों ने काफी भ्रमित किया.

मासूम ने निगरानी के काम को आसान किया

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मकान काफी बड़ा था और कई कमरे रहने के कारण निगरानी की टीम भी यह पता करने में उलझी रही कि इंस्पेक्टर का कमरा कौन सा है. उनके परिजनों ने भी हर बार गुमराह किया. लेकिन एक 6 से 7 साल के मासूम ने निगरानी के काम को आसान कर दिया और अफसर की चालाकी की वजह से कुछ ही पलों में करोड़ों रुपये भरा बैग बरामद हो गया.

ड्रग इंस्पेक्टर के कमरे को ढूंढना हो गया था मुश्किल

निगरानी की 14 सदस्यीय टीम जब छापा मारने आरोपित ड्रग इंस्पेक्टर के सुल्तानगंज स्थित खान मिर्जा गली स्थित आवास पर पहुंची तो वो ड्रग इंस्पेक्टर जितेंद्र का कमरा ढूंढने लगे. परिवार वाले अलग-अलग कमरों के बारे में जानकारी देते रहे और निगरानी की टीम उलझती रही. उन्हें ड्रग इंस्पेक्टर के कमरे में जल्द से जल्द पहुंचना था. ऐसी भी आशंका थी कि इंस्पेक्टर के कमरे से रुपये व अहम दस्तावेज हटा दिये जा सकते हैं.

बच्चे ने दिया इशारा, सामने आ गयी काली कमाई

निगरानी की टीम के एक अधिकारी की नजर अचानक एक बच्चे पर पड़ी. अधिकारी उस मासूम के पास गये और जैसे ही बच्चे से सवाल किया तो फौरन जितेंद्र कुमार के कमरे की सच्चाई बाहर आ गयी. निगरानी की टीम बच्चे के बताये कमरे की तरफ बढ़ गयी और तलाशी के दौरान बड़ी सफलता हाथ लगी. निगरानी को यहां से नोट भरा एयरबैग मिला जिसमें करोड़ों रुपये भरे हुए थे.

निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की जद में आये पटना के ड्रग इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार की बेहिसाब संपत्ति का हिसाब निकालने में अधिकारियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी. शनिवार को ड्रग इंस्पेक्टर के सुल्तानगंज स्थित खान मिर्जा गली स्थित आवास पर देर रात तक नोट गिनने वाली मशीन से चली गिनती के बाद अधिकारियों को कुल 4 करोड़ 11 लाख 79 हजार 700 रुपये नकद का पता चला. यह अब तक की सबसे बड़ी नकदी की बरामदगी है. बेंगलुरु, नोएडा व रांची में भी संपत्ति का पता चला है. साथ ही सोने के आभूषण भी पौन किलो से बढ़ कर एक किलो हो गये.

प्रदेश में नकदी की अब तक की सबसे बड़ी बरामदगी

रविवार को बरामद नकदी निगरानी कार्यालय में लायी गयी, जिसे सोमवार को बैंक खुलने पर जमा कराया जायेगा. 19 घंटे तक लगातार चली जांच के बाद ड्रग इंस्पेक्टर की कई बेनामी संपत्ति, जमीन-मकान से जुड़े दस्तावेज और बैंक खातों व वित्तीय निवेश से संबंधित दस्तावेज मिले हैं. इनके सत्यापन के बाद बेहिसाब संपत्ति का दायरा बढ़ने की उम्मीद है. ड्रग इंस्पेक्टर के एसबीआइ, पीएनबी, केनरा और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के आठ पासबुक जबकि एलआइसी, मैक्स लाइफ, अवीवा, न्यू इंडिया इंश्योरेंस में निवेश से संबंधित दस कागजात मिले हैं. सोमवार को बैंकों के खुलने पर इन बैंक खातों में जमा राशि, लॉकर आदि की जानकारी ली जायेगी. इसके साथ ही वित्तीय निवेश संबंधित कागजातों का भी सत्यापन कराया जायेगा.

कई और संपत्ति का पता चला

निगरानी को अब तक की जांच में ऐसी कई संपत्ति का पता चला है, जिसका उल्लेख उन्होंने अपनी वार्षिक संपत्ति विवरणी में नहीं किया है. इसमें पटना के संदलपुर मुहल्ला स्थित मातृछाया अपार्टमेंट में फ्लैट संख्या 301 शामिल है. इसके अलावा गया शहर के मनोरमा अपार्टमेंट में फ्लैट संख्या 201 के बगल में फ्लैट संख्या 202 भी ड्रग इंस्पेक्टर का ही होने की आशंका जतायी गयी है. हालांकि इससे संबंधित दस्तावेज अब तक नहीं मिले हैं.

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इस फ्लैट का बिजली कनेक्शन जितेंद्र कुमार के नाम से पाया गया है. इनके द्वारा बेंगलुरु में भी फ्लैट खरीदे जाने की सूचना है. जांच में निगरानी को 27 जमीन के डीड एवं कागजात मिले हैं, जिनका सत्यापन किया जा रहा है. इनमें कई बिहार से बाहर नोएडा और रांची के भी हैं. सुल्तानगंज खान मिर्जा गली में पुश्तैनी के साथ ही अपने नाम से खरीदी जमीन पर लगभग 4000 वर्गफीट में जी प्लस फोर मकान का निर्माण जितेंद्र कुमार ने ही कराया है.

2019 में इइ के घर से मिले थे 2.36 करोड़

जानकार बताते हैं कि राज्य निगरानी ब्यूरो ने जून, 2019 में पटना में तैनात पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता सुरेश कुमार सिंह को 14 लाख रुपए रिश्वत लेते उसके घर से ही दबोच था. इसके बाद जांच में उसके घर से 2.36 करोड़ रुपये नकदी बरामद की थी. तब बिहार में किसी सरकारी कर्मी के घर से यह सबसे बड़ी बरामदगी थी. अब पटना के ड्रग इंस्पेक्टर के घर में 4.11 करोड़ रुपये कैश की बरामदगी निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने की है. ऐसे में इसे किसी सरकारी कर्मी के घर से अब तक की सबसे बड़ी कैश बरामदगी बतायी जा रही है.

 

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