बिहार विधानसभा के अध्यक्ष के आगमन से जीरादेई में जगी कई उम्मीदें

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तीतिर स्तूप क्षेत्र के विकास के लिए पहल की स्थानीय लोग करेंगे मांग तो अनुदानित शिक्षक भी सौपेंगे मांग पत्र ।

श्रीनारद मीडिया, जीरादेई, सीवान (बिहार):

गणतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद के पैतृक आवास पर मंगलवार को बिहार विधानसभा के अध्यक्ष के आगमन से जीरादेई के वासियों में विकास की उम्मीद जगी हैं। साथ ही पुराने लगाव के कारण बिहार विधानसभा के अध्यक्ष श्री अवध बिहारी चौधरी के क्षेत्र के लोगों में खुशियों की भी लहर भी है। वही अनुदानित शिक्षक भी बकाया अनुदान की राशि उपलब्ध कराने एवं प्रतिमाह मानदेय के लिए विधान सभा अध्यक्षक को आवेदन प्रेषित करेंगे ।

देशरत्न के पैतृक संपत्ति के प्रबंधक रामेश्वर सिंह ने बताया कि विधानसभा अध्यक्ष महोदय का जीरादेई से बहुत ही लगाव रहता है। उन्होंने बताया कि प्रतिवर्ष तीन दिसम्बर व अन्य किसी भी कार्यक्रम में उनको बुलाने पर ससमय उपस्थित हो जाते रहे हैं। श्री सिंह ने कहा कि हम सबको काफी उम्मीद है कि अध्यक्ष महोदय जीरादेई के विकास को गति प्रदान करने के लिए निश्चित ही प्रयासरत रहेंगे ।

सिवान तितिर स्तूप विकास मिशन के संस्थापक कृष्ण कुमार सिंह ने बताया कि जीरादेई क्षेत्र में तीतिर स्तूप है, जहाँ के उत्तखन्न में काफी पुरातात्विक अवशेष मिला है। जिसे पुरातात्विक स्थल घोषित की प्रकिया गत दो वर्ष पूर्व शुरू हुई जो प्रतीक्षारत है। अगर विधानसभा अध्यक्ष महोदय तितिर स्तूप को पुरातात्विक स्थल घोषित करवाने में सहयोग करें तो जीरादेई क्षेत्र का ऐतिहासिक महत्व बढ़ जाएगा। तितिर स्तूप पर भारी संख्या में पर्यटक आने लगेंगे जिससे यह क्षेत्र देश के पर्यटन मानचित्र पर आ जाएगा। इससे क्षेत्र के विकास में भारी मदद मिलेगी। गौरतलब है कि तितिर स्तूप क्षेत्र पर देशी विदेशी पर्यटक आते रहते हैं लेकिन सुविधाएं नदारद हैं।

ज्ञात हो कि दिनांक 29/09/2021 को जिलाधिकारी अमित कुमार पांडेय की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में सिवान जिला के मास्टर प्लान तैयार करने हेतु आयोजन क्षेत्र के सीमांकन के संबंध में बैठक आयोजित किया गया था। इसमें जिले के सभी जनप्रतिनिधि शामिल थे। सिवान सांसद कविता सिंह की मांग पर
तितिर स्तूप क्षेत्र में देशी विदेशी पर्यटकों के आगमन को देखते हुए जिला प्रशासन ने ठेपहा और तितिरा बंगरा को टाउन प्लानिंग एरिया में शामिल करने के लिए अग्रेतर कारवाई का निर्देश जारी कर दिया था।

सिवान तीतिर स्तूप विकास मिशन के संथापक सदस्य सह शोधार्थी कृष्ण कुमार सिंह ने बताया कि भारतीय पुरातत्व विभाग के परीक्षण उत्खनन में प्रचुर मात्रा में बौद्धकालीन पुरातत्विक अवशेष व शिलालेख मिला था।बैठक में प्रशासनिक पदाधिकारी, जिला विकास शाखा को अग्रेतर कारवाई हेतु निर्देश दिया गया। साथ ही जीआईएस स्पेशलिस्ट/ अर्बन स्पेशलिस्ट को निर्देश दिया गया कि सिवान नगर परिषद के विस्तार की अधिसूचना के आलोक में जीरादेइ प्रखंड के ठेपहा और तितिर बंगरा गांव को भी शामिल करें।

उन्होंने बताया कि सहायक पुरातत्वविद शंकर शर्मा ने प्रतिवेदन में एनबीपी डब्लू ( नॉदर्न ब्लैक पॉलिश् वेयर )एवं धूसर मृदभांड मिलने का साक्ष्य दिए है जो पांचवीं शताब्दी ईसा पूर्व से पांचवीं सदी के बीच की हो सकती है तथा बताये है कि तीतिर स्तूप का क्षेत्र प्राचीन समय में शहरी क्षेत्र था जिसमें सम्पन्न लोग निवास करते थे । शोधार्थी ने बताया कि केपीजयसवाल शोध संस्थान के पूर्व निदेशक डॉ जगदीश्वर पांडेय एवं पुरातत्वविद डॉ नीरज पाण्डेय के अनुसार चित्रित धूसर मृदभांड एवं एनबीपी जो काले रंग का पतला व हल्का होता है इसका काल 600 से 200 बीसी तक माना जाता है ।

विशेषज्ञ मान रहे हैं कि ठेपहा और तितिर बंगरा क्षेत्र के टाउन प्लानिंग एरिया में शामिल होने से जिले के मास्टर प्लान में इस क्षेत्र की विकास योजना को महत्व मिलेगा। नगरीय विकास के लिए पर्याप्त संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित हो पायेगी। पर्यटकों के लिए बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए भी पहल शुरू हो जाएगी। इन सबसे तितिर स्तूप क्षेत्र के विकास को विशेष तौर पर बढ़ावा मिलेगा।

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