बिहार में इस बार केवल घरों में ही होगी पूजा, जानिए कलश स्‍थापना के शुभ मुहूर्त

बिहार में इस बार केवल घरों में ही होगी पूजा, जानिए कलश स्‍थापना के शुभ मुहूर्त

श्रीनारद मीडिया,रोहित मिश्रा,स्टेट डेस्क

नवरात्रि साल में दो बार मनायी जाती है- शारदीय तथा चैत्र नवरात्रि। इस बार चैत्र नवरात्रि 13 अप्रैल यानी मंगलवार से प्रारंभ हो रही है। जबकि, 21 अप्रैल को इसका समापन होगा। मां दुर्गा की उपासना का यह पर्व 13 अप्रैल से शुरू होगा। नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूप की उपासना की जाती है। लगातार दो बार से कोरोनावायरस संक्रमण को लेकर चैत्र मास की नवरात्रि में मंदिरों में पूजा-पाठ बंद हैं। सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार केवल घरों में ही पूजा-पाठ होगा। इस साल नवरात्रि के पहले दिन ब्रह्म मुहूर्त, अभिजीत मुहूर्त, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग आदि शुभ मुहूर्त रहेंगे। इन्‍हीं शुभ मुहूर्त में घरों में कलश का स्थापना की जाएगी। ज्योतिषाचार्य विद्यापति मिश्रा की मानें तो इस नवरात्र मां दुर्गा की सवारी घोड़ा (अश्व) है। जबकि, प्रस्थान नर वाहन (मानव कंधे) पर होगा।

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कलश स्थापना के शुभ मुहूर्त

मंगलवार को 13 अप्रैल 2021 , शुभ मुहूर्त- सुबह पांच बजकर 28 मिनट से सुबह 10 बजकर 14 मिनट तक कलश स्थापना किया जा सकता है। जबकि, दूसरा कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 56 मिनट से दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक है।

घरों में ही होगा पूजा पाठ

चैत्र नवरात्रि पर जहां एक ओर लोग व्रत रहते है। वहीं दूसरी ओर घरों में पूजा पाठ भी होता है। अष्टमी की रात्रि में ग्रामीण क्षेंत्रों में माता का विशेष पूजा होता है। इस चैत्र नवरात्र पर माता से कोरोनावायरस संक्रमण को लेकर अपने घर-परिवार के सदस्यों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए भी लोग कामना करेंगे। नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की नौ दिन पूजा-अर्चना की जाती है। मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए भक्त नौ दिन तक व्रत करते हैं। साथ ही नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए उनके नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है।

कब किस देवी की होगी पूजा

13 अप्रैल- नवरात्रि प्रतिपदा- मां शैलपुत्री पूजा और कलश स्थापना

14 अप्रैल – नवरात्रि द्वितीया- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा

15 अप्रैल – नवरात्रि तृतीया- मां चंद्रघंटा की पूजा

16 अप्रैल- नवरात्रि चतुर्थी- मां कुष्मांडा की पूजा

17 अप्रैल- नवरात्रि पंचमी- मां स्कंदमाता की पूजा

18 अप्रैल- नवरात्रि षष्ठी- मां कात्यायनी की पूजा

19 अप्रैल- नवरात्रि सप्तमी- मां कालरात्रि की पूजा

20 अप्रैल- नवरात्रि अष्टमी- मां महागौरी की पूजा

21 अप्रैल- नवरात्रि नवमी- मां सिद्धिदात्री की पूजा और रामनवमी

 

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