भूकंप से 10 फीट तक खिसक गया तुर्किये,कैसे?

भूकंप से 10 फीट तक खिसक गया तुर्किये,कैसे?

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

तुर्किये और सीरिया में बीते दिनों आए भूकंप के चलते हजारों लोगों ने अपनी जान गंवा दी है। अकेले तुर्किये ने अपने 12000 से ज्यादा लोगों को खो दिया है। भूकंप इतना खतरनाक था कि कई हजार इमारतें और कई सड़कें धराशायी हो गईं। तुर्किये  में चारों ओर तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है, लोग अभी तक गिरी हुई इमारतों के नीचे दबे हैं। इस बीच, जानकारों की मानें तो तुर्किये इस भूकंप के कारण करीब 10 फीट खिसक गया है।

तुर्किय 3 मीटर तक कैसे खिसक गया

तुर्किये की जमीन 7.8 तीव्रता वाले भूकंप के 1 मिनट तक आने के चलते करीब 3 मीटर तक खिसक गई है, लेकिन ऐसा क्यों हुआ है वो हम समझाएंगे। दरअसल, यह सब टेक्टोनिक प्लेट्स के खिसकने के कारण है। तुर्किये 4 टेक्टोनिक प्लेट्स पर बसा है और उसका सबसे बड़ा हिस्सा एनाटोलियन प्लेट पर टिका है। इटली के सीस्मोलॉजिस्ट डॉक्टर कार्लो डोग्लियोनी के अनुसार तुर्किये का बड़ा हिस्सा यूरेशियन और अफ्रीकी प्लेट्स के बीच में फंसा है और इसी के चलते जैसे ही भूकंप आया दोनों प्लेट्स 225 मील तक खिसक गईं है, जिससे जमीन में भी बदलाव आया है।

तुर्किये पर क्या होगा असर

दरअसल, भूकंप की तीव्रता तेज होने के चलते माना जा रहा है कि टेक्टोनिक प्लेट्स की गतिविधियां ज्यादा भीषण हुईं है। तुर्किये के 3 मीटर तक खिसक जाने के चलते उसकी इमारतों, सड़कों, पानी की पाइपलाइल और नदियों तक की दिशा बदल जाने की आशंका है।

जानकारों की मानें तो भूकंप की तीव्रता के अनुसार जमीन खिसक जाती है। अगर तीव्रता ज्यादा हो ज्यादा मील जमीन खिसकने की बात सामने आती है। डरहम विश्वविद्यालय में संरचनात्मक भूविज्ञान के प्रोफेसर डॉ बॉब होल्ड्सवर्थ की माने तो 6.5 से 6.9 की तीव्रता वाले भूकंप से लगभग एक मीटर तक जमीन खिसक जाती है, वहीं अगर भूकंप इससे ज्यादा हो तो 10 से 15 मीटर तक जमीन खिसक सकती है।

तुर्किये में अब तक 12000 से ज्यादा की मौत

तुर्किये में भूकंप के चलते मरने वालों का आंकड़ा 12,873 हो गया है। इमारतों के बड़े स्तर पर धराशायी होने के चलते अभी कई लोग दबे होने की आशंका है, जिससे मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

भूकंप की वजह से कैसे खिसक गया तुर्किये?

तुर्किये की जमीन खिसकने की वजह समझने के लिए हमें इसकी लोकेशन को समझना होगा।

दरअसल, दुनिया बड़ी-बड़ी टैक्टोनिक प्लेट्स पर स्थित है। इन प्लेट्स के नीचे तरल पदार्थ लावा है। ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं और कई बार आपस में टकरा जाती हैं।

तुर्किये का ज्यादातर हिस्सा एनाटोलियन टैक्टोनिक प्लेट पर बसा है। ये प्लेट यूरोशियन, अफ्रीकन और अरबियन प्लेट के बीच में फंसी हुई है। जब अफ्रीकन और अरबियन प्लेट शिफ्ट होती हैं तो तुर्कीये सैंडविच की तरह फंस जाता है। इससे धरती के अंदर से ऊर्जा निकलती है और भूकंप आते हैं। सोमवार को तुर्किये में आया भूकंप नॉर्थ एनाटोलियन फॉल्ट लाइन पर आया।

इटली के सीस्मोलॉजिस्ट डॉ. कार्लो डोग्लियोनी के मुताबिक एनाटोलियन टैक्टोनिक प्लेट्स और अरबियन प्लेट्स एक दूसरे से 225 किलोमीटर दूर खिसक गई हैं। इसके चलते तुर्किये अपनी भौगोलिक जगह से 10 फीट खिसक गया है।

डोग्लियोनी बताते हैं कि टैक्टोनिक प्लेट्स में हुए इस बदलाव के चलते तुर्किये, सीरिया की तुलना में 5 से 6 मीटर यानी लगभग 20 फीट और अंदर धंस गया है। हालांकि, उन्होंने साफ किया कि ये शुरुआती डेटा से मिली जानकारी है। आने वाले दिनों में सैटेलाइट इमेज से सटीक जानकारी मिल सकेगी।

डरहम यूनिवर्सिटी में स्ट्रक्चरल जियोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. बॉब होल्ड्सवर्थ ने कहा कि इतना शक्तिशाली भूकंप आने के बाद प्लेट का शिफ्ट होना स्वाभाविक है। उन्होंने बताया कि भूकंप की तीव्रता और टैक्टोनिक प्लेट्स के खिसकने के बीच सीधा संबंध है। इसमें ऐसा कुछ नहीं है जो अटपटा लगे।

उन्होंने बताया कि 6.5 से 6.9 की तीव्रता वाले भूकंप आने पर टैक्टोनिक प्लेट्स एक मीटर तक खिसक सकती है। वहीं अब तक के ज्ञात सबसे बड़े भूकंप आने पर यह 10 से 15 मीटर तक खिसक सकती हैं।

तुर्किये के 10 फीट तक खिसकने की कीमत

प्रो. होल्ड्सवर्थ के मुताबिक इतनी ज्यादा तीव्रता वाले भूकंप से अगर तुर्किये के आसपास की टैक्टोनिक प्लेट्स में 3 से 6 मीटर का हॉरिजॉन्टल खिसकाव होता है तो यह स्वाभाविक है। वजह हैं तुर्किये का तीव्र भूकंप वाले जोन में होना।

टैक्टोनिक प्लेट्स का इस तरह हॉरिजॉन्टल खिसकाव सड़कों, इमारतों, बोरिंग, पानी या पेट्रोल की पाइप लाइन को तोड़ सकता है। साथ ही नदियों की दिशा भी बदल सकता है।

यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में अर्थक्वेक जियोलॉजी और डिजास्टर रिस्क रिडक्शन के प्रोफेसर डॉ. जोआना फरे वॉकर ने कहा कि ये दोनों स्ट्राइक-स्लिप भूकंप थे। उन्होंने कहा कि स्ट्राइक-स्लिप फॉल्ट्स की वजह से 7 या 8 का तीव्रता का भूकंप आने की आशंका होती है। जैसा कि तुर्किये में देखने को मिला है।

Leave a Reply

error: Content is protected !!