सीवान में डबल रेट पर बेचा जा रहा यूरिया, परेशान किसान यूपी से लाने को मजबूर
यूरिया के नाम पर दुकानदार जमकर कालाबाजारी कर किसानों को चूना लगा रहे हैं.
CID करेगी छपरा जहरीली शराब कांड में हुई 80 मौतों की जांच
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार के सीवान में यूरिया की किल्लत को लेकर मारामारी जारी है. इसके बावजूद किसानों को यूरिया नहीं मिल पा रहा है. यूरिया की तलाश में किसान बिस्कोमान के गोदामों का चक्कर लगाकर थक गए है. अंततः उन्हें उत्तर प्रदेश से जाकर मनमाने दामों पर यूरिया लाकर अपनी खेतों में डालने को मजबूर होना पड़ रहा है.
एक तरफ किसानों को यूरिया उपलब्ध नहीं हो पा रहा है तो वहीं दूसरी ओर यूरिया की कालाबाजारी का मामला अपने चरम पर है. सीवान में यूरिया के नाम पर दुकानदार जमकर कालाबाजारी कर किसानों को चूना लगा रहे हैं. इसी मामले पर जिला प्रशासन भी अब कड़ा रुख अख्तियार कर छापेमारी करना शुरू कर दिया है.जिससे कालाबाजारी करने वाले दुकानदारों में दहशत का माहौल कायम हो गया है.
कालाबाजारी मामले में दो पर हुई कार्रवाई
सीवान जिले के दरौंदा प्रखंड में यूरिया की कालाबाजारी की शिकायत पर अधिकारियों की टीम ने दर्जनों उर्वरक दुकानों की जांच की. जांच के दौरान दो उर्वरक दुकानों पर गड़बड़ी पाई गई. इस दौरान दो दुकानों पर गड़बड़ी पाए जाने पर लाइसेंस निरस्त करने की अनुशंसा अधिकारियों ने की. जिसके बाद से दरौंदा सहित सीवान जिले के उर्वरक दुकानदारों में हड़कंप मच गया है. यूरिया की कालाबाजारी को रोकने के लिए प्रखंड कृषि पदाधिकारी विक्रम मांझी के नेतृत्व में टीम गठित की गई है.
किसानों को दोगुने दाम पर मिल रहा है यूरिया
सीवान जिले के दरौंदा सहित लगभग सभी प्रखंडों में यूरिया की कालाबाजारी चरम पर है. सरकारी रेट को दरकिनार कर मनमाने तरीके से यूरिया बेची जा रही है. वहीं दरौंदा में 268.50 रुपये की यूरिया 350 से लेकर 540 रुपये में बेची जा रही थी. जिसकी शिकायत किसानों ने की थी. हालांकि दरौंदा ही नहीं जिले के अन्य प्रखंडों में भी यही दुर्दशा है. जहां मनमाने दर पर किसानों को यूरिया दिया जा रहा है, जिससे किसान परेशान हैं.
कालाबाजारी पर नकेल कसने के लिए की जा रही है कार्रवाई
इस संबंध में कृषि पदाधिकारी विक्रम मांझी ने बताया कि लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि सरकारी मूल्य पर यूरिया का वितरण न करते हुए मंहगे दामों पर वितरण किया जा रहा है. जिस पर जांच के दौरान दो दुकानों पर गड़बड़ी पाई गई. जिस पर कार्रवाई की अनुशंसा कर दी गई है.
उन्होंने आगे बताया कि किसान बार-बार आरोप लगा रहे थे कि 268.50 रुपये की यूरिया 350, 450 एवं 540 रुपये में बेची जा रही है. मामले को संज्ञान में लिया गया है जांच चल रही है. यूरिया की कालाबाजारी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी. लगातार इसके लिए मॉनिटरिंग से लेकर कार्रवाई की जा रही है.
CID करेगी छपरा जहरीली शराब कांड में हुई 80 मौतों की जांच
दिसंबर 2022 में बिहार के छपरा जिले में हुई जहरीली शराब कांड को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है. छपरा जहरीली शराब कांड की जांच अब सीआईडी की मद्य निषेध विभाग की टीम करेगी. राज्य सरकार के निर्देश पर बिहार पुलिस मुख्यालय ने यह अहम फैसला ले लिया है. पिछले 14 दिसंबर को छपरा के मशऱख और इसुआपुर थाना क्षेत्र में जहरीली शराब कांड में 80 लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद से ही बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर तमाम तरह के सवाल उठाए जा रहे थे.
विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिशों में जुटा हुआ था. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गई है और 9 जनवरी को सुनवाई की अगली तारीख भी तय की गई है लेकिन इसके पहले बिहार सरकार के निर्देश पर बिहार पुलिस मुख्यालय ने यह फैसला लिया है. बिहार पुलिस मुख्यालय ने सीआईडी जांच की पुष्टि करते हुए कहा है कि ससमय जांच और गुणवत्तापूर्ण जांच को लेकर यहां फैसला लिया गया है. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई को देखते हुए ही या फैसला लिया गया है. जानकार भी इस बात को बेहिचक स्वीकार करते हैं क्योंकि जांच का दायरा पहले एसआईटी की टीम के पास था और एसआईटी छपरा पुलिस की थी और अब जांच का दायरा बढ़ गया है.
राज्य स्तर पर मद्य निषेध विभाग अपराध अनुसंधान विभाग की मद्य निषेध विभाग की टीम इसकी जांच करेगी. इस पूरे मामले को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. भाजपा ने 20 दिनों के बाद इस मामले को सीआईडी को सौंपने पर सवाल उठाया है. सत्तापक्ष से जुड़े नेताओं का कहना है कि सीआईडी जांच के बाद निष्पक्ष रिपोर्ट सामने आएगी और सरकार की मंशा किसी को बचाने या फंसाने की नहीं है. जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा है कि हमें जांच रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए और जांच रिपोर्ट आ जाएगी तो बेवजह आरोप लगाने की प्रवृत्ति भी खत्म होगी.
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