क्यों मनाया जाता है विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस?

क्यों मनाया जाता है विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस?

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

वर्तमान समय में ऑटिज्म के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ी है। लेकिन भारत में इस विकार से बढ़ने वाले मामले चिंता भी बढ़ाते हैं। साल 2021 की एक स्टडी के मुताबिक देश में हर 68 बच्चों में से एक बच्चा इस विकार से पीड़ित है। जिनमें लड़कियों की तुलना में ऑटिज्म से ग्रसित लड़कों की संख्या ज्यादा है। ऑटिज्म से ग्रसित लोगों को बातें समझने में परेशानी होती है। वह मन ही मन कुछ बड़बड़ाया करते हैं, आंखे मिलाकर बात नहीं कर पाते, उठने-बैठने व खाने-पीने का तरीका औरों से अलग होने के साथ ही वह शब्दों को भी नहीं समझ पाते हैं।

02 अप्रैल को पूरी दुनिया में विश्व ऑटिज़्म जागरूकता दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने के मुख्य उद्देश्य लोगों को ऑटिज्म के बारे में जागरुक करना है। साथ ही उन लोगों को सपोर्ट करना है, जो इस बीमारी से जूझ रहे हैं। बता दें कि इस विकार से पीड़ित लोग दूसरे लोगों पर निर्भर रहते हैं। इसलिए संयुक्त राष्ट्र ने लोगों से इस दिन एक साथ आने और ऑटिस्टिक लोगों का समर्थन करने का आग्रह किया। वहीं ऑटिज़्म से पीड़ित लोगों की आवश्यकता को उजागर करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2 अप्रैल को विश्व ऑटिज़्म जागरूकता दिवस के रूप में घोषित किया।

क्यों मनाया जाता है विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1 नवंबर साल 2007 में विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस मनाने का संकल्प पास किया था। जिसको 18 दिसंबर 2007 को सभा ने भी अपना लिया। तब से हर साल 02 अप्रैल को विश्व ऑटिज्म जागरुकता दिवस मनाया जा रहा है। इसका का उद्देश्य इस डिसऑर्डर के बारे में लोगों को जागरुक करना और इस विकार से पीड़ित व्यक्ति का जीवन बेहतर बनाने में मदद करना शामिल है। जिससे ऑटिज्म डिसऑर्डर से पीड़ित व्यक्ति समाज में बेहतर जीवन बिता सके।

आपको बता दें कि ऑटिज्म एक ऐसी न्यूरोलॉजिकल स्थिति होती है, जिसमें व्यक्ति के इमेजिनेशन, सोशल इंटरेक्शन और वर्बल या नॉन वर्बल कम्युनिकेशन पर बुरा असर पड़ता है। इस डिसऑर्डर से जूझ रहे लोगों को सपोर्ट करना इस दिन को मनाए जाने का असल मकसद है।

हर साल विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस की एक थीम रखी जाती है। वहीं इस बार यानी साल 2024 की थीम ‘Empowering Autistic Voices’ यानी इस डिसऑर्डर से पीड़ित लोगों की आवाज को मजबूती देना रखी गई है। जिससे समाज में इस विकार से पीड़ित लोगों के प्रति स्वीकार्यता बढ़ सके और वह भी समाज में अच्छी जिंदगी जी सकें। नीले रंग को ऑटिज्म के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।

Leave a Reply

error: Content is protected !!