जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा के तहत महिला बंध्याकरण मामले में अररिया राज्य के अव्वल जिलों में शुमार

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राज्यवार जारी रैकिंग में अररिया का पहला स्थान, निर्धारित लक्ष्य की तुलना में उपलब्धि 176 फीसदी:
जिले के सभी पीएचसी में परिवार नियोजन सेवाओं को हो रहा सफल संचालन:

श्रीनारद मीडिया, अररिया, (बिहार):


जिले की बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने के साथ-साथ आम लोगों को छोटे परिवार के महत्व से अवगत कराते हुए नियोजन संबंधी उपायों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से जिले में संचालित जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा बेहद सफल साबित हुआ। दो चरणों में संचालित पखवाड़ा के तहत 27 जून से 10 जुलाई तक दंपति संपर्क पखवाड़ा का संचालन किया गया। वहीं अभियान के दूसरे चरण में जिले में 11 से 31 जुलाई के बीच जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा का संचालन किया गया। गौरतलब है कि इस विशेष पखवाड़ा के तहत महिला बंध्याकरण के मामले में अररिया राज्य के उत्कृष्ट जिलों में शुमार है। राज्यवार जारी रैकिंग में जिले का स्थान पहला है। वहीं खगड़िया व पटना जिला को क्रमश: दूसरा व तीसरा रैंक प्राप्त हुआ है।

पखवाड़ा के तहत 754 महिलाओं का हुआ सफल बंध्याकरण:
जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा से जुड़ी उपलब्धियों की जानकारी देते हुए केयर इंडिया के परिवार नियोजन कार्यक्रम के जिला समन्वयक अय्याज असरफी ने बताया कि इस विशेष पखवाड़ा के दौरान निर्धारित लक्ष्य 435 की तुलना में कुल 754 बंध्याकरण का सफल ऑपरेशन किया गया। वर्ष 2020 में ये उपलब्धि महज 108 थी। इसी तरह नवजात के जन्म के एक सप्ताह बाद बंध्याकरण के रूप में नियोजन के स्थायी उपायों को अपनाने के मामले में निर्धारित लक्ष्य 90 की तुलना में 54 महिलाओं का बंध्याकरण किया गया। इस दौरान दो पुरुष नसबंदी के मामले का निष्पादन भी किया गया।

अनुमंडल अस्पताल फारबिसगंज रहा अव्वल:
पखवाड़ा के तहत बंध्याकरण ऑपरेशन के मामले में अनुमंडल अस्पताल फारबिसगंज ने बेहतर उपलब्धि हासिल की। इस दौरान फारबिसगंज में महिला बंध्याकरण के 158 मामलों का निष्पादन किया गया। वहीं रानीगंज रेफरल अस्पताल 119 बंध्याकरण ऑपरेशन का संपादन करते हुए दूसरे स्थान पर रहा। इसी तरह सदर अस्पताल में 69, पीएचसी अररिया में 97, सीएचसी भरगामा में 45, सीएचसी नरपतगंज में 38, आरएच जोकीहाट में 73, सीएचसी पलासी में 84, सीएचसी कुर्साकांटा में 54, सीएचसी सिकटी में 17 महिला बंध्याकरण से जुड़े मामलों का निष्पादन किया गया। वहीं इस दौरान नियोजन के अस्थायी उपायों के तहत 88 महिलाओं को आईयूसीडी, 185 महिलाओं को पीपीआईयूसीडी, 1285 महिलाओं को अंतरा का इंजेक्शन व विभिन्न स्वास्थ्य इकाईयों द्वारा 67197 कंडोम का वितरण जरूरतमंदों के बीच किया गया।

सभी पीएचसी नियोजन संबंधी सेवाओं का हो रहा संचालन:
सिविल सर्जन डॉ एमपी गुप्ता के मुताबिक जिले के सभी पीएचसी में परिवार नियोजन संबंधी सेवाओं को संचालन किया जा रहा है। सिकटी, भरगामा, जोकीहाट व कुर्साकांटा प्रखंडों में सर्जन की कमी को दूर करते हुए निर्धारित तिथि के आधार पर सभी मुख्य चिकित्सा संस्थानों में यह सेवाएं सुचारू रूप से बहाल कर दी गयी है। ताकि जिले में जनसंख्या नियंत्रण के उपायों को बढ़ावा दिया जा सके।

नियोजन के अस्थायी उपायों को बढ़ावा देना प्राथमिकता:
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम रेहान अशरफ की मुताबिक स्वास्थ्य विभाग जिले में नियोजन के अस्थायी उपायों को बढ़ावा देने के हर मुमकिन प्रयासों में जुटा है। उन्होंने कहा कि दूर-दराज इलाकों में स्थित स्वास्थ्य इकाईयों तक इस सेवा को विस्तार देने का प्रयास किया जा रहा है। कई सहयोगी संस्था भी इस काम में विभाग को जरूरी मदद पहुंचा रही है। उन्होंने कहा कि अभियान का मकसद संतान उत्पति पर किसी तरह का रोक लगाये बगैर लोगों को अपने शारीरिक, मानसिक व आर्थिक स्थिति के आधार पर सुखद व समृद्ध परिवारिक जीवन की प्लानिंग के लिये प्रेरित करना है।

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