सेना सभी ऑक्सीजन प्लांट अपने हाथ में ले-केजरीवाल

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

कोरोना संकट से निपटने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से बुलाई गई मुख्यमंत्रियों की बैठक के बाद आरोप-प्रत्यारोपों का दौर शुरू हो गया है। पीएम नरेंद्र मोदी से इस मीटिंग में अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी से ऑक्सीजन की कमी का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि यदि दिल्ली में ऑक्सीजन के प्लांट नहीं हैं तो हमें सप्लाई नहीं मिलेगी। इसके साथ ही उन्होंने ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए एयरफोर्स का इस्तेमाल करने की भी बात कही थी। इसके अलावा सीएम अरविंद केजरीवाल ने दूसरे राज्यों पर ऑक्सीजन की सप्लाई रोकने का भी आरोप लगाया था। हालांकि पीएम मोदी के साथ मीटिंग में अरविंद केजरीवाल के इस अंदाज की आलोचना भी शुरू हो गई है।

केंद्र सरकार के सूत्रों ने कहा है कि दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने कोविड पर पीएम-सीएम कॉन्फ्रेंस का इस्तेमाल राजनीति खेलने के लिए एक मंच के रूप में किया। सरकारी सूत्रों का कहना है कि उन्होंने वैक्सीन की कीमतों पर झूठ फैलाने के लिए यह मंच चुना है, यह जानने के बावजूद कि केंद्र सरकार वैक्सीन की एक भी डोज अपने पास नहीं रखती और केवल राज्यों के साथ साझा करती है।  सूत्रों का कहना है कि दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने ऑक्सीजन को एयरलिफ्ट करने का मुद्दा उठाया, लेकिन वह यह नहीं जानते थे कि यह पहले से ही किया जा रहा है

उन्होंने कहा कि उन्होंने रेलवे द्वारा ऑक्सीजन एक्सप्रेस के बारे में बात की थी, लेकिन रेलवे सूत्रों का कहना है कि उन्होंने इसके बारे में रेलवे को कुछ भी नहीं बताया है। सरकारी सूत्रों ने कहा कि अरविंद केजरीवाल बातचीत के स्तर को बहुत नीचे तक ले गए। केंद्र सरकार के सूत्रों ने कहा कि ऐसा पहली बार हो रहा था कि पीएम के साथ मुख्यमंत्रियों की बैठक का टेलीविजन पर प्रसारण किया गया था। केंद्र सरकार ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने जो कुछ भी बोला, उसमें किसी भी तरह के समाधान की बात नहीं की गई थी बल्कि राजनीति करने और जिम्मेदारी से बचने का भाव दिखा।

बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि सेना सभी ऑक्सीजन प्लांट अपने हाथ में ले. उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को कोरोना वैक्सीन केंद्र सरकार के समान कीमतों पर ही मिलने चाहिए. मैं प्रधानमंत्री से हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि वह मुख्यमंत्रियों को निर्देश दें ताकि दिल्ली तक ऑक्सीजन टैंकरों की सुगम आवाजाही सुनिश्चित हो सके.

आगे अरविंद केजरीवाल ने कोविड संबंधी हालात पर प्रधानमंत्री की बैठक में कहा कि ऑक्सीजन की कमी के कारण लोग बहुत अधिक पीड़ा में हैं. हमें आशंका है कि मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कमी होने से बहुत बड़ी त्रासदी हो सकती है, इस हालात से निबटने के लिए राष्ट्रीय योजना की आवश्यकता है.

केजरीवाल ने बैठक में कहा कि केंद्र को सेना के जरिए सभी ऑक्सीजन संयंत्रों को अपने अधीन लेना चाहिए और ऑक्सीजन के हर ट्रक के साथ सेना का वाहन चलना चाहिए.

सर गंगाराम अस्पताल में 25 मरीजों की मौत, 60 की जान खतरे में, 2 घंटे तक की बची है ऑक्सीजन

दिल्ली में ऑक्सिजन की किल्लत के बीच पीएम मोदी के साथ वर्चुअल बैठक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बढ़ाए गये कोटे में से भी साढ़े तीन सौ टन ऑक्सीजन दिल्ली पहुंच पाई है. प्रधानमंत्री जी जब से यह ऑक्सिजन का संकट शुरू हुआ है, मेरे फोन लगातार बजते रहते हैं… कभी कोई अस्पताल कहता है कि तीन घंटे की ऑक्सिजन बची है… कभी कोई अस्पताल कहता है कि दो घंटे की ऑक्सिजन शेष है….

आगे केजरीवाल ने कहा कि हम कारण जानने का प्रयास करते हैं, तो पता चलता है कि पीछे किसी राज्य ने दिल्ली के लिए ऑक्सिजन लाने वाले ट्रक को रोक रखा है… हमने मदद के लिए केंद्र सरकार के कुछ मंत्रियों से संपर्क साधा….शुरू में उन्होंने खूब सहयोग किया सर, लेकिन अब वे भी बेचारे थक चुके हैं…सर देश के संसाधनों पर 130 करोड़ लोगों का अधिकार है ना, यदि दिल्ली में ऑक्सिजन की फैक्टरी नहीं है तो क्या दिल्ली के दो करोड़ लोगों को ऑक्सिजन नहीं मिल पाएगी.

सरकार के सख्त निर्देशों के बावजूद अस्पतालों में ऑक्सीजन की तंगी : इधर चिकित्सा ऑक्सीजन का बिना रुकावट उत्पादन और आपूर्ति सुनिश्चित करने को लेकर सरकार के सख्त निर्देशों के बावजूद अस्पतालों में आक्सीजन की भारी कमी बनी हुई है.. अपोलो हस्पिटल्स की संयुक्त प्रबंध निदेशक संगीता रेड्डी ने यह बात कही है. रेड्डी प्रतिद्धंदी अस्पताल मैक्स हेल्थकेयर द्वारा किये गये एक ट्वीट का जवाब दे रही थी. इस ट्वीट में कहा गया था कि मैक्स स्मार्ट हॉस्पिटल और मैक्स हॉस्पिटल साकेत के पास एक घंटे से भी कम समय की ऑक्सीजन आपूर्ति बची हुई है. रेड्डी ने केन्द्रीय मंत्रियों, दिल्ली के मुख्यमंत्री और अन्य राज्य मंत्रियों को टैग करते हुए अपने ट्वीट में कहा कि सरकार के आदेशों के बावजूद अस्पतालों को सांस लेने के लिये हांफना पड़ रहा है. अस्पतालों के लिये अब यह हर घंटे वाली चुनौती बन गई है. जो प्रतिबद्धता जताई गई है उसमें होने वाली हर मिनट की देरी के लिये जीवन का नुकसान भुगतना पड़ सकता है.

गंगाराम अस्पताल में 25 मरीजों की मौत: इन सबके इतर दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में पिछले 24 घंटे में गंभीर रूप से बीमार 25 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो गयी और 60 ऐसे और मरीजों की जान भी खतरे में है. राष्ट्रीय राजधानी में ऑक्सीजन की कमी को लेकर गंभीर संकट की स्थिति पैदा होने के बीच अधिकारियों ने शुक्रवार को इस बारे में बताया. सूत्रों ने बताया कि घटना के पीछे संभावित वजह ‘‘ऑक्सीजन की कमी” हो सकती है.

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