लेखक सलमान रुश्दी पर न्यूयॉर्क में हुआ जानलेवा हमला

लेखक सलमान रुश्दी पर न्यूयॉर्क में हुआ जानलेवा हमला

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

भारतीय मूल के ब्रिटिश-अमेरिकी लेखक सलमान रुश्दी पर पश्चिमी न्यूयॉर्क में जानलेवा हमला हुआ है। वे एक कार्यक्रम के दौरान मंच पर संबोधन देने के लिए पहुंचे थे। जानकारी के मुताबिक एक व्यक्ति तेजी से रुश्दी की ओर बढ़ा और उन पर चाकू से हमला कर दिया। घटना के बाद मंच पर खून के छींटे दिखाई दिए। घायल रुश्दी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हमलावर की गिरफ्तारी को लेकर अभी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।

रुश्दी का जन्म मुंबई में हुआ था। ‘द सैटेनिक वर्सेस’ और ‘मिडनाइट्स चिल्ड्रेन’ जैसी किताबें लिख कर चर्चा में आए रुश्दी को बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। ‘सैटेनिक वर्सेस’ के लिए उन्हें ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्ला रुहोल्ला खोमैनी के फतवे का सामना करना पड़ा था।

‘सैटेनिक वर्सेस’ को लेकर चर्चा में रहे
75 साल के सलमान रुश्दी ने अपनी किताबों से दुनिया भर में पहचान बनाई। अपने दूसरे ही उपन्यास ‘मिडनाइट्स चिल्ड्रेन’ के लिए 1981 में ‘बुकर प्राइज’ और 1983 में ‘बेस्ट ऑफ द बुकर्स’ पुरस्कार से सम्मानित किए गए।

सलमान रुश्दी ने लेखक के तौर पर शुरुआत 1975 में अपनी पहली नॉवेल ‘ग्राइमस’ (Grimus) के साथ की थी। उन्हें पहचान उनके दूसरे नॉवेल ‘मिडनाइट्स चिल्ड्रेन’ से मिली। उन्होंने कई किताबें लिखीं जिसमें द जैगुअर स्माइल, द मूर्स लास्ट साई, द ग्राउंड बिनीथ हर फीट और शालीमार द क्लाउन शामिल हैं, लेकिन रुश्दी सबसे ज्यादा अपनी विवादित किताब ‘द सैटेनिक वर्सेस’ को लेकर चर्चा में रहे।

भारत समेत कई देशों में इस नॉवेल पर बैन
‘द सैटेनिक वर्सेस’ सलमान रुश्दी का चौथा नॉवेल है। भारत और दुनिया के कई देशों में यह नॉवेल बैन है। यह नॉवेल 1988 में प्रकाशित हुआ था, जिस पर पर काफी विवाद हुआ था। इसके लिए रुश्दी पर पैगंबर मोहम्मद के अपमान का आरोप लगाया गया।

इस किताब का शीर्षक एक विवादित मुस्लिम परंपरा के बारे में है। इस परंपरा के बारे में रुश्दी ने अपनी किताब में खुल कर लिखा। किताब को कई मुस्लिम देशों में बैन कर दिया गया था। इसके प्रकाशन के बाद ही रुश्दी को मौत की धमकी मिली और ईरान के धार्मिक नेता अयातुल्ला रुहोल्ला खोमैनी ने उनके लिए फतवा जारी कर दिया था। इस नॉवेल के जापानी अनुवादक हितोशी इगाराशी की हत्या कर दी गई थी, जबकि इटैलियन अनुवादक और नॉर्वे के प्रकाशक पर भी हमले हुए।

Leave a Reply

error: Content is protected !!