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बिहार की बदहाली देश की आजादी के दौर से ही जारी है-धनंजय मिश्र - श्रीनारद मीडिया

बिहार की बदहाली देश की आजादी के दौर से ही जारी है-धनंजय मिश्र

बिहार की बदहाली देश की आजादी के दौर से ही जारी है-धनंजय मिश्र

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार में अब होगा ‘जनता का सुराज”जन सुराज’ विचार मंच का एक विशेष समारोह आयोजित की गई थी . ‘जन सुराज’ के जिला कार्यालय में आयोजित इस समारोह में जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आए प्रबुद्ध जनों ने अपने विशेष वैचारिक और गंभीर बातें प्रस्तुत कीं . इस समारोह में आगत विद्वतजनों और प्रबुद्धजनों का स्वागत करते हुए एवं आभार व्यक्त करते हुए ‘जन सुराज’ विचार मंच , सीवान के जिलाध्यक्ष धनंजय मिश्र ने कहाकि बिहार की बदहाली देश की आजादी के दौर से ही जारी है .

इसका मूल कारण यह रहा है कि स्वतंत्रता के पश्चात बिहार में जो भी राजनीतिक पार्टियां सत्तासीन हुईं और उसके जो नेता-राजनेतागण रहें , वे कथित सदैव स्वहितार्थ की ही राजनीति किए . बिहार को देश के अन्य राज्यों की तरह विकसित और निरंतर प्रगतिशील एवं इसके बेहतर सर्वांगीण विकास हेतु कदापि विशेष ध्यान ही नहीं दिए ! वस्तुत: बिहार विगत सात दशकों से अपने पिछड़ेपन की घोर मार से अभिशप्त रहा है.

मसलन , बिहार विगत कई दशकों से सरकारी व गैर-सरकारी और रोजगार विहीन प्रदेश हो गया है. आज हरहाल में बदहाल बिहार में कोई बड़ा कौन कहे, छोटे-छोटे लघु उद्योग भी नहीं हैं !..और न ही उच्च सुशिक्षा के तकनीकी व गुणवत्तापूर्ण बेहतर एवं सुदृढ़ महती सुसंस्थान ! वस्तुत: विगत कई दशकों से बिहार के गरीब नवजवानों की भारी फौज अपनी रोजी-रोटी के लिए देश-विदेशों में पलायन को मजबूर होती रही है, तो दूसरी ओर बिहार के बहुतेरे विद्यार्थीगण अपनी बेहतर उच्च सुशिक्षा की प्राप्ति हेतु देश के अन्य प्रांतों और विदेशों में भी पलायन को निरंतर अभिशप्त हैं!

दरअसल, इसीलिए अब बिहार के प्राय: प्रत्येक जाति और धर्म के बहुजन आगामी विधानसभा चुनाव में ‘जन सुराज’ को ‘सत्तासीन’ करना चाहते हैं ! क्योंकि, अब बिहार का ‘जन-मन’ जन सुराज के प्रणेता प्रशांत किशोर जी की सुनियत, सुनीति एवं प्रखर राजनीतिक सुविज्ञता को आत्मसात कर लिया है ! इसीलिए अब बिहार में जन सुराज का कारवां तेजी से बढ़ता जा रहा है..!

इस समारोह का मंच संचालन करते हुए ‘जन सुराज’ के जिला मुख्य प्रवक्ता कृष्ण कुमार सिंह ने कहाकि यह बात सर्व आमजन को सर्वविदित हो गई है कि बदहाल बिहार का काया-कल्प अब केवल ‘जन सुराज’ ही कर सकता है ! ..और यह बात हकीकतपूर्ण भी है ! वस्तुत: ‘जन सुराज’ को प्रबुद्ध जनों का सबल समर्थन भी मिल रहा है ! यह बहुत ही सुंदर और सुखद संयोग है! जिनके प्रबल समर्थन और श्रेयस्कर भागीदारी से बिहार की शुचितापूर्ण राजनीति को नई दिशा मिलेगी !

जिससे समृद्धशाली बिहार बनेगा! इस समारोह को अपने अध्यक्षीय सारगर्भित संबोधन के दौरान प्रख्यात शिक्षाविद् डा. गणेश दत्त पाठक ने कहा कि ‘जन सुराज’ के संस्थापक प्रशांत किशोर जी बहुत ही प्रखर व सुविज्ञ राजनीतिक रणनीतिकार हैं ! वे दशकों से बदहाल बिहार को विकसित व खुशहाल प्रदेश बनाना चाहते हैं! अत: आमजन बिहारियों को उनका नैतिक समर्थन शुचितापूर्ण राजनीति हेतु सुअपेक्षित होगा!

इस समारोह को विशेषत: ‘जन सुराज’ के प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य अभिषेक कुमार सिंह, प्रबुद्ध वचनेश्वर पाठक, अशोक मिश्र , महात्माश्री पं. प्रदीप मिश्र , अजय कुमार सिंह, सत्येन्द्र प्रसाद श्रीवास्तव , पुनदेव प्रसाद , शमसुद्दीन मंसूरी , नरसिंह चौहान, अशेष भारती आदि प्रबुद्धजनों और समाजसेवियों ने भी संबोधित किया. अंत में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए ‘जन सुराज’ विचार मंच के जिला मीडिया प्रभारी समरेन्द्र कुमार ओझा ने बिहार की बदहाली और दयनीयता पर अपना मार्मिक संबोधन प्रस्तुत करते हुए बेहतर व बेहतरीन बिहार बनाने हेतु ‘जन सुराज’ के प्रति बिहार के सर्व आमजन की भागीदारी आवश्यक बताया !

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