हिंदू नववर्ष को लेकर भैया-बहनों ने किया बड़हरिया बाजार में पद संचलन

हिंदू नववर्ष को लेकर भैया-बहनों ने किया बड़हरिया बाजार में पद संचलन
श्रीनारद मीडिया‚ सीवान (बिहार)

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हिंदू नववर्ष के तत्वावधान में जिले के बड़हरिया प्रखंड मुख्यालय के श्रीनाथ सरस्वती विद्या मंदिर,बड़हरिया के भैया-बहनों और आचार्यों ने शनिवार की सुबह रामजानकी मठ परिसर से पद संचलन किया और भारतमाता की झांकी निकाली। भैया-बहनों ने घोष के साथ भारतमाता की जय और वंदेमातरम के नारों के साथ हॉस्पिटल रोड, कचहरी चौक, थाना चौक होते हुए बड़हरिया पुरानी तक पथ संचलन किया ।

इस अवसर पर बाजरवासियों ने भैया-बहनों का अभिनंदन और फल,शरबत आदि से स्वागत किया। इस दौरान भारत माता के जयकारे से बाजार गुंजायमान रहा। जगह- जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। इस पथ संचलन के बाद भैया-बहन विद्यालय पहुंचे, जहां उत्तर बिहार के संपर्क प्रमुख प्रो डॉ रवींद्रनाथ पाठक ने अपने बौद्धिक में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के आयोजन के औचित्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हम पूरी मानवता के कल्याण के लिए उत्सवों का आयोजन करते हैं। हिंदू धर्म में विक्रम संवत्सर मनाने की प्राचीन परंपरा है जो हमारी उदात्त संस्कृति का हिस्सा है।

उन्होंने कहा कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को ही सृष्टि निर्मित हुई। भारतीय संस्कृति के अनुसार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को नववर्ष आरंभ मनाना प्राकृतिक, ऐतिहासिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक आदि सभी दृष्टि से श्रेयस्कर व लाभदायक है।उन्होंने कहा कि वसंत ऋतु का आरंभ वर्ष प्रतिपदा से ही होता है। प्रकृति उल्लास, उत्साह, उमंग आदि भरी होती है,नवजीवन के नव संचार का प्रतीक है। चारों ओर फूलों की सुगंध से प्रकृति सुरभित होती है।अमराई में कोकिला की कूक शुरु हो जाती है।

फसल पकने को होती है यानी किसान के परिश्रम का उसके घर आने वाला होता है। ऐसे उत्साहयुक्त वातातरण में वार्षिक काल गणना का श्रीगणेश करते हुए नूतन वर्ष का स्वागत सहज और स्वाभाविक प्रतीत होता है।वहीं विभाग कार्यवाह प्रभात रंजन ने कहा कि इसी दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि का सृजन किया था।

लकां में राक्षसों का संहार कर अयोध्या लौटे मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का राज्याभिषेक इसी दिन हुआ था और महाप्रतापी सम्राट विक्रमादित्य ने शकों को हराकर इसी दिन राज्य स्थापित किया था और विक्रम संवत का शुभारंभ किया था। इस अवसर पर महंत श्रीभगवान दास, प्रधानाचार्य चितरंजन सिंह,भाजपा नेता डॉ अनिल गिरि, बाबूलाल प्रसाद, तारकेश्वर शर्मा, शैलेश कुमार यादव, बजरंगदल के जिला संयोजक रंजन कुमार

सिंह, परमेश्वर कुशवाहा, रामबाबू यादव,भारद्वाज जी,अनिल मिश्र, पूर्व मुखिया वीरेंद्र प्रसाद, राजू कुमार, सुनील चंद्रवंशी के साथ ही आचार्य ध्रुव जी,लालबाबू प्रसाद,राकेश शुक्ल, हीरालाल साह,मनोज कुमार, अरुण कुमार, देवनाथ सिंह,सविता सिंह, कवींद्र कुमार,चिंता देवी,अंजली जी सहित बड़ी संख्या में गणमान्य मौजूद थे।

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