जोतिबा बाई फुले नहीं होते तो देश मे अंबेडकर का नाम नहीं होता

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श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, अमनौर, सारण (बिहार):

सारण जिले के अमनौर प्रखण्ड के अमनौर अगुआन गांव में महात्मा ज्योतिबा फुले की जयन्ती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई।गुरुवार की आयोजित जयंती कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व प्राचार्य अम्बिका राय ने किया।सर्व प्रथम उपस्थित शिक्षाविद समाजसेवीओ ने महात्मा ज्योतिबा फूले के तैल चित्रों दीप प्रज्वलित कर बारी बारी से पुष्प अर्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित किया ।

वक्ताओं ने इनके ब्यक्तित्व कृतित्व पर प्रकाश डाला।सरपँच महेश प्रसाद यादव ने कहा फुले के बिचार सिद्धांत से सबको आत्मसात होने की जरूरत है।सरपँच रणधीर कुमार ने कहा कि गरीब वंचितों के शिक्षा के जोत जगाकर समरस समाज के बीच एक अलग क्रांति लाया।दलित नेता अर्जुन राम पूर्व जिला पार्षद अमरेंद्र बैठा ने कहा कि ज्योतिबा फूले एक महान समाजसेवी विचारक क्रांतिकारी दलित वंचितों के हितकारी थे।

 

उन्ही की त्याग बलिदान का देन है कि समाज के हर वर्ग में शिक्षा की ज्योत जगी।पूर्व प्राचार्य अम्बिका राय ने कहा कि यदि जोतिबा बाई फुले का जन्म नही हुआ होता तो देश मे अंबेडकर का नाम नही होता।इन्होंने कभी सामन्तवादियों से लड़े नही पर अपने बिचार पर अडिग रहकर बहुजनो के कल्याण के लिए समर्पित हो गए।कपड़ा पहनने पढ़ने लिखने एक समरस समाज की स्थापना में इनका बड़ा योगदान है।

इस मौके पर सरपँच महेश प्रसाद यादव,सरपँच रणधीर कुमार पूर्व जिला पार्षद अमरेंद्र कुमार बैठा श्याम बिहारी राम राजेन्द्र राम शशि आनंद परवीन आनंद अरविंद राम अवधेश राम संजय राम गुलशन कुमार संजय राय सोनू यादव वार्ड सदस्य मनीष भगतसमेत सैकड़ो लोग मौजूद थे।

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