हृदय विदारक: गोद में मासूम लिए पत्नी ने पति की चिता सजाई और 12 वर्षीय बेटी ने मुखाग्नि दी,हाय रे कोरोना!

हृदय विदारक: गोद में मासूम लिए पत्नी ने पति की चिता सजाई और 12 वर्षीय बेटी ने मुखाग्नि दी,हाय रे कोरोना!

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

गोद में मासूम को लिए पत्नी ने पति की चिता सजाई और 12 साल की बेटी ने मुखाग्नि देकर दाह-संस्कार किया। नदी किनारे धूप में तपती चट्टान पर मां-बेटी नंगे पांव उस व्यक्ति को जलते हुए देखती रहीं जो अब तक उनके जीवन का एकमात्र सहारा था। कोरोना के डर से कोई पड़ोसी या नाते-रिश्तेदार उनके इस दुख में शरीक नहीं हुआ।

दिल को पथरा देनेवाली यह घटना शुक्रवार को लातेहार जिले के चंदवा में हुई। बताया जाता है कि शहर से सटे पंचमुखी हनुमान मंदिर मोहल्ले में राजेन्द्र मिस्त्री नामक व्यक्ति की अचानक मौत हो गई। उसके निधन की सूचना बेटी ने आसपास के लोगों को दी। लेकिन, कोई भी मृतक के अंतिम संस्कार में जाने को तैयार नहीं हुआ। राजेंद्र अपने घर का इकलौता पुरुष सदस्य था।

घर में शव पड़ा होने की सूचना कुछ लोगों ने बीडीओ सुरेंद्र कुमार सिंह को दी। इसके बाद वह प्रशासनिक कर्मियों का दल लेकर मृतक के घर पहुंचे। बीडीओ ने चंदवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से एक एम्बुलेंस बुलाई। इसके बाद शव को देवनद के किनारे ले जाया गया। वहां राजेंद्र की 12 वर्षीया पुत्री ने अपने पिता को मुखग्नि दी।

गरीबी में टूटा दुखों का पहाड़: पिछले 15 वर्षों से चंदवा में रहकर मिस्त्री का काम करने वाले राजेंद्र के निधन के बाद उसके अंतिम संस्कार के लिए समाज का कोई भी व्यक्ति आगे नहीं आया। राजेंद्र मिस्त्री का परिवार बेहद गरीबी में जीवन यापन कर रहा था। उसके निधन से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। परिवार की खस्ता माली हालत को देखते हुए बीडीओ ने आर्थिक सहायता और खाद्यान्न उपलब्ध कराया।

दाह-संस्कार में रोजेदारों ने की मदद

पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर में कोरोना संक्रमित महिला की मौत होने पर परिवार के अपनों  ने अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने से मना कर दिया। इस विषम परिस्थिति में महिला के बेटे की मदद उसके मुस्लिम दोस्तों ने की। उनकी सहायता से महिला का अंतिम संस्कार मेदिनीनगर के हरिश्चंद्र घाट पर किया गया।
महिला के बेटे प्रिंस गुप्ता ने बताया कि गुरुवार को कोरोना से उसकी मां का निधन हो गया।  परिजनों ने भय से दाह-संस्कार में भाग लेने से मना कर दिया। इससे वह बेहद परेशान हो उठा। प्रिंस के दोस्त मोहम्मद आसिफ नामक युवक ने इस पूरे वाकये के बारे में सोशल मीडिया पर लिखा है।

उसने बताया कि उसके मित्र प्रिंस गुप्ता की मां का कोविड-19 के चलते निधन होने की सूचना एक हिंदू मित्र के जरिए उसे और उसके अन्य मुसलमान दोस्तों को मिली। यह भी पता चला कि प्रिंस के परिजन दाह-संस्कार में शामिल होने के लिए नदी घाट पर जाना नहीं चाहते हैं। इसके बाद उसके रोजेदार भाइयों ने अपने मित्र की सहायता करने का निर्णय किया। रमजान के पवित्र माह में रोजा रखे मुंसफ, फैसल, सोहेल, जाफर और मुन्नन ने दाह-संस्कार कार्यक्रम में हिस्सा लेने की बात प्रिंस के घरवालों से की। इसके बाद सभी रोजेदारों ने मिलकर हिंदू रीति-रिवाज से मेदिनीनगर के राजा हरिश्चंद्र घाट पर महिला का अंतिम संस्कार कराने में मदद की। युवकों के इस प्रयास की शहर में सर्वत्र सराहना हो रही है।

डुमरी के चालमो गांव के एक पोखर में गुरुवार को मिला कंकाल डेढ़ वर्ष पूर्व गायब हुई एक महिला का बताया जा रहा है। दबी जुबान ग्रामीण चर्चा कर रहे हैं पर सामने आकर कोई जानकारी नहीं दे रहा है। इस मामले में ग्रामीण पुलिस की ओर आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं वहीं कुछ ग्रामीणों ने थाना में आवेदन देकर इस मामले का खुलासा करने की मांग की है। इस मामले में डुमरी पुलिस ने चौकीदार के बयान पर अज्ञात महिला की हत्या में अज्ञात लोगों पर केस किया है। 

ज्ञात हो कि गुरुवार को चालमो के एक पोखर में मछली पकड़ रहे कुछ बच्चों को एक भरा हुआ बोरा दिखा। सूचना पर जब ग्रामीणों ने उस बोरे को बाहर निकाला तो उसमें एक कंकाल मिला। कंकाल के साथ मंगलसूत्र, साड़ी, महिला के सिर का बाल मिलने से स्पष्ट हो रहा था कि उक्त कंकाल किसी महिला का है। बताया जाता है कि कंकाल मिलने की खबर होते ही मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गयी। कंकाल किसी महिला की होने की बात की पुष्टि होते ही मौके पर उपस्थित ग्रामीण आज से डेढ वर्ष पूर्व चालमो से गायब हुई एक महिला अंजू देवी से जोड़ कर तरह-तरह की चर्चा कर रहे हैं।

बताया जाता है कि चालमो निवासी नागेश्वर गोस्वामी की पत्नी अंजू देवी आज से डेढ़ वर्ष पूर्व गायब हो गयी थी। इस संबंध में अंजू देवी के ससुर ने डुमरी थाना में अपनी पुत्रवधू के गायब होने का सनहा दर्ज करवाया था परंतु आज तक उसका कहीं पता नहीं चला। चर्चा ये भी है कि अंजू देवी के गायब होने से तीन माह पूर्व उसका पति चालमो की एक महिला के साथ भाग कर शादी कर लिया था। तब से वह घर नहीं आया है। अंजू देवी को एक पुत्र और एक पुत्री है।

बताया जाता है कि पति के बाहर चले जाने के बाद जब घर की आर्थिक स्थिति खराब हो गयी तब अंजू देवी जीविकोपार्जन के लिए फेरी कर चूड़ी बेचने लगी थी। इसी दौरान वह गायब हो गयी थी। इधर, इस संबंध में झारखंड छात्र मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष चालमो निवासी सुबोध कुमार यादव ने थाना में आवेदन देकर कंकाल मिलने के मामले में तत्काल जांच पड़ताल कर मामले का उदभेदन करने की मांग की है। फिलहाल डुमरी पुलिस ने कंकाल को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए पीएमसीएच भेजने की तैयारी में है। इस संबंध में पूछे जाने पर थाना प्रभारी राजू मुण्डा ने बताया कि फिलहाल ये कहना संभव नहीं है कि किसका कंकाल है। कंकाल को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ स्पष्ट कहा जा सकता है।

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