बिहार में एक आईपीएस का निलंबन खत्म तो दूसरे की अवधि बढ़ाई गई,क्यों?

बिहार में एक आईपीएस का निलंबन खत्म तो दूसरे की अवधि बढ़ाई गई,क्यों?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

आय से अधिक संपत्ति मामले को लेकर गृह विभाग ने एक बड़ा फैसला करते हुए निलंबित पूर्णिया के तत्कालीन एसपी दयाशंकर को राहत दे दी है. पिछले डेढ़ साल से निलंबित चल रहे दयाशंकर का निलंबन समाप्त कर दिया गया है. वहीं, भ्रष्टाचार पर फर्जीवाड़ा मामले में पटना के बेर जेल में बंद गया के पूर्व एसपी आदित्य कुमार का निलंबन और 6 माह के लिए बढ़ा दिया गया है.

गृह विभाग ने आय से अधिक संपत्ति मामले में निलंबित चल रहे पूर्णिया के तत्कालीन एसपी दयाशंकर को एक बड़ी राहत दी है. पिछले 18 महीने से चला आ रहा उनका निलंबन समाप्त कर दिया गया है. वहीं, भ्रष्टाचार औऱ फर्जीवाड़ा मामले में पटना के  बेउर जेल में बंद गया के पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार का निलंबन एक बार फिर करीब छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है. अब आदित्य कुमार अगले छह अक्टूबर तक निलंबित ही रहेंगे.

बिहार गृह विभाग की निलंबन समीक्षा समिति की बैठक में इसपर फैसला लिया गया है. विभाग ने इससे जुड़ा आदेश जारी कर दिया है. बता दें कि आय से अधिक संपत्ति मामले में कार्रवाई की जद में आए पूर्णिया के तत्कालीन एसपी दयाशंकर 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. विशेष निगरानी इकाई यानी स्पेशल विजिलेंस यूनिट द्वारा आय से अधिक संपत्ति मामले में अक्टूबर, 2022 में उनके ठिकानों पर छापेमारी की गई थी, जिसके बाद 18 अक्टूबर को उनको तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था. इसके बाद से ही दयाशंकर लगातार निलंबित चल रहे थे.

गृह विभाग की मानें तो, दयाशंकर के विरुद्ध दर्ज कांड का अनुसंधान जारी है. अभी तक पूर्व एसपी के द्वारा साक्ष्यों से छेड़-छाड़ किए जाने और जांच प्रक्रिया को प्रभावित करने से जुड़ी कोई रिपोर्ट नहीं मिली है. इसी कारण गृह विभाग ने उनके निलंबन के प्रभाव को तत्काल समाप्त कर दिया है. दयाशंकर को स्थापना की प्रतीक्षा में पुलिस मुख्यालय में योगदान करने के लिए निर्देश भी दिया गया है.

गृह विभाग ने आय से अधिक संपत्ति मामले में निलंबित चल रहे पूर्णिया के पूर्व एसपी दयाशंकर को बड़ी राहत दी है। पिछले डेढ़ साल से चला आ रहा उनका निलंबन समाप्त कर दिया गया है। वहीं भ्रष्टाचार एवं फर्जीवाड़ा मामले में बेउर जेल में बंद गया के पूर्व एसपी आदित्य कुमार का निलंबन एक बार फिर करीब छह माह के लिए बढ़ा दिया गया है। अब आदित्य छह अक्टूबर तक निलंबित रहेंगे। गृह विभाग की निलंबन समीक्षा समिति की बैठक में इसका निर्णय लिया गया है। विभाग ने इससे जुड़ा आदेश जारी कर दिया है।

2014 बैच के अधिकारी हैं दयाशंकर

पूर्णिया के एसपी रहे दयाशंकर 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। विशेष निगरानी इकाई ने आय से अधिक संपत्ति मामले में अक्टूबर, 2022 में उनके ठिकानों पर छापेमारी की थी जिसके बाद 18 अक्टूबर को उनको तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद से वह लगातार निलंबित चल रहे थे।

दयाशंकर को मिला ये निर्देश

गृह विभाग के अनुसार, दयाशंकर के विरुद्ध दर्ज कांड का अनुसंधान जारी है। अभी तक आरोपित पदाधिकारी के द्वारा साक्ष्यों से छेड़-छाड़ किए जाने या जांच प्रक्रिया को प्रभावित करने से जुड़ी कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।

इसी कारण उनका निलंबन दस अप्रैल के प्रभाव से समाप्त कर दिया गया है। दयाशंकर को पदस्थापन की प्रतीक्षा में पुलिस मुख्यालय में योगदान करने के लिए निर्देशित किया गया है।

बेउर जेल में बंद हैं आईपीएस आदित्य कुमार

बिहार कैडर के 2011 बैच के आईपीएस आदित्य कुमार पर अपने लाभ के लिए दोस्त को फर्जी न्यायाधीश बनाकर तत्कालीन डीजीपी एसके सिंघल को पैरवी वाला फोन कराने का आरोप है। इस मामले की जांच आर्थिक अपराध इकाई कर रही है।

इस मामले में आदित्य 18 अक्टूबर, 2022 से ही निलंबित चल रहे हैं। तब से उनका निलंबन तीन बार बढ़ाया जा चुका है। वह करीब आठ माह तक अपने कार्यालय से भी गायब थे। उनके विरुद्ध ईओयू ने चार्जशीट समर्पित कर चुकी है। हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद से वह पटना के बेउर जेल में बंद हैं।

एसडीपीओ अमित शरण पर चलेगी विभागीय कार्यवाही

पटना सिटी के तत्कालीन अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) अमित शरण के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही चलेगी। इसके लिए पटना के डीएसपी मुख्यालय अनिल कुमार सिंह को प्रस्तुतीकरण पदाधिकारी नामित किया गया है। गृह विभाग ने इससे जुड़ा संकल्प जारी कर दिया है।

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