रघुनाथपुर में आवारा कुत्तों की भरमार.छोटे बच्चे, बकरियां व बाइक सवार खतरे में

रघुनाथपुर में आवारा कुत्तों की भरमार.छोटे बच्चे, बकरियां व बाइक सवार खतरे में

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow

आदमखोर होते कुत्ते, प्रशासन बना मूकदर्शक

आवारा कुत्ते बेलगाम, इंसान परेशान

श्रीनारद मीडिया, प्रसेनजीत चौरसिया, सीवान (बिहार)

सीवान जिले के रघुनाथपुर बाजार में आवारा कुत्तों की भरमार हो गई है.इंसान का सबसे वफादार साथी कुत्ता माना जाता है लेकिन इनकी वजह से स्थति अब बिगड़ रही है।बाजार में एकसाथ दो से तीन दर्जन कुत्तों को देखा जा सकता है।इन कुत्तों से छोटे-छोटे बच्चों, बकरियों एवं बाइक सवारों की जान खतरे में है.सड़को पर इन आवारा कुत्तों के दौड़ने/घूमने के कारण दर्जनों बाइक सवार गिरकर घायल हो गए.कई बकरियों के बच्चों को तो इन कुत्तों ने जान से मार दिया है।

कुत्ते के काटने पर मुफ्त इलाज और पीडि़त को क्षतिपूर्ति मिलनी चाहिए।कुत्तों के काटने से होने वाली बीमारी रैबीज से मौतों ने कैंसर जैसी घातक बीमारी को भी पीछे छोड़ दिया है.

‘आवारा कुत्तों का बढ़ रहा उत्पात

रघुनाथपुर बाजार के पूरब तरफ मछली,चिकन व मटन की दुकानें सड़क के किनारे लगती है.जिसे खरीदने के लिए ग्राहक बेतरकीब तरीके से बाइक खड़ी कर देते हैं जिस वजह से जाम की समस्या बनी रहती है.रघुनाथपुर बाजार निवासी दीपक पाण्डेय कहते हैं कि चिकन व मटन के दुकानदारों द्वारा मांस के कुछ टुकड़ो को इन कुत्तों के बीच फेंक दिया जाता हैं जिसे नोच नोचकर खाते खाते यह कुत्ते आदमखोर होते जा रहे हैं.और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है.इन आवारा कुत्तों को पकड़कर ले जाने की मांग श्री पाण्डेय ने रघुनाथपुर प्रशासन व जिला प्रशासन सीवान से की है।

देश में करीब डेढ़ करोड़ कुत्ते 20वीं पशु जनगणना के मुताबिक देशभर में कुत्तों की कुल संख्या 1.53 करोड़ है।

दंडनीय अपराध है :
आईपीसी की धारा 428, 429 और पीसीए एक्ट की धारा 11 के तहत गली के आवारा कुत्तों को मारना दंडनीय अपराध है। ज्यादा से ज्यादा इनकी रोकथाम के लिए नसबंदी की जा सकती है। सरकार की नीति और एनिमल बर्थ कंट्रोल 2011 के तहत जिस क्षेत्र में इन आवारा कुत्तों का आतंक है, वहां इनकी नसबंदी के बाद उसे वापस भेजा जाएगा और इन्हें मारा नहीं जा सकता। अगर कोई इन आवारा कुत्तों या मवेशियों को परेशान करेगा या मारने की कोशिश करेगा तो इसकी शिकायत पुलिस थाने में भी की जा सकेगी।

किस धारा के तहत कितनी सजा:
धारा 428 : पशुओं को मारना और जहर देना या उसे अपाहिज करने पर दो साल की कैद या दंड तथा दाेनों दिया जा सकता है।
धारा 429 : पशुओं को मार डालने, जहर देना या अपाहिज कर देने पर पांच साल की सजा या दंड या फिर दोनों दिया जा सकता है।

पीसीए एक्ट 1960 :
इस एक्ट के तहत पशुओं के साथ क्रूरता किए जाने पर तीन माह की सजा का प्रावधान है।

Leave a Reply

error: Content is protected !!