तरक्की की सीढ़ियां चढ़ने के लिए खुद को बनाएं गुणी,कैसे?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

कोविड महामारी के बाद आज परिस्थितियां पहले जैसी अनुकूल नहीं रही हैं। महामारी ने हर वर्ग को किसी न किसी रूप में प्रभावित किया है। लेकिन ऊपर दिये गये ये आंकड़े कहीं ज्‍यादा हैरान करने वाले हैं। आखिर क्‍या कारण है कि भारत में इतनी बड़ी तादाद में छात्र/युवा जो स्नातक तो हो गए हैं लेकिन बदलते परिवेश के मुताबिक किसी खास क्षेत्र में दक्ष नहीं हैं। किसी भी प्रकार के स्किल्ड काम को करने के लिए तैयार नहीं हैं। ऐसा भी नहीं है कि इस तरह की वैश्विक महामारी पहली बार आयी है।

कौशलयुक्त होना बाजार की मांग: कोविड महामारी के दौर ने हमें जिस एक चीज से भलीभांति अवगत करा दिया है, वह है कि इस दौर में हर किसी को वर्क रेडी/स्किल्ड होना बेहद जरूरी है। आज के समय में स्किल्ड होना बाजार की मांग है और यह मांग दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है। स्किल्ड से मतलब है कि आपके पास स्कूली शिक्षा के अलावा सबंधित फील्ड का अनुभव और उसके बारे में संपूर्ण जानकारी हो। मसलन, अगर आप आज एक टीचर हैं, तो आपको महज विषय की जानकारी भर होना ही काफी नहीं है।

आपको टेक्नोलाजी एवं नये-नये तकनीकी संसाधनों से भी रुबरू होना पड़ेगा, साथ ही उनका उपयोग करना भी आना चाहिए। क्‍योंकि कोविड महामारी के दौरान जिस तरह से आनलाइन एजुकेशन बेहद जरूरी हो गया है, ऐसे में आपको एक टीचर होने के नाते टेक फ्रेंडली भी होना पड़ेगा, ताकि आप बच्चों को आनलाइन क्लासेज दे सकें और उनकी हर समस्या का त्वरित समाधान भी कर सकें।

कुशलता बढ़ाने वाले तकनीक : आज के युवाओं के लिए यह भी जरूरी है कि वे बदलते वक्त की जरूरतों के अनुसार अपनी स्किल को अपग्रेड एवं अप-टू-डेट रखें। वर्क रेडी बने रहने के लिए टेक फ्रेंडली होना आज के समय की मांग ही नहीं जरूरत भी है। क्योंकि आज के बदलते वर्क कल्चर को देखते हुए हर किसी को इनसे अप-टू-डेट रहना होगा, तभी वह जमाने के साथ-साथ आगे बढ़ सकता है और अपना विकास कर सकता है।

इसके अलावा, स्किल्ड होने से आपका सर्वांगीण विकास तो होता ही है, साथ में आपके लिए रोजगार के भी कई अवसर पैदा होते हैं। डिजिटल लिटरेसी अर्थात डिजिटल तकनीक का संपूर्ण ज्ञान, त्वरित समस्या निदान, सोचने की अद्भुत क्षमता, हमेशा नया सीखने की ललक तथा बेहतरीन कम्युनिकेशन स्किल जैसी कुछेक स्किल्‍स की आज बहुत जरूरत है, जो नई और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी फिट होने के योग्‍य बनाते हैं।

इंटर्नशिप प्रोग्राम्‍स के फायदे: वर्क रेडी एवं अपनी स्किल को संवारने का एक सबसे अहम जरिया इंटर्नशिप प्रोग्राम है। आज के समय में बड़े-बड़े सरकारी संस्थानों से लेकर कारपोरेट आफिस तक इंटर्नशिप प्रोग्राम उपलब्ध करा रहे हैं। इंटर्नशिप से आशय है कि आपने जो कुछ भी आज तक पढ़ा है या किसी भी प्रकार का प्रोफेशनल कोर्स किया है, उसे इंटर्नशिप के माध्यम से तराश कर अपने कामकाज व व्यक्तित्व को और अधिक निखारा जाता है, ताकि इंडस्ट्री की मांग के अनुरूप आपको तैयार किया जा सके। साथ ही आप जिस भी काम को करें, वह अधिक प्रोडक्टिव होने के साथ-साथ आपका समग्र विकास भी करे।

इंटर्नशिप आपको अनुभव तो प्रदान करता ही है, साथ में कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच आपको दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए आत्‍मविश्‍वास भी प्रदान करता है। इसके अलावा, इंटर्नशिप के माध्यम से आप आफिस वर्क कल्चर से भी वाकिफ होते हैं। आप अपने आसपास के नये लोगों से भी कई तरह की स्किल्स सीखते हैं, जो कि आगे चलकर आपको भविष्य में और ज्यादा एक्सपोजर तथा कामयाबी दिलाने में मदद करते हैं।

स्किलफुल होना न केवल आपका समय बचाता है, बल्कि आपके काम करने की क्षमता को भी निखारता है। आज के समय में संस्थानों को ऐसे स्किलफुल युवाओं की जरूरत सबसे ज्यादा है, जो मल्टीपल काम करने में सक्षम हों। इससे न केवल कंपनी के पैसे, समय एवं स्टाफ की बचत होती है, बल्कि वे कंपनी के लिए एक उपयोगी कर्मचारी भी बन जाते हैं।

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