गर्मी से कंठ सूखने पर कई लोगों ने पेशाब पी बचायी जान.

गर्मी से कंठ सूखने पर कई लोगों ने पेशाब पी बचायी जान.

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

लगता था कि अब मर जायेंगे. सेना ने हमें बचा लिया. देवघर से लौटने के बाद बातचीत में श्रद्धालु पर्यटक ने बताया कि गर्मी से हालत खराब थी. प्यास से कंठ सूख रहा था. कई लोगों ने तो पेशाब पी कर अपनी जान बचायी.

सांस थामे रोप-वे ट्रॉली पर बैठे बाबा बासुकीनाथ को याद करते रहे

लगता था कि अब मर जायेंगे. 24 घंटे तक लगातार सांस थामे बाबा बासुकीनाथ को याद करते हुए चित्रकुट पहाड़ के बीच रोप-वे ट्रॉली पर बैठे रहे. कभी अन्य ट्रॉली में फंसे लोग बचाओ-बचाओ चिल्लाते रहे, तो कोई पानी-पानी चिल्ला रहा था. इस भयावह दृश्य को अंधेरे व उजाले में 24 घंटे तक देखा. वार्ड 45 अंतर्गत काजीचक के एक ही परिवार के छह लोग जो त्रिकुट पहाड़ के रोपवे पर फंसे थे, वे वहां का हाल बता रहे थे.

बासुकीनाथ धाम से पूजा करने के बाद गये थे घूमने

परिवार के प्रमुख सदस्य नीरज ने बताया कि रामनवमी पर बाबा बासुकीनाथ धाम पूजा करने के लिए गये थे. बहन अनन्या, मामी कौशल्या देवी, बहन अन्नु राज, मित्र मुन्ना, डिंपल उर्फ राकेश उनके साथ थे. पूजा करने के बाद लौट रहे थे तो मन में हुआ कि चित्रकूट पहाड़ घूम आते हैं. दोपहर दो बजे निकले और ढाई बजे पहुंचे. टिकट काउंटर बंद मिला. 2:50 बजे काउंटर खुला. 160 रुपये प्रति टिकट लिया. दो ट्रॉली में सभी सवार हो गये. एक में चार लोग और एक में दो लोग सवार हुए.

भय के कारण रात में नहीं आयी नींद

पहाड़ पर पहुंचने ही वाले थे कि ऊपर में ट्रॉली हिलने लगी और ऐसा लगा मानों फेंका जायेंगे. तीन मिनट बाद अचानक ट्रॉली रुक गयी. फिर भूखे-प्यासे ट्रॉली पर 24 घंटे गुजारे. ट्रॉली पर शाम से रात होते देखा. रात्रि में भय के बीच नींद नहीं आयी. गर्मी से हालत खराब थी और प्यास से कंठ सूखता रहा. कोई चारा नहीं होने पर बाबा बासुकीनाथ को याद करते रहे. कई लोगों ने तो पेशाब पी कर अपनी जान बचायी.

ट्रॉली पर से ही देखा सूर्योदय होते हुए

दूसरे दिन सूर्योदय होते हुए भी ट्रॉली से देखा. लगातार मददगार का इंतजार करते रहे. इसी बीच कोई भी चिल्ला उठता कि बचाओ, पानी पिलाओ. मर जायेंगे. दोपहर साढ़े तीन बजे लगभग वायु सेना का हेलीकॉप्टर पहुंचा और सभी का रेस्क्यू करना शुरू किया. तब सांस में सांस आयी. जवानों ने बहुत ही गंभीरता से सभी को सुरक्षित निकाला. बावजूद इसके एक युवक फिसलकर गिर गया और मौत हो गयी. उनके सामने इससे पहले सात लोगों की मौत हो गयी थी. इन बातों की जानकारी मिलने पर सभी की हालत खराब थी.

जान पर खेल कर मनोरंजन करना उचित नहीं : कौशल्या देवी

इसके बाद देवघर के सदर अस्पताल में लाकर मानसिक व शारीरिक स्थिति की जांच की. काजीचक से परिवार के अन्य लोग भी मौके पर पहुंच गये थे. अब सभी लोग सुरक्षित हैं. उन लोगों ने कहा कि रोप-वे पर कभी नहीं जायेंगे. बाबा बासुकीनाथ की कृपा ने सभी को बचा लिया. कौशल्या देवी ने कहा कि इस तरह का इंज्वाय नहीं करुंगी. जान पर खेलकर मनोरंजन करना उचित नहीं है.

Leave a Reply

error: Content is protected !!