किशनगंज जिले के सभी स्वास्थ्य स्थानों में गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व हुई जाँच

किशनगंज जिले के सभी स्वास्थ्य स्थानों में गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व हुई जाँच
– प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत शिविर का आयोजन कर की गई जाँच
– जाँच के पश्चात सुरक्षित और सामान्य प्रसव को लेकर चिकित्सकों द्वारा दी गई आवश्यक जानकारियाँ

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श्रीनारद मीडिया, किशनगंज, (बिहार):

सोमवार को जिले के सभी पीएचसी, सीएचसी, रेफरल एवं अनुमंडलीय व जिला अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व (एएनसी) जाँच की गयी । सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के अंतर्गत हर माह की 9 वीं तारीख को गर्भवती की पूर्ण जांच की जाती है । वहीं, कोरोना काल में भी जिले के सभी सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने पर गर्भवती महिला को जननी बाल सुरक्षा योजना के तहत आर्थिक लाभ दिया जा रहा है। जिसमें बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाएं अपने-अपने नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान आकर सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए एएनसी जाँच करवाई। जाँच के पश्चात चिकित्सकों द्वारा गर्भवती को आवश्यकतानुसार आवश्यक चिकित्सा परामर्श दिया गया । जिसमें रहन-सहन, साफ-सफाई, खान-पान, गर्भावस्था के दौरान बरती जाने वाली सावधानियाँ, समेत अन्य चिकित्सा परामर्श विस्तार पूर्वक दिया गया ।
-शिविर में गर्भवती महिलाओं की हुई समुचित जाँच :-
आयोजित शिविर में बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाएं शामिल हुईं और सुरक्षित व सामान्य प्रसव को बढ़ावा देने के लिए जाँच करवाई। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र किशनगंज के शिविर में जाँच कर रही महिला चिकित्सक आशिया नूरी के द्वारा गर्भवती महिलाओं की ब्लड, यूरिन, एचआईवी, ब्लड ग्रुप, बीपी, हार्ट-बिट आदि की भी जाँच की गई। इसके बाद चिकित्सकों द्वारा आवश्यकतानुसार चिकित्सकीय परामर्श दिया गया । एएनसी जांच के लिए शिविर में मौजूद महिलाओं को प्रसव अवधि के दौरान किसी भी प्रकार की शारीरिक परेशानी होने पर तुरंत चिकित्सकों से जाँच कराने की सलाह दी गई।
– संस्थागत प्रसव को लेकर किया गया जागरूक ,शिशु-मृत्यु दर में कमी लाने की है बेहतर व्यवस्था :-
सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया कि सरकार द्वारा प्रत्येक महीने की नौ तारीख को गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जाँच के लिए की गई यह व्यवस्था शिशु-मृत्यु दर में कमी लाने की बेहतर व्यवस्था है । सरकार द्वारा की गई यह व्यवस्था मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने की दिशा में अच्छी पहल है। इससे ना सिर्फ सुरक्षित प्रसव होगा, बल्कि शिशु-मृत्यु दर पर विराम भी लगेगा। इसके साथ ही जच्चा-बच्चा दोनों को अनावश्यक परेशानियाँ का सामना नहीं करना पड़ेगा। वहीं एएनसी जाँच के दौरान महिलाओं को संस्थागत प्रसव को लेकर जागरूक किया गया। जिसके दौरान सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने के लिए उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी दी गई। ताकि महिलाओं में सुरक्षा के दृष्टिकोण से संस्थागत प्रसव को लेकर किसी प्रकार की हिचकिचाहट नहीं रहे और सभी महिलाएं संस्थागत प्रसव को प्राथमिकता दें।

उच्च जोखिम में सावधानी बहुत जरूरी:
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र किशनगंज के शिविर में जाँच कर रही महिला चिकित्सक आशिया नूरी के बताया उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था वह अवस्था है, जिसमें महिला या उसके भ्रूण के स्वास्थ्य या जीवन को खतरा होता है। किसी भी गर्भावस्था में जहां जटिलताओं को संभावना अधिक होती है, उस गर्भावस्था को हाई रिस्क प्रेग्नेंसी या उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था में रखा जाता है| इस तरह की गर्भावस्था को प्रशिक्षित चिकित्सक की विशिष्ट देखभाल की आवश्यकता होती है। घर में यदि कोई सदस्य कोरोना संक्रमित है तो गर्भवती के संपर्क में न आएं। खानपान की रूटीन का पालन करना जरूरी है । खुराक (डाइट) में विटामिन को जरूर शामिल करें जिससे कि डाइट लेने में किसी प्रकार की समस्या ना हो| ऐसे में तेल, घी और मसालेदार खाने से परहेज करें ।
जननी बाल सुरक्षा योजना के आर्थिक लाभ:
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कश्यप ने बताया जननी बाल सुरक्षा योजना के तहत ग्रामीण एवं शहरी दोनों प्रकार की गर्भवती महिलाओं को सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने के बाद अलग-अलग प्रोत्साहन राशि सरकार द्वारा प्रदान की जाती है| जिसमें ग्रामीण इलाके की गर्भवती महिलाओं को 1400 रुपये . एवं शहरी क्षेत्र की महिलाओं को 1000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है| साथ ही इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए सरकारी अस्पतालों पर संदर्भित करने के लिए आशा कार्यकर्ता को भी प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है जिसमें प्रति प्रसव ग्रामीण क्षेत्रों में आशा को 600 रुपये .एवं शहरी क्षेत्रों के लिए आशा को 400 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है| इस योजना के तहत संस्थागत प्रसव पर आम लोगों के बीच जागरूकता बढ़ रही है। वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र किशनगंज में माह अप्रैल में 134 ,मई में 155, जून में 116 , जुलाई माह में 147 , एवं 08 अगस्त तक सुरक्षित प्रसव हुए हैं| जिसमें 552 महिलाओं को जननी योजना का लाभ भी मिला। इन आंकड़ों को देखकर लग रहा है कि कोविड-19 के दौर में भी स्वास्थ्य विभाग गर्भवती महिलाओं की सेहत के प्रति सजग है। ताकि गर्भवती व गर्भस्थ शिशु पर कोई आंच न आए| इसके लिए आशा कार्यकर्ता गर्भवती महिलाओं का निरंतर फॉलो-अप कर रही हैं एवं आवश्यकता होने पर उनकी स्वास्थ्य जाँच भी सुनिश्चित करा रही हैं ।

प्रसव काल में ऐसे रखें ख्याल –
•संतुलित आहार लें।
•खुराक (डाइट) में विटामिन शामिल करें
•तेल, घी मसालेदार खाने से परहेज़ करें
•बुखार होने पर घबराएं नहीं
•इम्युनिटी का विशेष खास ख्याल
•कोरोना के लक्षण है तो तुरन्त डाक्टर से संपर्क करें
•पैरासिटामोल, विटामिन सी, फोलिक एसिड, जिंक और बी कांप्लेक्स दवा जरूर रखें
•हर दिन हल्का व्यायाम जरूर करें
•तनाव न लें।

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