पूर्णिया  श्रम अधीक्षक को घूस लेते  निगरानी टीम ने किया गिरफ्तार, नक्शा पास करवाने के लिए मांगी थी रिश्वत

पूर्णिया  श्रम अधीक्षक को घूस लेते  निगरानी टीम ने किया गिरफ्तार, नक्शा पास करवाने के लिए मांगी थी रिश्वत

बिहार में निगरानी विभाग आये दिन भ्रष्‍ट अधिकारियों को कर रही है गिरफ्तार

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श्रीनारद मीडिया, पटना (बिहार):

निगरानी विभाग पटना की टीम ने पूर्णिया के श्रम अधीक्षक आलोक रंजन और उनके सहायक मनोज कुमार को 55 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए कार्यालय से गिरफ्तार कर लिया। निगरानी विभाग की टीम पूछताछ करने के बाद दोनों को पटना लेकर रवाना हो गई है।

इस संदर्भ में निगरानी विभाग के डीएसपी अरुण पासवान ने बताया कि बेलोरी एनएच 31 के समीप स्थित एक निजी फर्नीचर शोरूम के एचआर मैनेजर विजय कुमार के द्वारा लिखित आवेदन निगरानी विभाग की टीम को दी गई थी। जांच पड़ताल के दौरान मामला सत्य पाया गया था। इसी क्रम में शुक्रवार को श्रम अधीक्षक आलोक रंजन और उनके सहायक मनोज कुमार को 55 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए बियाडा स्थित संयुक्त श्रम भवन के कार्यालय से गिरफ्तार कर लिया गया है।

उन्होंने बताया कि फर्नीचर शोरूम का निर्माण वर्ष 2003 में हुआ था। बने भवन के एवज में नगर निगम को लेबर सेस 1 प्रतिशत जमा करना था, जिसकी कुल राशि 1 लाख 99 हजार 560 रुपया हुआ था। जब एचआर मैनेजर ने श्रम अधीक्षक के कार्यालय में लेबर सेस के रूप में डीडी बना कर जमा किया तो श्रम अधीक्षक के सहायक मनोज कुमार ने कहा कि 50 हजार रुपया श्रम अधीक्षक के लिए रिश्वत और दस हजार रुपया लेबर लाइसेंस का अलग से देना पड़ेगा।

55 हजार रुपये लेकर श्रम अधीक्षक के हाथ में सहायक मनोज कुमार ने सौंपा ही था कि निगरानी विभाग की टीम ने उन्हें रंगे हाथ पकड़ लिया। छापेमारी करने गई 12 सदस्यी टीम में डीएसपी अरुण पासवान, डीएसपी समीर चंद्र झा, डीएसपी अरुणोदय कुमार पांडे, इंस्पेक्टर संजय चतुर्वेदी, सब इंस्पेक्टर शशिकांत, सब इंस्पेक्टर आशीष चौबे सहित अन्य मौजूद रहे।
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