Raghunathpur:श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन भगवान के विराट स्वरूप का हुआ  वर्णन

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मनुष्यों का क्या कर्तव्य है, इसका बोध भागवत सुनकर ही होता है : अनुराग कृष्ण शास्त्री

श्रीनारद मीडिया, प्रसेनजीत चौरसिया, रघुनाथपुर, सीवान (बिहार)

सीवान जिले के रघुनाथपुर त्यागी बाबा के कुटिया परिसर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन गुरूवार को कथा वाचक पं अनुराग कृष्ण शास्त्री ने कहा कि मनुष्यों का क्या कर्तव्य है, इसका बोध भागवत सुनकर ही होता है। विडंबना ये है कि मृत्यु निश्चित होने के बाद भी हम उसे स्वीकार नहीं करते हैं। निस्काम भाव से प्रभु का स्मरण करने वाले लोग अपना जन्म और मरण दोनों सुधार लेते हैं।

कथा व्यास ने कहा कि प्रभु जब अवतार लेते हैं तो माया के साथ आते हैं। साधारण मनुष्य माया को शाश्वत मान लेता है और अपने शरीर को प्रधान मान लेता है। जबकि शरीर नश्वर है। उन्होंने कहा कि भागवत बताता है कि कर्म ऐसा करो जो निस्काम हो वहीं सच्ची भक्ति है।कथा प्रसंग में व्यासजी ने भगवान के विराट स्वरूप का वर्णन एवं कपिल देवहूति संवाद का विस्तार से कथा के माध्यम से सुनाया।।

इस अवसर पर रघुनाथपुर थानाप्रभारी मनोज कुमार प्रभाकर, पंजवार मुखिया गोपाल सिंह, यजमान विजय भूषण तिवारी, रमानिवास तिवारी, पूर्व पार्षद अनिल सिंह,विश्वनाथ तिवारी, अरविन्द तिवारी,विनायक तिवारी विकास तिवारी आदि ने व्यास पूजन किए।

 

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