किशनगंज जिले के कोरोना वॉरियर्स डटे हुए हैं महामारी को हराने के लिए

किशनगंज जिले के कोरोना वॉरियर्स डटे हुए हैं महामारी को हराने के लिए

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow

लड़ाई लंबी चलनी है, इसके लिए तैयार हैं हम

स्वस्थ होने के साथ ही दुगुनी ताकत के साथ पुनः अपने कार्य पर लौटे

डीपीएम डॉ मुनाजिम ने बताया होम आइसोलेशन के नियम
संक्रमण से बचने के लिए जानकारी जरूरी

श्रीनारद मीडिया, किशनगंज, (बिहार):

कोरोना चाहे कितनी भी चुनौतियाँ पेश करे, उन्हें मात देने के लिए कोरोना योद्धा एक दीवार की तरह खड़े हो रहे हैं। कोरोना को मात देने के लिए कई स्तर पर लोगों की भूमिका भी समय के साथ उभर कर सामने आने लगी है। इसी मुहिम की कड़ी में जिले के डीपीएम डॉ मुनाजिम भी बखूबी योगदान दे रहे हैं। कोरोना संक्रमण की शुरुआत से ही डॉ मुनाजिम ने काफ़ी सक्रियता से कार्य को अंजाम देना शुरू किया था, जो अभी भी उसी रफ़्तार से जारी है। उनके कुशल नेतृत्त्व का ही असर है कि जिले में कोरोना की दस्तक भी अन्य जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक प्रभावित नहीं कर सका। कोरोना वायरस ने पूरे समाज को उसके असली योद्धाओं की पहचान करा दी है। उनमें स्वास्थ्यकर्मियों का नाम सबसे पहले आता है। कोरोना संक्रमण के दौर में आज स्वास्थ्यकर्मी धूप में छांव की तरह लोगों की सेवा कार्य में लगे हुए हैं। आठ घंटे ड्यूटी करने वाले स्वास्थ्यकर्मी अपने घर का रास्ता भूल दिन-रात मरीजों की सेवा में जुटे हैं। इनका यही हौसला आज देश-प्रदेश और जिले की ताकत बना हुआ है। ऐसे ही एक कोरोना योद्धा हैं, डॉ मुनाजिम।

लड़ाई लंबी चलनी है, इसके लिए तैयार हैं हम:
किशनगंज जिला के जिला स्वास्थ्य समिति के 37 वर्षीय डॉ मुनाजिम पिछले 09 वर्ष से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में एवं 14 माह से जिला कार्यक्रम प्रबन्धक के पद पर कार्यरत हैं। काम करते हुए विगत 05 अप्रैल को वह खुद संक्रमण की चपेट में आ गए थे। इसके बाद वह होम आइसोलेशन में गए। पहले तो कोरोना के बारे सुनकर निराशा और डर हुआ ई, लेकिन हिम्मत नहीं हारे। शांत नहीं बैठे। निगेटिविटी के सन्नाटे को सभी ने अपने जज्बे से भगा दिया। 14 दिन होम आइसोलेशन से ही अपने कर्तव्य का पालन करते रहे, फिर ड्यूटी पर लौट आए। कोविड-19 के दौर में भी अपनी जिम्मेदारी को बखूबी पूरा किया और कभी अपने कार्य से पीछे नहीं हटे।

स्वस्थ होने के साथ ही दुगुनी ताकत के साथ पुनः अपने कार्य पर लौटे:
सेवा के भाव और स्वस्थ होने के बाद आत्मविश्वास से भरपूर डॉ मुनाजिम निराश नहीं हुए। वह अपनी इस विश्वास की चर्चा करते हुए बताते हैं इस बीमारी से ग्रस्त होने के बाद व्यक्ति को हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। अगर व्यक्ति में आत्मविश्वास और किसी भी कठिनाई से लड़ने का जज्बा हो तो वह बड़ी से बड़ी लड़ाई को जीत सकता है। परिजनों का साथ इस वक्त सबसे ज्यादा जरूरी होता है। मानसिक मजबूती से समस्याओं का हल हो जाता है। आज जब अपने भी साथ छोड़ दे रहे हैं। ऐसे में चिकित्सक धूप में छांव की तरह लोगों की सेवा कार्य में लगे हुए हैं। चिकित्सक को धरती पर ईश्वर का दूसरा रूप क्यों कहा जाता है, यह आज सभी को समझ में आ गया है। अगर संक्रमण काल में आम लोगों की तरह ये भी घर पर बैठ जाते तो मानव जीवन संकट में पड़ सकता था।

लक्षण दिखते हीं कराएं इलाज, चिकित्सा परामर्श का करें पालन:
डॉ मुनाजिम ने लोगों से अपील करते हुए कहा कोविड-19 का लक्षण दिखते हीं तुरंत स्थानीय स्वास्थ्य संस्थान में जाँच करानी चाहिए। जिसके बाद चिकित्सकों द्वारा दी गयी चिकित्सा परामर्श का पालन करना चाहिए। दरअसल, समय पर इलाज शुरू होने से बहुत जल्द स्वस्थ होने में काफी सहयोग मिलता है। कोविड-19 से बचाव के लिए साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें। साथ ही 45 वर्ष के ऊपर के सभी व्यक्ति टिका जरूर लगवाएं। दो गज की दूरी के साथ मास्क का प्रयोग अवश्य करें। इससे आप सुरक्षित रहेंगे और समाज भी सुरक्षित रहेगा।

भेदभाव एवं भ्रांतियों से बचने के लिए डीपीएम देते हैं संदेश:
डीपीएम डॉ मुनाजिम जिले का दौरा कर अधिकारियों के साथ फीडबैक शेयर करने के साथ समय-समय पर आइसोलेशन वार्ड, जिला अस्पताल एवं प्रखंड अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मियों का हौसला भी बढाते रहे हैं। क्षेत्र भ्रमण के दौरान लोगों को संदेश भी देते रहते हैं कि कोरोना से बचाव का एकमात्र उपाय मास्क व सोशल डिस्टैंसिंग ही है।वे हमेशा लोगों को भेदभाव एवं भ्रांतियों से बचने का भी संदेश देते रहते हैं। वह बताते हैं, कोरोना संक्रमण काल में कोई भी संक्रमित हो सकता है। संक्रमित लोगों के प्रति अपनी सोच में बदलाव लाएं। कोरोना से लड़ रहे व्यक्ति, स्वास्थ्यकर्मी या पुलिस किसी से भी मानसिक दूरी नहीं बनायें। उनके प्रति नकारत्मक सोच नहीं रखें। कोरोना को हराकर लड़ाई जीतने वाले लोगों से किसी भी तरह से घबराने की कोई जरूरत नहीं है। संक्रमण ठीक होने के बाद उनके संपर्क में आने पर कोई संक्रमित नहीं होता है। कोरोना योद्धाओं का सम्मान करें, जो ऐसी विषय परिस्थितियों में लोगों की सेवा करने में दिन-रात जुटे हुए हैं।

डीपीएम डॉ मुनाजिम ने बताया होम आइसोलेशन के नियम:
-संक्रमित व्यक्ति के घर में होम आइसोलेशन के दौरान परिवार से अलग और उचित दूरी पर रहने की सभी सुविधाएं मौजूद हों।

-आइसोलेशन के दौरान संक्रमित व्यक्ति की देखभाल करने के लिए 24 घटें और सातों दिन कोई व्यक्ति उपलब्ध रहना चाहिए। देखभाल करनेवाले व्यक्ति और जिस हॉस्पिटल से मरीज़ का इलाज चल रहा है, उसके बीच लगातार संपर्क रहना चाहिए। जब तक कि होम आइसोलेशन की अवधि तय की गई है।

-मरीज को होम आइसोलेशन के दौरान हर समय तीन लेयर वाला फेसमास्क पहने रहना चाहिए। हर 8 घंटे में इस मास्क को बदल दें। अगर आपको लगता है कि पसीने के कारण मास्क गीला हो गया है या धूप-मिट्टी के कारण गंदा हो गया है तो इसे तुरंत बदल लें।

-आइसोलेशन के दौरान मरीज को केवल एक तय कमरे में ही रहना चाहिए। साथ ही परिवार के सभी लोगों से दूर रहना चाहिए तथा सारी व्यवस्था भी अलग होनी चाहिए।

यह भी पढ़े

कोरोना की वजह से बिहार में टाले जा सकते हैं पंचायत चुनाव, 15 दिनों बाद फैसला लेगा निर्वाचन आयोग

महागौरी स्वरूप माँ अम्बिका का हुआ विशेष पूजन व श्रृंगार

पगड़ी पहनकर दुल्हन लेने जा रहा था दूल्हा, पुलिस ने दबोचा, जानें पूरा मामला 

भारत में कोरोना से पति की गई जान, पत्नी ने चीन से वीडियो कॉल पर दी अंतिम विदाई

तिहाड़ जेल में बंद सीवान के पूर्व सांसद मो0 शहाबुद्दीन कोरोना पॉजिटिव, अस्पताल में भर्ती

सीवान के वरिष्‍ठ चिकित्‍सक, सामाजिक कार्यकर्ता डा0 टीएन सिंह का निधन

Leave a Reply

error: Content is protected !!