आज मनुष्य में अच्छाई को धारण करने और बुराई को छोड़ने की शक्ति नहीं है : बीके ओंकार चंद 

आज मनुष्य में अच्छाई को धारण करने और बुराई को छोड़ने की शक्ति नहीं है : बीके ओंकार चंद
श्रीनारद मीडिया, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, कुरुक्षेत्र (हरियाणा):

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ब्रह्माकुमारीज़ के ‘खुशियां आपके द्वार’ कार्यक्रम मे राजयोग मैडिटेशन पर हुई चर्चा।

राजयोग मैडिटेशन हमें सही सोचने, बोलने व करने की विधि सिखाता है। राजयोग वह माध्यम है, जिससे हम अपने कर्मों में कुशलता प्राप्त कर सकते हैं। राजयोग हमें सिखाता है कि हम मात्र शरीर नहीं, बल्कि शरीर के भीतर एक चैतन्य शक्ति आत्मा हैं।

यह विचार ब्रह्माकुमारीज़ के अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय माउंट आबू से पधारे विख्यात मोटिवेशनल वक्ता प्रो. बीके ओंकार चंद भाई ने सेक्टर-13 के सीनियर सिटीजन फॉर्म में उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। वे आज ‘राजयोग मैडिटेशन से सर्व शक्तियों की प्राप्ति’ विषय पर विचार रख रहे थे। प्रो. ओंकार चंद ने कहा कि आज मैडिटेशन हर व्यवसाय, व्यापार व घर गृहस्थ में जरूरी है। बच्चों को भी मैडिटेशन की जरूरत है क्योंकि सब स्थानों पर आज चुनौतियां हैं और उन चुनौतियों का सामना करने के लिए ताकत की जरूरत है। वह ताकत प्रभू स्मृति और मैडिटेशन से ही आ सकती है। आज मनुष्य में अच्छाई को धारण करने की शक्ति नहीं है और बुराई को छोडऩे की शक्ति नहीं है। आत्मा की शक्ति क्षीण हो गई है। इसलिए व्यक्ति के विचारों में सकारात्मकता की जरूरत है।

प्रो. ओंकार भाई ने बताया कि राजयोग का मार्ग प्रभु से प्रेम का मार्ग है। हम उसे प्रेम से अपना बना लें। यदि हमारा उनसे प्रेम होगा, तो वे हमारे साथी बन जाते है। जो भगवान को साथी बना कर चलते हैं, उनके लिए वे रक्षक बन जाते हैं। अब आवश्यकता इस बात की है कि हम विश्व परिवर्तन के कार्य में भगवान के साथी बन जाएं। राजयोग से हम इस सत्य को जान जाएंगे कि हम सब आत्माएं है, हम सब एक ही परिवार के हैं और एक ही हमारा परमपिता परमात्मा है तो हमें कोई कठिनाई नहीं आएगी।
अपने व्याख्यान में ब्रह्माकुमार ओंकार चंद ने यह भी कहा कि राजयोग एक ऐसा ब्रह्मास्त्र है, जिससे आदमी का मन परिवर्तित हो जाता है। यदि आप के तार परमात्मा (जो सारे विश्व का सेवक है) से जुड़े हैं, तो उसके गुण व शक्तियां आप में स्वतः आती जाएगीं। जैसे मोबाइल की बैटरी कनेक्ट करते हैं, तो चार्ज हो जाती है। उसी तरह अब यदि हम भगवान से कनेक्ट हो जाएं, तो हम में वह एनर्जी आएगी, जिससे हम खुद की कमजोरियों और दुखों से दूर हो जाएंगे। इससे पहले कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन और म्यूजिकल एक्सरसाइज के साथ किया गया।

इस दौरान पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा, वैश्य अग्रवाल पंचायत के प्रधान सत्य प्रकाश गुप्ता, सीनियर सिटीजन फॉर्म के प्रधान डॉ ए.सी नागपाल, सी.पी गुप्ता, रोशन लाल मित्तल सहित कई गणमान्य जन मौजूद रहे। कार्यक्रम आयोजक ब्रह्माकुमारीज़ सेक्टर-13 सेवा केंद्र की संचालिका बी.के शकुंतला बहन ने कहा कि आज सुख के कई साधन होने पर भी मन में सुख-शान्ति नहीं है। दूसरों को खुशी वही दे सकता है, जिसके पास खुद खुशी का स्टॉक होगा। खुशी बांटने का तरीका है कि जिससे भी आप मिलें, उसे कहें कि आप बहुत भाग्यशाली हैं, आप बहुत अच्छे हैं क्योंकि हर व्यक्ति भाग्यवान है, हरेक में अच्छाई है। यदि हम उसे स्वीकृति देंगे, तो वह व्यक्ति अवश्य ही खुश होगा। कुछ भी हो जाए, हमें अपनी खुशी को सम्भाल कर रखना है क्योंकि खुशी संसार की सबसे बड़ी दौलत है। छोटी छोटी बातों में हमें अपनी खुशी नहीं गंवानी है। बीके रीना बहन ने मंच का संचालन किया। बीके सीमा बहन ने सभी अतिथियों का बेज और गुलदस्ते से स्वागत किया और उनका आभार व्यक्त किया।

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