महिलाओं का विज्ञान में हमेशा से ही योगदानः डॉ. ममता सचदेवा 

महिलाओं का विज्ञान में हमेशा से ही योगदानः डॉ. ममता सचदेवा

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श्रीनारद मीडिया, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, कुरुक्षेत्र (हरियाणा):

कुवि के महिला अध्ययन शोध केन्द्र तथा वीमेन इन स्टेम फोरम द्वारा आयोजित साइंस कार्निवाल का हुआ समापन।

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन शोध केन्द्र तथा वीमेन इन स्टेम फोरम के सहयोग से आयोजित सांइस कार्निवाल का समापन 18 मार्च हुआ तथा पुरस्कार वितरण में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति की धर्मपत्नी डॉ. ममता सचदेवा ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।

डॉ. ममता सचदेवा ने अपने अभिभाषण में अनेकों महिला वैज्ञानिकों का नाम लेते हुए कहा कि महिलाओं का विज्ञान में हमेशा से ही योगदान रहा है, लेकिन समाज के पितृसत्तात्मक परिदृश्य में उन्हें आगे बढ़ने के लिए कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ा है। इन कठिनाईओं के कारण न केवल उनका स्वयं का विकास बाधित हुआ है वरन् देश के वैज्ञानिक विकास भी सीमित हुआ है। उन्होंने कहा कि आज प्रत्येक क्षेत्र में चाहे वह वित्त हो, रक्षा, शिक्षा, खेल जगत हो महिलाओं ने उच्च पदों पर अपना परचम लहराया है लेकिन इन महिलाओं की संख्या अत्यंत कम है इस संख्या को बढ़ाने की आवश्यकता है।

डॉ. ममता सचदेवा ने कहा कि अब विज्ञान में महिलाएं काफी संख्या में शिक्षा ग्रहण कर रही है, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में भी विज्ञान के प्रत्येक विभाग में लड़कियों की संख्या काफी अधिक है। सीएसआईआर के एक अध्ययन का हवाला देते हुए उन्होंने कहा लड़कियॉं शोध तो कर रहीं हैं, परन्तु जब विज्ञान में कार्य करने की बात आती है तो लड़कियों की संख्या कम रह जाती है। इसका एक कारण यह है कि विज्ञान में काम करना ज्यादा समय मांगता है परन्तु महिलाएं खासकर विवाहित महिलाएं घर की जिम्मेदारियों को निभाने के कारण ज्यादा समय नहीं दे पाती और कार्यक्षेत्र को छोड़ देती हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं में निर्णय लेने की असीम क्षमता होती है, वे उच्च पदों पर अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाती हैं। अतः उन्हें अवसर प्रदान किए जाने चाहिए। उन्होंने छात्राओं द्वारा बनाए गए पोस्टर तथा माडल की सराहना की खासतौर पर सोलर एनर्जी द्वारा बनाए गए माडल की प्रशंसा की।

महिला अध्ययन शोध केन्द्र की निदेशिका प्रो. अनीता दुआ ने स्वागत भाषण में कहा कि विज्ञान में लड़कियों की चुनौतियां कुछ अलग प्रकार की होती हैं उन्हें दूर किये जाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने वीमेन इन स्टेम फोरम के आस्त्त्वि में आने के पीछे के कारण स्पष्ट किए तथा महिला अध्ययन शोध केन्द्र द्वारा की जाने वाली गतिविधियों से अवगत कराया।
वीमेन इन स्टेम फोरम की समन्वयक प्रो. नीरा राघव ने फोरम के गठन, इसके उद्देश्यों तथा गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने साइंस कार्नीवाल में आयोजित प्रतियोगिताओं के बारे में बताया। प्रतियोगिताएं चार कैटेगरी में रही ओरल प्रेजेंटेशन, माडल मेकिंग, पोस्टर मेकिंग तथा साइंस क्विज। सभी केटेगरी में यूजी, पीजी एवं शोद्यार्थीयों ने अलग-अलग प्रतियोगितायों ने भाग लिया।

सभी प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान पर आने वाले विद्यार्थियों को तथा दो सांत्वना पुरस्कार दिए गए।
साइंस मॉडल में विन्नी एवं महक, जी.सी. कॉलेज, बरवाला, आन स्पाट पोस्टर यू.जी. में वंशिका, फार्मेसी संस्थान से, साइंस क्विज यू.जी. में मोहित, जी.सी. कालेज, बरवाला, पंचकूला, साइंस क्विज पी.जी. में नेहा एवं वंशिका माइक्रोबायोलॉजी विभाग, ओरल प्रेजेंटेशन शोधार्थी में मानसी मालिक भौतिकी विभाग एवं आरल प्रेसेंटेशन पी.जी. में प्राची शर्मा माइक्रोबायोलोजी विभाग ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।

इस अवसर पर डॉ. सुमन मेहंदिया, डॉ. उर्मिला, डॉ. सुरेश दुआ, डॉ. रमेश, डॉ. मनीषा संधू, डॉ. अनिता भटनागर, डॉ. प्रणय जैन, डॉ. पूनम, डॉ. सुनीता मदान, डॉ. वनीता ढ़ीगरा, डॉ. प्रीति जैन, डॉ. निरूपमा भटठी, डॉ. सुमन सिंह आदि उपस्थित रहे।

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