05 नवम्बर 📜🌹 आजाद भारत के पहले वोटर ‘श्याम शरण नेगी’ के पुण्यतिथि पर विशेष
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क:

जन्म : 01 जुलाई 1917
मृत्यु : 05 नवंबर 2022
आजाद भारत के पहले मतदाता (वोटर-Voter) श्याम शरण नेगी का 05 नवंबर 2022 को निधन हो गया। उन्होंने 106 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहा। चुनाव आयोग ने 2022 में बैलेट पेपर के जरिए दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं के लिए वोटिंग की व्यवस्था करवाई थी, जिसमें नेगी ने भी मतदान किया। वैसे तो उनके जीवन से जुड़े कई किस्से फेमस हैं, लेकिन लोगों के मन में ये सवाल उठता है कि आखिर आजादी के वक्त जब लाखों मतदाता थे, तो मास्टर नेगी किसी आधार पर पहले मतदाता बन गए?
>> हिमाचल में ही गुजरी जिंदगी <<
मास्टर नेगी का जन्म 1 जुलाई 1917 को किन्नौर जिले के चिन्नी गांव में हुआ था। जिसे अब कल्पा के नाम से जाना जाता है। वो वहीं पर पले-बढ़े और आखिरी सांस भी वहीं पर ली। आजाद भारत में जब पहला चुनाव हुआ था, तो आधिकारिक रूप से नेगी ने उसमें पहला वोट डाला था। उसके बाद से उन्होंने कुल 34 चुनावों में मतदान किया।
>> कैसे बने पहले वोटर? <<
आजादी के बाद फरवरी और मार्च 1952 में लोकसभा चुनाव करवाए जाने का फैसला हुआ, लेकिन उस वक्त हिमाचल के उच्च पर्वतीय इलाकों में वोटिंग करवाना संभव नहीं था। वहां पर फरवरी-मार्च में काफी ज्यादा बर्फ रहती थी, उस वक्त उतने हाईटेक उपकरण भी नहीं थे कि रास्ता बनाकर पहुंचा जा सके। ऐसे में अक्टूबर में ही वहां पर वोट डलवा लिए गए। इसी के तहत 25 अक्टूबर 1951 को मास्टर नेगी ने आजाद भारत के पहले चुनाव में वोटिंग की।
>> आखिरी वोट देने के बाद कर दी थी भविष्यवाणी <<
लोकसभा और हिमाचल के विधानसभा चुनाव में श्याम शरण नेगी की चर्चा जरूर होती थी। 2 नवंबर 2022 को उन्होंने बैलेट पेपर के जरिए वोट डाला था। उस दौरान उन्होंने कहा था कि मुझे वोट की अहमियत अच्छे से पता है। हो सकता है ये मेरा आखिरी चुनाव हो। उनकी ये भविष्यवाणी सच साबित हुई और वो इस दुनिया को 5 नवंबर 2022 को अलविदा कह गए।
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