10 जुलाई से भगवान विष्‍णु  जा रहे हैं योग निद्रा में , सृष्टि का संचालन भगवान शिव के हाथों  में

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शुरू हो जाएगा चातुर्मास,  जाने किन कार्यों  पर रहेगी रोक

श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्‍क:

सृष्टि के संचालक भगवान विष्णु  10 जुलाई से योग निद्रा में जाएंगे। चार महीने तक वे शयन करेंगे। देवोत्‍थान एकादशी को वे जागृत होंगे। तब तक सृष्टि का संचालन भगवान शिव के हाथों होगा। इस अवधि में किसी तरह के मांगलिक कार्य पर रोक रहेगी

रविवार (10 जुलाई) को आषाढ़ मास शुक्लपक्ष की एकादशी तिथि है। इसे देवशयनी या हरिशयनी एकादशी भी कहा जाता है। मान्‍यता है कि इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाएंगे। चार महीने तक वे क्षीरसागर में योग निद्रा में रहेंगे तब तक सृष्टि का संपूर्ण भार शिव जी के हाथों में होगा। भगवान के शयन के दौरान मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं। शादी, उपनयन समेत अन्‍य मांगलिग कार्य अब चार महीने के लिए थम जाएंगे।

आचार्य एवं पंडितों का कहना है कि  एकादशी तिथि का आगमन शनिवार को दिन में 11 बजकर 23 मिनट पर हो रहा है। यह अगले दिन रविवार की सुबह 9:31 बजे तक विद्यमान रहेगा। अतः उद्याव्यापिन तिथि में होने के कारण एकादशी स्नान-व्रत का मान रविवार का हो रहा है। हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का खास महत्व है। वैसे तो हिंदी मास में हर महीने में दो बार एकादशी तिथि पड़ती है, एक कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में। जिसमें धर्मानुरागी पूरे विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति के पाप नष्ट हो जाते हैं

साल 2022 में वैवाहिक लग्न अब छह नवंबर से प्रारंभ होंगे। 16 दि‍संबर को दिवालग्न मुहूर्त के साथ वैवाहिक लग्न समाप्त हो जाएगा। नवंबर-दिसंबर के इन दो महीनों में वाराणसी पंचांग अनुसार कुल 13 शादी-विवाह योग्य शुभ लग्न मुहुर्त हैं। जिनमें नवंबर में चार और शेष सभी दिसंबर के महीने में पड़ रहे हैं। इसके बाद एक महीने के लिए खरमास लग जाएगा। फिर तब 2023 के 15 जनवरी से लग्न मुहुर्त की शुभ तिथियां प्रारंभ हो रही हैं।

वैवाहिक लग्न की तारीखें

नवंबर माह में – 6, 24, 25 व 26 तारीख

दिसंबर माह में – 2, 3, 7, 8, 9, 13, 14, 15 व 16 तारीख

चार मास के दौरान सावन, हरितालिका तीज, गणपति उत्सव और आश्विन मास में शारदीय नवरात्र कई पर्व मनाए जाते हैं। 13 को गुरु पूर्णिमा है।  14 से सावन की शुरुआत हो जाएगी।  13 जुलाई बुधवार को ऐंद्र योग में गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन महर्षि वेदव्यास की पूजा अर्चना की जाती है। वहीं 14 जुलाई से भगवान शिव का प्रिय मास सावन का आरंभ हो जाएगा।

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