अमेरिकी के मानवाधिकार रिपोर्ट को भारत ने पूरी तरह से नकार दिया है

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भारत को मानवाधिकार पर ज्ञान दे रहा अमेरिका

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

अमेरिकी रिपोर्ट में मणिपुर में मई, 2023 में हुए जातीय संघर्ष के बाद मणिपुर में कथित मानवाधिकारों के हनन की घटनाओं का जिक्र किया गया है। इससे जुड़े एक सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जायसवाल ने कहा, यह रिपोर्ट बेहद पक्षपातपूर्ण है और भारत के बारे में खराब समझ को दिखाती है।

भारत में मानवाधिकार उल्लंघन के कथित मामलों को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट पूर्वाग्रह से ग्रसित है। विदेश मंत्रालय ने रिपोर्ट को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह रिपोर्ट भारत की सही तस्वीर पेश नहीं करती और वास्तविकता से कोसों दूर है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को कहा कि भारत ऐसी रिपोर्ट को महत्व नहीं देता, जिसमें भारत की सटीक तस्वीर पेश नहीं की गई हो। उन्होंने कहा कि सरकार की नजर में इसका कोई महत्व नहीं है। उन्होंने मीडिया से भी इस रिपोर्ट को महत्व न देने का आग्रह किया।
मणिपुर की घटनाओं का जिक्र, विदेश विभाग ने पीएम मोदी के बयान का जिक्र किया
गौरतलब है कि भारतीय समयानुसार सोमवार-मंगलवार की दरम्यानी रात जारी एक रिपोर्ट में भारत के प्रति अपने पूर्वाग्रह वाले रवैये को जारी रखते हुए अमेरिकी विदेश विभाग ने अपनी सालाना मानवाधिकार रिपोर्ट जारी की। इसमें मणिपुर में मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन का आरोप लगाया गया। विदेश विभाग ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मणिपुर की घटनाओं को शर्मनाक बताया है और मामले में कदम उठाने की बात कही है।
विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने जारी की रिपोर्ट
अमेरिकी कांग्रेस से स्वीकृत इस रिपोर्ट में राहुल गांधी को गुजरात के एक कोर्ट से दो साल की सजा, ब्रिटेन के मीडिया समूह बीबीसी पर भारत में आयकर छापों का भी जिक्र किया गया है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की ओर से जारी रिपोर्ट में 2023 में कुछ सकारात्मक घटनाओं को भी जगह दी गई है। इनमें कश्मीर में मार्च में शिया मुस्लिमों को प्रदर्शन की अनुमति देना शामिल है।
गाजा के मानवीय संकट पर अमेरिकी संस्थाओं में आक्रोश; भारत की करीबी नजर
अमेरिका के कोलंबिया विश्वविद्यालय में हुए विरोध-प्रदर्शन से जुड़े सवाल पर रणधीर जायसवाल ने कहा कि लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता होती है। हालांकि, जिम्मेदारी की भावना और सार्वजनिक सुरक्षा के बीच सही संतुलन होना बहुत जरूरी है। बता दें कि पश्चिम एशिया के गाजा में इस्राइली सेना के हमले के मद्देनजर पैदा हुए मानवीय संकट के खिलाफ छात्रों ने प्रदर्शन किया।
कोलंबिया के अलावा येल और न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय समेत दर्जनों शैक्षणिक संस्थानों में ऐसे विरोध प्रदर्शन देखे गए। इनके बारे में विदेश मंत्रालय ने कहा, सरकार ने इन घटनाओं से जुड़ी खबरें देखी हैं। भारत का मानना है कि हर लोकतांत्रिक व्यवस्था में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सार्वजनिक सुरक्षा व कानून व्यवस्था के बीच सही संतुलन होना चाहिए।
मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार इसे कोई महत्व नहीं देती है। मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि ऐसी रिपोर्ट से भारत की छवि खराब की जा रही है। बता दें रिपोर्ट में मई 2023 में जातीय संघर्ष के फैलने के बाद मणिपुर में महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार, बीबीसी पर कर अधिकारियों द्वारा छापे और कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या जैसे अंतरराष्ट्रीय दमन के मामलों पर प्रकाश डाला गया है।
इंडिया टुडे में छपी रिपोर्ट की मानें तो जब अमेरिकी मानवाधिकार रिपोर्ट के बारे में विदेश मंत्रालय से पूछा गया तो मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने जवाब दिया, “यह रिपोर्ट बेहद पक्षपातपूर्ण है और भारत की छवि को खराब करने वाला है। हम इसे कोई महत्व नहीं देते हैं।”

रिपोर्ट में मणिपुर हिंसा को लेकर भारत को घेरा
अमेरिकी मानवाधिकार रिपोर्ट में बताया गया है कि मैतेई और कुकी समुदायों के बीच चल रहे संघर्ष के कारण मणिपुर में कम से कम 175 लोग मारे गए और 60,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए। मई 2023 में ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (एटीएसयूएम) द्वारा मौतेई को एसटी श्रेणी में शामिल करने के विरोध में जनजातीय एकजुटता मार्च आयोजित करने के बाद हिंसा भड़क उठी ।

रिपोर्ट में अंतरराष्ट्रीय कराधान और स्थानांतरण मूल्य निर्धारण अनियमितताओं के आरोपों पर यूके स्थित ब्रॉडकास्टर- बीबीसी के दिल्ली और मुंबई कार्यालयों में आयकर विभाग द्वारा की गई खोजों का भी उल्लेख किया गया है। यह तलाशी ब्रिटिश प्रसारक द्वारा 2002 के गुजरात दंगों पर ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ शीर्षक से एक डॉक्यूमेंट्री जारी करने के कुछ सप्ताह बाद की गई थी।

भारत को मानवाधिकार पर ज्ञान दे रहा था अमेरिका
मानवाधिकार रिपोर्ट में कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का भी उल्लेख किया गया है और कहा गया है कि यह राज्य एजेंटों द्वारा न्यायेतर कार्रवाइयों के पैटर्न का संकेत देता है। रिपोर्ट जारी होने के बाद, अमेरिकी विदेश विभाग के वरिष्ठ ब्यूरो अधिकारी रॉबर्ट गिलक्रिस्ट ने भारत से अपनी मानवाधिकार प्रतिबद्धताओं को बनाए रखने का आग्रह किया था।

 

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