ममता बनर्जी ने कई सीनियर पुलिस ऑफिसर का किया ट्रांसफर, कूचबिहार के एसपी सस्पेंड.

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ममता को सताने लगा राष्ट्रपति शासन का डर.

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण करने के कुछ ही घंटों बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पुलिस के उन तमाम बड़े अधिकारियों को फिर से उस पद पर तैनात कर दिया, जहां से चुनाव आयोग ने उन्हें हटाया था.

पुलिस महकमे में बड़ा फेरबदल करते हुए ममता बनर्जी ने 29 सीनियर पुलिस ऑफिसर का ट्रांसफर कर दिया. इनमें से अधिकतर का चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग ने तबादला कर दिया था.

5 मई की शाम को जारी आदेश के तहत जिन शीर्ष स्तर के अधिकारियों की पुराने पदों पर बहाली की गयी है, उनमें पुलिस महानिदेशक वीरेंद्र, अतिरिक्त महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) जावेद शमीम और महानिदेशक सुरक्षा विवेक सहाय शामिल हैं.

गृह मंत्रालय ने बंगाल सरकार से हिंसा पर फिर मांगी रिपोर्ट, ममता को सताने लगा राष्ट्रपति शासन का डर

राज्य सरकार ने कूचबिहार जिला के पुलिस अधीक्षक (एसपी) देवाशीष धर को निलंबित कर दिया है, जहां शीतलकुची विधानसभा सीट पर 10 अप्रैल को हुए मतदान के दौरान सीआइएसएफ की फायरिंग में चार लोगों की मौत हो गयी थी.

शीतलकुची फायरिंग की सीआइडी जांच के आदेश

ममता बनर्जी ने इस घटना को लेकर पहले ही सीआइडी जांच के आदेश दिये हैं. श्री धर के स्थान पर के कन्नन को पुलिस अधीक्षक बनाया गया है, जिन्हें चुनाव के दौरान पदस्थापना के इंतजार में रखा गया था.

निर्वाचन आयोग ने डीजीपी वीरेंद्र का तबादला कर उनके स्थान पर नीरज नयन पांडे को नया डीजीपी नियुक्त किया था. श्री पांडे को महानिदेशक (दमकल सेवा) नियुक्त किया गया है. इसी तरह, अतिरिक्त महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) जगमोहन का तबादला कर उन्हें सिविल डिफेंस में भेजा गया है, जबकि उनके स्थान पर एक बार फिर यह पद जावेद शमीम को सौंपा गया है.

विवेक सहाय फिर बने ममता के डीजी सिक्यूरिटी

वहीं, मेदिनीपुर के पुरबा में एक रैली के दौरान ममता बनर्जी के घायल होने के बाद उनकी सुरक्षा व्यवस्था में कथित चूक को लेकर आयोग ने विवेक सहाय को डीजी सुरक्षा के पद से हटा दिया था. अलग से जारी एक आदेश में उन्हें उनके पहले के पद पर फिर तैनात किया गया है.

विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. गृह मंत्रालय की ओर से दूसरी बार रिपोर्ट मांगे जाने के बाद ममता बनर्जी को बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाये जाने की आशंका सताने लगी है.

दरअसल, केंद्र सरकार ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा रिपोर्ट नहीं भेजने की सूरत में इस मामले को गंभीरता से लिया जायेगा. अधिकारियों के मुताबिक, राज्य सरकार को समय गंवाये बिना ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने को भी कहा गया है.

बुधवार को भेजी गयी चिट्ठी में गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव से कहा कि तीन मई को राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा पर तत्काल रिपोर्ट तलब की गयी थी. अधिकारियों ने बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार ने अब तक रिपोर्ट नहीं भेजी है.

पत्र में कहा गया है कि नवीनतम सूचना के मुताबिक पश्चिम बंगाल में हिंसा की घटनाएं नहीं रुकी हैं. इसका मतलब यह है कि राज्य सरकार ने इन्हें नियंत्रित करने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाये हैं. पत्र में कहा गया कि इसलिए बिना समय गंवाये इन घटनाओं को रोकने के लिए तत्काल जरूरी कदम उठाने की जरूरत है.

इसमें कहा गया है कि तत्काल विस्तृत रिपार्ट गृह मंत्रालय को भेजी जानी चाहिए. पत्र के मुताबिक, यदि राज्य सरकार रिपोर्ट नहीं भेजती है, तो इस मामले को गंभीरता से लिया जायेगा. पत्र के इसी अंश के बाद ममता बनर्जी को लगने लगा है कि भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार हिंसा को आधार बनाकर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा सकती है.

उल्लेखनीय है कि आक्रामक चुनाव प्रचार के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस ने लगातार तीसरी जीत दर्ज की, लेकिन रविवार को चुनाव नतीजे आने के बाद से ही पश्चिम बंगाल में हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं.

राज्य के विभिन्न हिस्सों में चुनाव बाद हुई हिंसा में बुधवार तक कम से कम एक दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है. भाजपा ने आरोप लगाया है कि तृणमूल कांग्रेस समर्थित गुंडों ने उसके कार्यकर्ताओं की हत्या की, महिला सदस्यों पर हमला किया, घरों में तोड़-फोड़ की और सदस्यों के दुकानों में लूटपाट एवं कार्यालय में आगजनी की.

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बुधवार को दावा किया कि चुनाव के बाद हुई हिंसा में भाजपा के कम से कम 14 कार्यकर्ता मारे गये हैं और एक लाख लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है. उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चुप्पी उनकी भूमिका बताती है.

ममता बोलीं- जहां भाजपा जीती, वहीं हिंसा हुई

ममता बनर्जी ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जिन इलाकों में हिंसा और झड़प हो रही है, वहां पर भाजपा चुनाव जीती है. मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद राज्य सचिवालय नबान्न में संवाददाताओं से ममता बनर्जी ने कहा कि सोशल मीडिया पर हिंसा के जो वीडियो साझा किये जा रहे हैं, उनमें से अधिकतर या तो फर्जी हैं या पुराने हैं.

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ममता बनर्जी ने कहा, मैंने गौर किया है कि हिंसा और झड़प की घटनाएं उन्हीं इलाकों में हो रही हैं, जहां पर भाजपा चुनाव जीती है. इन इलाकों को काले धब्बे की तरह देखा जाना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि ये घटनाएं तब हुईं, जब कानून-व्यवस्था निर्वाचन आयोग के अधीन था.

उन्होंने कहा, पश्चिम बंगाल में पिछले तीन महीनों में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हुई है. कुछ छिटपुट घटनाएं हुई हैं और सभी वास्तविक नहीं हैं. उनमें अधिकतर फर्जी हैं. भाजपा पुराने वीडियो दिखा रही है.

हिंसा में लिप्त लोगों से कड़ाई से निबटेंगे – ममता

ममता बनर्जी ने कहा कि सभी जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ऐसी किसी भी स्थिति से कड़ाई से निबटें. ममता बनर्जी ने कहा, यदि कोई भी किसी भी घटना में लिप्त पाया जायेगा, तो हम उससे कड़ाई से निबटेंगे. हम यहां अराजक स्थिति सहन नहीं करेंगे.

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