रघुनाथपुर : चैती छठ के तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया

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चौबीस घंटो से अधिक समय तक निर्जल व्रत करती है व्रती

श्रीनारद मीडिया,प्रसेनजीत चौरसिया, सीवान (बिहार)

आज चैत्र छठ का तीसरे दिन चैत्र शुक्ल षष्ठी तिथि में आर्द्रा नक्षत्र में शाम को डूबते सूर्य को पहला अर्घ्य दिया गया.वहीं सप्तमी तिथि यानी सोमवार को पुनर्वसु नक्षत्र में उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इसके बाद व्रती अपने व्रत का समापन करेंगी। चार दिवसीय महापर्व में व्रती अपनी संतान की लंबी आयु के लिए भगवान सूर्यनारायण की आराधना करती हैं। चैत्र में भी छठी मैय्या और सूर्य देव की पूजा का विधान है। इस बार चैत्र छठ पर्व की शुरुआत 12 अप्रैल को नहाय खाय के साथ हुई थी। 15 अप्रैल को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ इसका समापन होगा

 

चौबीस घंटो से अधिक समय तक निर्जल व्रत कर रही महिलाओं ने कहा कि यह व्रत संतान की लंबी उम्र, उसके स्वास्थ्य और सुखमय जीवन की कामना के साथ रखा जाता है। यह व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। 36 घंटों तक कठिन नियमों का पालन करते हुए इस व्रत को रखा जाता है। इस दौरान व्रती चौबीस घंटो से अधिक समय तक निर्जल व्रत रखते हैं।

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