आनी थी बेटी की बारात लेकिन निकली पिता की अर्थी.

आनी थी बेटी की बारात लेकिन निकली पिता की अर्थी.

ठेले पर लादकर ले गए कोरोना संक्रमित का शव.

बिना पीपीई किट के किया अंतिम संस्कार,क्यों?

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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भोजपुर जिले के दानापुर रेल मडंल के बिहिया सूर्य मंदिर के समीप शुक्रवार की सुबह ट्रेन की चपेट में आने से एक युवक की मौत हो गयी। मृत युवक नगर के वार्ड नं सात निवासी अरविंद कुमार लाल था। वह कपड़े की फेरी करता था। शाम को उसकी बेटी की बारात आने वाली थी। मौत की सूचना मिलते ही उसकी पत्नी और बेटी की तबीयत भी बिगड़ गयी।

स्थानीय लोगों की मदद से दोनों का इलाज कराया जा रहा है। इधर, युवक की मौत से घर से लेकर मुहल्ले तक शोक का लहर दौड़ गयी है। बताया जा रहा है कि युवक शुक्रवार की सुबह किसी काम से सूर्य मंदिर की तरफ गया था। तभी ट्रैक पार करने के दौरान किसी ट्रेन की चपेट में आ गया। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गयी।

इसकी सूचना मिलते ही उसके घर में कोहराम और रोना-धोना मच गया। पत्नी और बेटी दहाड़ मारकर रोने लगी। इस दौरान दोनों की तबीयत खराब हो गयी। तब मोहल्ले के लोगों ने इलाज कराया। बताया जाता है कि मृत युवक की तीन पुत्री व दो पुत्र है। उसकी आर्थिक स्थिति काफी खराब है। वह किसी तरह फेरी कर परिवार का भरण-पोषण करता था।

बेटी की डोली विदा करने से पहले उठ गयी पिता की अर्थी
मृत युवक की बेटी की शादी थी। शुक्रवार की शाम को ही बारात आने वाली थी। घर में शादी की तैयारी पूरी हो गयी थी। इस बीच सुबह ट्रेन की चपेट में आने से उसकी मौत हो गयी। ऐसे में उसकी अपने हाथों से बेटी को डोली पर पति के घर भेजने का सपना अधूरा रह गया। इधर, जिस घर से शाम को बेटी की डोली निकलनी थी। उस घर से सुबह पिता की अर्थी निकल रही थी। इससे पूरे मोहल्ले का माहौल गमगीन हो उठा था।

वहीं मौत के बाद उसके घर की शादी की खुशी मातम में बदल चुकी थी। मंगल गीत के बदले रोना-धोना मच गया था। घटनास्थल से लेकर घर तक परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। मोहल्ले के लोगों के सहयोग से एक ओर दाह संस्कार हुआ तो दूसरी ओर मां-बेटी का इलाज कराया जा रहा है।

गया जिले के अनुमंडलीय अस्पताल टिकारी में कोरोना संक्रमित की मौत के बाद शव ले जाने के लिए शव वाहन नहीं मिला। साढ़े तीन घंटे से अधिक इतंजार करने के बाद परिजन ठेले पर लादकर कोरोना संक्रमित का शव लेकर बाजितपुर घाट पहुंचे।

मृतक के भतीजे अंकेश कुमार ने बताया कि चाचा की तबीयत बिगड़ने पर गुरुवार की सुबह उन्हें अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती करवाया। अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। मृतक को एंटीजन किट से कोरोना जांच में संक्रमित पाया गया। उसके साथ रहे आठ परिजनों की जांच में एक व्यक्ति और संक्रमित मिला।

अस्पताल प्रबंधन ने शव को पीपीई किट में पैक कर दिया। अंकेश ने शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस की मांग की। उसे बताया गया कि शव ले जाने के लिए दूसरा वाहन आता है। अंकेश ने शव के साथ करीब साढ़े तीन घंटों से अधिक समय तक वाहन का इंतजार किया लेकिन वाहन नहीं पहुंचा। तब तक धूप में अस्पताल के मुख्य गेट के पास स्ट्रेचर पर शव पड़ा रहा।

अंकेश ने निजी वाहन और ठेला वालों से संपर्क किया लेकिन सभी ने कोरोना संक्रमित के शव को ले जाने मना कर दिया। इसके बाद अंकेश किसी पहचान वाले से ठेला मांगकर शव को ठेला से बाजितपुर श्मशान घाट लेकर पहुंचा। शाम चार बजे अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी। हालांकि उस वक्त तक कोई सरकारी कर्मी वहां नहीं पहुंचे थे। अस्पताल के मैनेजर अजीत कुमार ने बताया कि शव ले जाने के लिए शव वाहन होता है। वह प्रशासन की ओर से मुहैया कराया जाता है। कोरोना संक्रमित की मौत की सूचना एसडीएम को दे दी गई थी।

एसडीएम करिश्मा ने कहा, ‘दोपहर एक बजे मरीज के मौत की सूचना अनुमंडलीय अस्पताल प्रशासन ने दी। सूचना के तुरंत बाद जिला से बात कर शव वाहन मंगाया गया। जब तक शव वाहन आता परिजन शव को लेकर जा चुके थे।’

मुंगेर जिले के हवेली खड़गपुर प्रखंड के बैजलपुर पंचायत के प्रसन्नडो गांव में रहने वाले प्रकार नारायाण सिंह की पत्नी की कोरोना से मौत हो गई। परिजन बिना पीपीई किट के ही शव को अंतिम संस्कार के लिए मुंगेर ले गए। इसमें उनके परिवार के कुछ संक्रमित सदस्य भी शामिल हैं। उन्हें होम आइसोलेशन में रहने का निर्देश दिया गया था।

जानकारी के अनुसार, दो दिन पहले महिला को सांस लेने में दिक्कत हुई थी। इलाज के लिए उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हवेली खड़गपुर लाया गया था। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. लाल बहादुर गुप्ता ने बताया कि महिला जांच में कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी। उसे सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी। उसे मुंगेर रेफर किया गया था।

महिला के पारिवारिक सदस्य और जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सदस्य हिमांशु कुमार सिंह ने कहा, ‘मेरी दीदी को सांस लेने में परेशानी के बाद रेफर किया गया। मुंगेर के अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया। इसके बाद परिजनों मंगलवार को उन्हें घर वापस ले आए। यहां ऑक्सीजन की कमी से जूझते हुए गुरुवार सुबह उनकी मौत हो गई।’

उन्होंने बताया कि महिला के परिवार के कई सदस्य कोविड पॉजिटिव हैं। ऐसे में दाह संस्कार के लिए कोई भी वाहन तैयार नहीं हुआ। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को परिस्थिति की जानकारी दी गई लेकिन उन्होंने मोर्चरी वाहन की कमी की बात कही। मृतक महिला का अंतिम संस्कार करने वाले परिवार के सदस्य पॉजिटिव थे। वे शव को कंधा देकर ट्रैक्टर के जरिए मुंगेर स्थित विद्युत शवदाह गृह लाए। जहां उनका अंतिम संस्कार हुआ।

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