बिहार सरकार ने सेवा के दौरान मृत सिपाहियों के बारे में लिया बड़ा फैसला  

बिहार सरकार ने सेवा के दौरान मृत सिपाहियों के बारे में लिया बड़ा फैसला

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श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्‍क:

बिहार सरकार ने सेवा के दौरान मृत सिपाहियों के बारे में बड़ा फैसला लिया है।अब प्रदेश में विभागीय अनुकंपा समिति की अनुशंसा पर बाल सिपाही नियुक्त होंगे।इसके लिए न्यूनतम आयु 12 वर्ष रखी गयी है।
डीजीपी एसके सिंघल ने विभागीय अनुकंपा समिति की अनुशंसा पर 31 बाल सिपाहियों की नियुक्ति का आदेश जारी कर दिया है। जिससे बिहार पुलिस में बाल सिपाहियों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। दरअसल, बाल सिपाही की नियुक्ति को लेकर पिछले दिनों नियम में बदलाव किया गया था। नए नियम के तहत पहली बार बाल सिपाहियों की नियुक्ति हो रही है।

गौरतलब है कि ड्यूटी रहते हुए मृत पुलिसकर्मियों के नाबालिग आश्रितों को बाल सिपाही के पद पर नियुक्त करने के लिए पिछले दिनों विभागीय अनुकंपा समिति की बैठक हुई थी। इसमें जिला व इकाईयों से आए 45 प्रस्तावों पर विचार किया गया। इनमें 31 प्रस्ताव नियुक्ति के लिए फिट पाए गए। समिति द्वारा इनकी नियुक्ति की अनुशंसा डीजीपी से की गई थी। इनमें चार लड़कियां भी हैं।

वहीं बाल सिपाही की नियुक्ति से जुड़े 14 प्रस्तावों को लंबित रखा गया है। कागजात पूरे नहीं होने या फिर उम्र सीमा न्यूनतम 12 वर्ष नहीं होने के चलते इन प्रस्तावों को फिलहाल लंबित रखने का फैसला किया गया है।

नियम में हुआ था बदलाव
मृत पुलिसकर्मियों के नाबालिग बच्चों को बाल सिपाही के पद पर नियुक्त करने का प्रावधान बिहार में हैं। इसके लिए उम्र सीमा 12 से 18 वर्ष के बीच है। यानी बाल सिपाही बनने के लिए इस उम्र सीमा का होना जरूरी है। दिक्कत वहां आती थी जहां बच्चे की उम्र पुलिसकर्मी की मौत के वक्त सात साल से कम होती थी। पुलिस में अनुकंपा पर नियुक्ति के लिए पांच वर्षों के अंदर आवेदन करना होता है।

सात साल से कम उम्र के बच्चे के होने की सूरत में यह संभव नहीं होता था। जबतक वह बाल सिपाही के पद के लिए योग्य होता था पांच वर्ष की तय समय सीमा समाप्त हो जाती थी। ऐसे कई मामले सामने आने के बाद बाल सिपाही के लिए आवेदन की समय सीमा को समाप्त करने का फैसला पिछले दिनों लिया गया था।

पढ़ाई के बाद कुछ घंटे काम
एडीजी मुख्यालय जेएस गंगवार ने बताया कि बाल सिपाही के पद नियुक्त किशोरों से सामान्य सिपाही की तरह काम नहीं लिया जाता। स्कूल-कॉलेज में क्लास के बाद पुलिस के दफ्तर में कुछ घंटे के लिए उन्हें काम करना होता है। सिपाही का आधा वेतन देने का प्रावधान है। 18 वर्ष की उम्र सीमा के बाद ये शारीरिक रूप से फिट होने पर सिपाही बनते हैं, अन्यथा इन्हें छूट देकर इस पद पर नियुक्त किया जाता है।

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