आपदा के दौरान आपातकालीन स्थिति में गुणवत्तापूर्ण पोषण सुनिश्चित करने के लिए विभाग कटिबद्ध

आपदा के दौरान आपातकालीन स्थिति में गुणवत्तापूर्ण पोषण सुनिश्चित करने के लिए विभाग कटिबद्ध

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
PETS Holi 2024
previous arrow
next arrow

आंगनबाड़ी सेविकाओं के द्वारा पोषण से संबंधित जानकारी देने के उद्देश्य से बैठक का किया गया आयोजन: प्रफुल्ल
बाढ़ प्रभावित इलाकों में पोषण एवं स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता: पुनीता

श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया, (बिहार):


आईसीडीएस के साथ यूनिसेफ़ को सहयोग करनी वाली संस्था जीपीएसवीएस द्वारा संयुक्त रूप से बैसा आईसीडीएस कार्यालय सभागार में बाढ़ प्रभावित इलाकों के सभी सेविकाओं को आपदा के दौरान आपातकालीन स्थिति में गुणवत्तापूर्ण पोषण सुनिश्चित करने के लिए बैठक सह प्रशिक्षण का आयोजन किया गया।

महिला पर्यवेक्षिका पुनीता कुमारी एवं माला कुमारी के अलावा जीपीएसवीएस के जिला समन्वयक प्रफुल्ल कुमार इस बैठक में उपस्थित थे।

बैठक में कहा गया कि स्वस्थ बच्चे की पहचान, समुदाय स्तर पर पोषण के प्रति लोगों को जागरूक करना, एनीमिया की रोकथाम के लिए पारंपरिक भोजन के माध्यम से उचित पोषाहार की प्राप्ति सहित अन्य विषयों पर आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से लोगों को प्रेरित किया जाना चाहिए। इस अवसर पर प्रखंड समन्वयक रमेंद्र कुमार यादव एवं शब्बीर अहमद सहित सैकड़ों आंगनबाड़ी सेविका उपस्थित थी।

 

आंगनबाड़ी सेविकाओं के द्वारा पोषण से संबंधित जानकारी देने के उद्देश्य से बैठक का किया गया आयोजन: प्रफुल्ल
जीपीएसवीएस के जिला समन्वयक प्रफुल्ल कुमार ने कहा कि प्राकृतिक और मानवजनित आपदाएं ज़िले में हर साल हजारों परिवारों को प्रभावित करती हैं। जिसमें प्रमुख प्रतिकूल घटनाओं में जीवन और भौतिक विनाश के विनाशकारी नुकसान की संभावनाएं बनी रही है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में निवास करने वाले ग्रामीणों को सबसे अधिक चिंता की भावना, लगातार चिंता करना, सोने में परेशानी सहित कई अन्य प्रकार की अवसाद; जैसे : घटना के पहले एवं बाद की परेशानियों को लेकर चिंतित रहना जैसी आपदाओं के लिए सामान्य प्रतिक्रियाएं होना लाजिमी है। लेकिन इन सभी से अलग खानपान को लेकर जितनी चिंतायें सताती हैं शायद उसकी भरपाई करना बहुत ही ज्यादा मुश्किल होता है। बैसा प्रखंड का अधिकांश क्षेत्र मनझोंक, रायबैर, आशियानी, मालोपाड़ा पंचायत के दर्जनों गांव बाढ़ प्रभावित इलाके की श्रेणी में आता है। लिहाज़ा उन क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों के लिए आंगनबाड़ी सेविकाओं के माध्यम से पोषण से संबंधित जानकारी देने के उद्देश्य से बैठक का आयोजन किया गया।

यह भी पढ़े

सीवान के लाल शोभित श्रीवास्तव ने 66वीं बीपीएससी परीक्षा में हासिल किया 155 वां रैंक 

दुबई से 25 दिन बाद हथौड़ा पहुंचा मुन्‍ना यादव का शव

तीन दिवसीय खेढ़वा मेला  हुआ प्रारंभ, पूजा के लिए पहुंचे लाखों की संख्‍या में श्रद्धालु 

सीमा पर तैनात जवानों को कौन बांधता है राखी ? उन तक कैसे पहुंचते हैं बहनों के भेजे राखी, पढ़े यह खबर

 

 

 

बाढ़ प्रभावित इलाकों में पोषण एवं स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता: पुनीता
बैसा प्रखंड की महिला पर्यवेक्षिका पुनीता कुमारी ने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों को प्रबंधन से लेकर स्वस्थ जीवनशैली के बारे में जागरूक करने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी बताया कि गर्भवती एवं धातृ महिलाओं को स्तनपान कराने की दिशा में विशेष रूप से ध्यान देना होगा। किशोरियों को मासिक धर्म के समय सावधानीपूर्वक सफाई को लेकर जागरूक करने की जरूरत है। क्योंकि बाढ़ प्रभावित इलाकों में सेनेटरी पैड की किल्लत होती है। आंगनबाड़ी केंद्रों पर उम्र के हिसाब से बच्चों की वृद्धि की समुचित निगरानी करना, बच्चों का वजन करते हुए विशेष रूप से खानपान पर ध्यान देने की जरूरत है। बाढ़ के समय किस तरह की सावधानियां बरतनी हैं उसको लेकर विस्तृत रूप से जानकारी दी गई। बरसात के समय पोषण किट बनाने को लेकर भी चर्चा की गई।

Leave a Reply

error: Content is protected !!