बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने से जीवन में सरसता और मधुरता का वास होता है।

बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने से जीवन में सरसता और मधुरता का वास होता है।

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

हिंदू कलेंडर के अनुसार हर वर्ष माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा अर्चना करने का विशेष महत्व है। इस बार बसंत पंचमी 05 फरवरी को मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यता है कि मां सरस्वती को ज्ञान और बुद्धि की देवी माना जाता है। मां सरस्वती की पूजा करने से व्यक्ति को करियर और शिक्षा के क्षेत्र में सफलता मिलती है।

खासतौर से नौकरी-पेशा, स्कूल-कॉलेज, संस्थान और कला के क्षेत्र से जुड़े लोग इस दिन मां सरस्वती की पूजा करते हैं। आइए जानते हैं कि वो कौन सी चीजें हैं जो इस दिन मां सरस्वती को अर्पित करने से करियर और शिक्षा के क्षेत्र में मिलता है सफलता का वरदान…

इस विशेष अवसर पर सिद्ध, साध्य और रवि योग के त्रिवेणी योग में ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा की जाएगी। जो कार्य में शुभता और सिद्धि प्रदान करती है। अबूझ मुहूर्त के चलते शहर भर में एक हजार से अधिक विवाह कार्यक्रम होंगे। इसके साथ ही विद्यारंभ समारोह होगा और मंदिरों में मां सरस्वती का विशेष श्रृंगार और पूजा की जाएगी।

1.बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को सफेद व पीले वस्त्र चढ़ाएं। इसके आलावा पीले वस्त्र पहनने से मां सरस्वती प्रसन्न होते हैं। पीला रंग हिंदू धर्म में ज्ञान और शुभता रंग माना जाता है। ये रंग मां सरस्वती का प्रतीक माना जाता है।

2. मां सरस्वती को पीले या सफेद फूल चढ़ाने से देवी सरस्वती प्रसन्न होती हैं और भक्तों को मनचाहा वरदान देती हैं। इस दिन पूजन में बसंत पंचमी पर मां सरस्वती को पीले या सफेद रंग की मिठाई अर्पित करनी चाहिए।

3.बंसत पंचमी के दिन मां सरस्वती को पीले रंग के ही फल चढ़ाए जाते हैं। सरस्वती पूजन में केला या फिर संतरा चढ़ाने सबसे शुभ माना जाता है।

4- मां सरस्वती को श्वेत वर्णा माना जाता है। बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को दूध, दही और मक्खन अर्पित करने से ज्ञान और बुद्धि का वरदान मिलता है।

5- जिन लोगों के विवाह में विलंब हो रहा हो उन्हें बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को केसर व हल्दी मिश्रित चावल अर्पित करना चाहिए।

6-बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को श्वेत चंदन ने तिलक लगाने का विशेष महत्व माना गया है। पूजन के बाद मां सरस्वती के चरणों से लेकर श्वेत चंदन का तिलक लगाए। शिक्षा क्षेत्र में मिलती है सफलता।

7- बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती मधु या शहद जरूर चढ़ाए। ऐसा करने से जीवन में सरसता और मधुरता का वास होता है।

बसंत पंचमी का दिन दोषमुक्त दिन माना जाता है। इसी वजह से इसे सेल्फ साइडिंग और अबूझ मुहूर्त भी कहा जाता है। इसी वजह से इस दिन बड़ी संख्या में शादियां होती हैं। विवाह के अलावा मुंडन समारोह, यज्ञोपवीत, गृह प्रवेश, वाहन खरीदना आदि शुभ कार्य भी किए जाते हैं। इस दिन को बागेश्वरी जयंती और श्री पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुमित सूरी के मुताबिक मुहूर्त पर कोरोना प्रोटोकॉल के पालन के साथ शादियां हो रही हैं। बसंत पंचमी पर एक हजार से अधिक विवाह कार्यक्रम होंगे।

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