क्या मुस्लिम विश्वविद्यालय के नाम में बदलाव होना चाहिए?

क्या मुस्लिम विश्वविद्यालय के नाम में बदलाव होना चाहिए? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की अन्य शक्तियां मुख्य रूप से सामान्य हैं। इस संबंध में केवल एक महत्वपूर्ण सिफारिश है कि अध्ययन विभाग को स्वायत्त विभाग बनाया जाए। विजिटर की शक्तियां वही होंगी, जो अधिकांश विश्वविद्यालयों में हैं। उनमें केवल एक परिवर्तन अब…

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विदेशी पर्यटकों का दो फीसदी से भी कम भारत क्यों आते है?

विदेशी पर्यटकों का दो फीसदी से भी कम भारत क्यों आते है? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क लक्षद्वीप विश्व पर्यटन मानचित्र पर छाते हुए दिख रहा है. चार जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लक्षद्वीप पर पहुंचे थे. उन्होंने अपनी तस्वीरें साझा कीं और भारतीयों से लक्षद्वीप घूमने की अपील करते हुए कहा कि जो लोग रोमांच…

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क्या विवाह की आयु सीमा बढ़ाने पर माता-पिता उसकी शिक्षा पर अधिक ध्यान देंगे?

क्या विवाह की आयु सीमा बढ़ाने पर माता-पिता उसकी शिक्षा पर अधिक ध्यान देंगे? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क विश्व बैंक का यह भी आकलन है कि अगर हर लड़की 12 साल की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करे, तो वैश्विक अर्थव्यवस्था की कमाई 30 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ सकती है. किशोरावस्था में विवाह से किसी भी देश…

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वह दिन कब आएगा जब भारत पढ़ने आएंगे छात्र?

वह दिन कब आएगा जब भारत पढ़ने आएंगे छात्र? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया जैसे विकसित देशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए भारतीय उच्च मध्यवर्गीय परिवारों के छात्र बड़ी संख्या में जा रहे हैं। साथ ही, पंजाब, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना के किसानों के बच्चे भी जमीन बेचकर विदेश जा…

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नव वर्ष में नये संकल्प के साथ आगे बढ़ा जाए,कैसे?

नव वर्ष में नये संकल्प के साथ आगे बढ़ा जाए,कैसे? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क नया साल आ गया, 2023 का खाता बंद और 2024 का शुरू. अक्सर नया साल शुरू होने से पहले हम बहुत सारी बातें सोचते हैं, नये संकल्पों पर विचार करते हैं, लेकिन साल की समाप्ति पर प्रायः यही नजर आता है…

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बैंकिंग क्षेत्र के अवसर और चुनौतियां से क्या तात्पर्य है?

बैंकिंग क्षेत्र के अवसर और चुनौतियां से क्या तात्पर्य है? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क लगभग एक दशक तक ‘बैड लोन’ (bad loan) की बढ़ती चुनौतियों से जूझने के बाद हाल के समय में भारत की बैंकिंग प्रणाली में उल्लेखनीय पुनरुत्थान नज़र आया है। नीतिनिर्माताओं के ठोस प्रयासों और बैंकों द्वारा उठाये गए सक्रिय क़दमों की…

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नव वर्ष कैसा होना चाहिए?

नव वर्ष कैसा होना चाहिए? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क ग्रेगेरियन कैलेंडर के अनुसार अंग्रेजी नव वर्ष प्रारंभ हो गया है| जो बीत गया वह कल था और जो आने वाला है वह भी कल होगा| चिंतन करने पर ज्ञात होता है कि भारतीय दर्शन में समय को एक अविछिन्न प्रवाह के सिद्धांत के रूप में…

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क्या नये संसद भवन पर प्रश्न नहीं किए जा सकते है?

क्या नये संसद भवन पर प्रश्न नहीं किए जा सकते है? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क पुराने सेंट्रल विस्टा की भी अधिकतर इमारतों को यथावत रख कर अथवा उनका नवीनीकरण करते हुए उनको भी उपयोग में लाया जा रहा है. अंग्रेजी साम्राज्यवाद के चिह्नों के स्थान पर आजादी के अमृतकाल में राज पथ के स्थान पर…

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संस्कृति को दूषित करने का बीड़ा क्या संपन्न वर्ग ने ही उठा रखा है,कैसे?

संस्कृति को दूषित करने का बीड़ा क्या संपन्न वर्ग ने ही उठा रखा है,कैसे? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क कुछ समय पहले तक शहर के अंदर मैरिज हॉल मैं शादियाँ होने की परंपरा चली परंतु वह दौर भी अब समाप्ति की ओर है। अब शहर से दूर महंगे रिसोर्ट में शादियाँ होने लगी हैं। शादी के…

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भारत की साइबर सुरक्षा की क्या चुनौतियाँ है?

भारत की साइबर सुरक्षा की क्या चुनौतियाँ है? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क दुनिया डिजिटलीकरण के क्षेत्र में आगे बढ़ रही है, साइबर हमलों का खतरा भी बढ़ता जा रहा है और भारत भी इससे अछूता नहीं है। अक्टूबर 2023 में अमेरिकी कंपनी ‘रिसिक्योरिटी’ (Resecurity) ने उजागर किया कि भारतीयों के निजी डेटा डार्क वेब (dark…

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पंडित मदन मोहन मालवीय जी का क्या था स्वराज्य?

पंडित मदन मोहन मालवीय जी का क्या था स्वराज्य? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क स्वतंत्रता का न होना, उन्नति के अवसरों को खोना है, उन्नति के अवसरों को खोना, अधःपतन है; और अधःपात मृत्यु के तुल्य है। – -पंडित मदन मोहन मालवीय पंडित मदन मोहन मालवीय स्वराज्य को मानवीय धर्म का महामंत्र मानते थे; क्योकि पराधीनता…

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जेएनयू भविष्य की अनिश्चितताओं का स्रोत।

जेएनयू भविष्य की अनिश्चितताओं का स्रोत। विचारों की स्वतंत्रता जेएनयू की विशेषता। श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क जीवन तमाम संभावनाओं के साथ एक अंतहीन प्रतीक्षा है न संभावनाओं का अंत है न ही प्रतीक्षा का! जेएनयू में एक कहावत है-आप अमेरिका जा सकते हैं और मुनिरका भी। नमस्कार। एक बार पुन: 23 वर्ष पुरानी याद को…

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थोड़ कइलें गान्ही बाबा ढ़ेर कइलस लोगवा

थोड़ कइलें गान्ही बाबा ढ़ेर कइलस लोगवा श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क ई सारन आ चम्पारन में प्रचलित लोक – उक्ति ह। एकरा से ई व्यंजित होला कि भोजपुरी जन का तिल के तार आ राई के पहाड़ बनावे खूब आवेला। भोजपुरी मनई भावुक ढ़ेर होलें। जब सराहे लगिहें त अइसन कसिदा कढ़िहें कि ऊ कसिदवे…

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अन्न की बर्बादी क्यों नहीं करनी चाहिए?

अन्न की बर्बादी क्यों नहीं करनी चाहिए? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क अनाज की बर्बादी का मुख्य कारण समुचित भंडारण का न होना है. इस अभाव को पाटना जरूरी है. अनाज संरक्षण के लिए केवल भारतीय खाद्य निगम के कुछ केंद्रों और छोटे-छोटे निजी गोदामों पर निर्भर नहीं रहा जा सकता है. बरसात के दिनों में…

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रामानुजन को ‘गणितज्ञों का गणितज्ञ’ क्यों कहा जाता है?

रामानुजन को ‘गणितज्ञों का गणितज्ञ’ क्यों कहा जाता है? श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क रामानुजन द्वारा गणित में की गयी अद्‌भुत खोजें ही आज के आधुनिक गणित और विज्ञान की आधारशिला बनीं. संख्या सिद्धांत पर रामानुजन के अद्भुत कार्य के लिए उन्हें ‘संख्याओं का जादूगर’ माना जाता है. रामानुजन को ‘गणितज्ञों का गणितज्ञ’ भी कहा जाता…

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